Comments - तरही ग़ज़ल नम्बर 2,कुछ नये क़वाफ़ी के साथ । - Open Books Online2024-03-29T05:15:05Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A906335&xn_auth=noआदरणीय समर साहब फिर से आपकी ए…tag:openbooks.ning.com,2018-01-04:5170231:Comment:9079172018-01-04T04:15:05.193ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p style="text-align: left;">आदरणीय समर साहब फिर से आपकी एक उम्दा ग़ज़ल पढ़ने को मिली और जैसी कि उम्मीद थी आपसे, नए नए काफियों पर इस आसान बह्र में अच्छे अशआर पढ़ने को मिले। कामयाब ग़ज़ल के लिए शेर दर शेर मुबारक बाद कुबूल करें। </p>
<p style="text-align: left;">आदरणीय समर साहब फिर से आपकी एक उम्दा ग़ज़ल पढ़ने को मिली और जैसी कि उम्मीद थी आपसे, नए नए काफियों पर इस आसान बह्र में अच्छे अशआर पढ़ने को मिले। कामयाब ग़ज़ल के लिए शेर दर शेर मुबारक बाद कुबूल करें। </p> चूस लेती है बदन का ये लहू
शाइ…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9075212018-01-01T12:44:32.809Zनादिर ख़ानhttp://openbooks.ning.com/profile/Nadir
<p>चूस लेती है बदन का ये लहू</p>
<p>शाइरी भी कितनी ख़ूँँ आशाम है ...सही फ़रमाया जनाब </p>
<p></p>
<p></p>
<p>उसको छूने से भी मुझको डर लगे</p>
<p>इस क़दर नाज़ुक वो गुल अंदाम है... ग़ज़ब की कारीगरी </p>
<p>उम्दा ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद जनाब समर साहब |</p>
<p>चूस लेती है बदन का ये लहू</p>
<p>शाइरी भी कितनी ख़ूँँ आशाम है ...सही फ़रमाया जनाब </p>
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<p>उसको छूने से भी मुझको डर लगे</p>
<p>इस क़दर नाज़ुक वो गुल अंदाम है... ग़ज़ब की कारीगरी </p>
<p>उम्दा ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद जनाब समर साहब |</p> जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9074692018-01-01T09:23:37.076ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> जनाब संदीप कुमार जी आदाब,ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9073642018-01-01T09:21:55.807ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब संदीप कुमार जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब संदीप कुमार जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> जनाब अफ़रोज़ 'सहर' साहिब आदाब,ग़…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9075152018-01-01T09:20:10.434ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अफ़रोज़ 'सहर' साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब अफ़रोज़ 'सहर' साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9072882018-01-01T09:18:20.615ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> जनाब सुशील सरना जी आदाब,,ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9072872018-01-01T09:16:32.069ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब सुशील सरना जी आदाब,,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> जनाब कालीपद प्रसाद मण्डल जी आ…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9075142018-01-01T09:14:59.568ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब कालीपद प्रसाद मण्डल जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब कालीपद प्रसाद मण्डल जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,ग़…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9075132018-01-01T09:13:16.492ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p> जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,ग़…tag:openbooks.ning.com,2018-01-01:5170231:Comment:9075122018-01-01T09:06:51.469ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>
<p>जनाब तस्दीक़ अहमद साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।</p>