Comments - गजल(फिर गजल होगी....) - Open Books Online2024-03-28T15:39:59Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A876388&xn_auth=noआभार आ. लक्ष्मण जी।tag:openbooks.ning.com,2017-09-01:5170231:Comment:8784712017-09-01T04:05:43.781ZManan Kumar singhhttp://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
आभार आ. लक्ष्मण जी।
आभार आ. लक्ष्मण जी। बहुत सुंदर । आ. भाई मनन जी हा…tag:openbooks.ning.com,2017-09-01:5170231:Comment:8783892017-09-01T01:07:56.218Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
बहुत सुंदर । आ. भाई मनन जी हार्दिक बधाई ।
बहुत सुंदर । आ. भाई मनन जी हार्दिक बधाई । आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय गि…tag:openbooks.ning.com,2017-08-30:5170231:Comment:8774892017-08-30T15:17:16.411ZManan Kumar singhhttp://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज भाई।
आपका बहुत बहुत आभार आदरणीय गिरिराज भाई। आदरणीय मनन भाई , एक बीरली बहर…tag:openbooks.ning.com,2017-08-30:5170231:Comment:8777132017-08-30T15:05:19.065Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय मनन भाई , एक बीरली बहर पर खूबसूरत ग़ज़ल कही है , हार्दिक बधाइयाँ । आ. नीरज भाई जी का भी आभार , इस बहर के विषय मे जानकारी देने के लिये ।</p>
<p>आदरणीय मनन भाई , एक बीरली बहर पर खूबसूरत ग़ज़ल कही है , हार्दिक बधाइयाँ । आ. नीरज भाई जी का भी आभार , इस बहर के विषय मे जानकारी देने के लिये ।</p> आदरणीय नीरज जी,बहुत बहुत शुक्…tag:openbooks.ning.com,2017-08-29:5170231:Comment:8771142017-08-29T12:37:40.848ZManan Kumar singhhttp://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
आदरणीय नीरज जी,बहुत बहुत शुक्रिया आपका।अब किताब से देखकर मैं कहता,लेकिन आपने मेरा काम हल्का कर दिया।मुझे इस बहर का नाम याद नहीं था,लेकिन होती है,कहीं देखा था।आपका पुनः आभार।
आदरणीय नीरज जी,बहुत बहुत शुक्रिया आपका।अब किताब से देखकर मैं कहता,लेकिन आपने मेरा काम हल्का कर दिया।मुझे इस बहर का नाम याद नहीं था,लेकिन होती है,कहीं देखा था।आपका पुनः आभार। जनाब नीरज जी आदाब,जी मुझे माल…tag:openbooks.ning.com,2017-08-29:5170231:Comment:8768732017-08-29T12:21:38.614ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब नीरज जी आदाब,जी मुझे मालूम है,ये बात मैंने जनाब मनन जी से जानना चाही थी जिसका कोई कारण था ।
जनाब नीरज जी आदाब,जी मुझे मालूम है,ये बात मैंने जनाब मनन जी से जानना चाही थी जिसका कोई कारण था । जनाब समर कबीर साहब, आदाब, मफऊ…tag:openbooks.ning.com,2017-08-29:5170231:Comment:8768722017-08-29T12:05:58.825ZNiraj Kumarhttp://openbooks.ning.com/profile/NirajKumar406
<p>जनाब समर कबीर साहब, आदाब,<br/> मफऊलुन (222) इस बह्र में एक जायज़ अरकान है जिसे तशिश जिहाफ़ के अमल से हासिल किया गया है.(वैसे इसे खब्न और तस्कीन के अमल से भी हासिल किया जाता है.)<br/> सादर</p>
<p>जनाब समर कबीर साहब, आदाब,<br/> मफऊलुन (222) इस बह्र में एक जायज़ अरकान है जिसे तशिश जिहाफ़ के अमल से हासिल किया गया है.(वैसे इसे खब्न और तस्कीन के अमल से भी हासिल किया जाता है.)<br/> सादर</p> आदरणीय मनन जी, एक कम इस्तेमाल…tag:openbooks.ning.com,2017-08-29:5170231:Comment:8768692017-08-29T11:06:18.596ZNiraj Kumarhttp://openbooks.ning.com/profile/NirajKumar406
<p>आदरणीय मनन जी,<br/> एक कम इस्तेमाल की गयी बह्र(रमल मुसम्मन मुश्शश अल आखिर - फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन मफऊलुन) में यह एक अच्छी कोशिश है. मुबारकबाद.</p>
<p>आदरणीय मनन जी,<br/> एक कम इस्तेमाल की गयी बह्र(रमल मुसम्मन मुश्शश अल आखिर - फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन मफऊलुन) में यह एक अच्छी कोशिश है. मुबारकबाद.</p> जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,ग़…tag:openbooks.ning.com,2017-08-28:5170231:Comment:8765912017-08-28T16:15:01.882ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।<br />
ग़ज़ल के अरकान जो आपने लिखे हैं,2122 2122 2122 222आख़िर में 222 समझ नहीं आ रहा है 212 होता है ?जैसा कि जनाब राम अवध जी ने लिखा है ।
जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।<br />
ग़ज़ल के अरकान जो आपने लिखे हैं,2122 2122 2122 222आख़िर में 222 समझ नहीं आ रहा है 212 होता है ?जैसा कि जनाब राम अवध जी ने लिखा है । प्रयास अच्छा है। मात्रा गणना…tag:openbooks.ning.com,2017-08-28:5170231:Comment:8767582017-08-28T14:21:58.046ZRam Awadh VIshwakarmahttp://openbooks.ning.com/profile/RamAwadhVIshwakarma
प्रयास अच्छा है। मात्रा गणना सही नहीं है।<br />
बह्र है-<br />
फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन<br />
2122 2122 2122 212<br />
इस प्रकार कुछ शेर में सुधार की आवश्यकता है।<br />
अच्छे प्रयास के लिये बधाई
प्रयास अच्छा है। मात्रा गणना सही नहीं है।<br />
बह्र है-<br />
फाइलातुन फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन<br />
2122 2122 2122 212<br />
इस प्रकार कुछ शेर में सुधार की आवश्यकता है।<br />
अच्छे प्रयास के लिये बधाई