Comments - आल्हा (वीर छंद) पर प्रथम प्रयास - Open Books Online2024-03-29T14:40:51Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A876651&xn_auth=noआदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी…tag:openbooks.ning.com,2017-09-06:5170231:Comment:8789892017-09-06T01:53:04.679ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी सादर, वीर छंद पर आपका यह प्रयास बहुत उत्तम हुआ है. प्रथम प्रयास में ही आपने छह छंद रच दिए है. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. //नही जमीर बिकाऊँ मेरा// इस चरण में गेयता के अतिरिक्त वर्तनी की अशुद्धियों पर अवश्य ध्यान दें.</p>
<p>शब्दो/शब्दों ,करू/करूँ,लू/लूँ........सादर.,</p>
<p>आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी सादर, वीर छंद पर आपका यह प्रयास बहुत उत्तम हुआ है. प्रथम प्रयास में ही आपने छह छंद रच दिए है. बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें. //नही जमीर बिकाऊँ मेरा// इस चरण में गेयता के अतिरिक्त वर्तनी की अशुद्धियों पर अवश्य ध्यान दें.</p>
<p>शब्दो/शब्दों ,करू/करूँ,लू/लूँ........सादर.,</p> आद0 गोपाल नारायण श्रीवास्तव जीtag:openbooks.ning.com,2017-08-30:5170231:Comment:8770062017-08-30T07:44:27.304Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी
आद0 गोपाल नारायण श्रीवास्तव जी आद0 गोपक नारायण जी सादर अभिवा…tag:openbooks.ning.com,2017-08-30:5170231:Comment:8770052017-08-30T07:43:27.872Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 गोपक नारायण जी सादर अभिवादन, रचना पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार।
आद0 गोपक नारायण जी सादर अभिवादन, रचना पर उपस्थित होकर उत्साहवर्धन के लिए सादर आभार। सुने नहीं उनकी चीत्कार|| मा…tag:openbooks.ning.com,2017-08-30:5170231:Comment:8771752017-08-30T07:37:44.901Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p><span>सुने नहीं उनकी चीत्कार|| मात्रा 15 होने पर भी रिदम बाधित करता है चीत्कार . ऐसे शब्दों से बचना चाहिए , आपका प्रथम प्रयास है तो आपने बहुत अच्छी रचना की है . आपको बधाई . </span></p>
<p><span>सुने नहीं उनकी चीत्कार|| मात्रा 15 होने पर भी रिदम बाधित करता है चीत्कार . ऐसे शब्दों से बचना चाहिए , आपका प्रथम प्रयास है तो आपने बहुत अच्छी रचना की है . आपको बधाई . </span></p> आद0 कल्पना भट्ट जी सादर अभिवा…tag:openbooks.ning.com,2017-08-29:5170231:Comment:8770122017-08-29T09:30:38.674Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 कल्पना भट्ट जी सादर अभिवादन, रचना पर आपकी उपस्थिति नया उत्साह जगाती है। रचना पसन्द करने के लिए आभार
आद0 कल्पना भट्ट जी सादर अभिवादन, रचना पर आपकी उपस्थिति नया उत्साह जगाती है। रचना पसन्द करने के लिए आभार आद0 समर साहब सादर प्रणाम, आपन…tag:openbooks.ning.com,2017-08-29:5170231:Comment:8768002017-08-29T09:29:04.572Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 समर साहब सादर प्रणाम, आपने सराहना पाकर लिखना सार्थक हो गया। उत्साहवर्धन के लिए हृदय से आभार आपका।
आद0 समर साहब सादर प्रणाम, आपने सराहना पाकर लिखना सार्थक हो गया। उत्साहवर्धन के लिए हृदय से आभार आपका। बहुत सुंदर सृजन , हार्दिक बधा…tag:openbooks.ning.com,2017-08-29:5170231:Comment:8768522017-08-29T07:36:31.425ZKALPANA BHATT ('रौनक़')http://openbooks.ning.com/profile/KALPANABHATT832
<p>बहुत सुंदर सृजन , हार्दिक बधाई आदरणीय |</p>
<p>बहुत सुंदर सृजन , हार्दिक बधाई आदरणीय |</p> जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आद…tag:openbooks.ning.com,2017-08-29:5170231:Comment:8767912017-08-29T07:14:10.115ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,आपका प्रथम प्रयास कामयाब रहा,बहुत उम्दा छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
जनाब सुरेन्द्र नाथ सिंह जी आदाब,आपका प्रथम प्रयास कामयाब रहा,बहुत उम्दा छन्द लिखे आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।