Comments - दुनिया के मर्ज़ (लघुकथा) /शेख़ शहज़ाद उस्मानी - Open Books Online2024-03-29T13:40:45Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A868556&xn_auth=noरचना पटल पर समय देकर हौसला अफ…tag:openbooks.ning.com,2017-07-27:5170231:Comment:8688692017-07-27T16:03:17.767ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
रचना पटल पर समय देकर हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय नीता कसार जी व आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी।
रचना पटल पर समय देकर हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय नीता कसार जी व आदरणीय बृजेश कुमार 'ब्रज' जी। वाह बहुत सही विश्लेषण किया है…tag:openbooks.ning.com,2017-07-26:5170231:Comment:8689652017-07-26T16:34:34.312Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
वाह बहुत सही विश्लेषण किया है हार्दिक बधाई आदरणीय..आजकल बच्चों को माँ बाप और डा. पालते हैं..दादी दादा और बड़ों की राय अब मायने नहीं रखती।
वाह बहुत सही विश्लेषण किया है हार्दिक बधाई आदरणीय..आजकल बच्चों को माँ बाप और डा. पालते हैं..दादी दादा और बड़ों की राय अब मायने नहीं रखती। शानदार संदेशप्रद कथा के लिया…tag:openbooks.ning.com,2017-07-25:5170231:Comment:8689422017-07-25T15:37:56.298ZNita Kasarhttp://openbooks.ning.com/profile/NitaKasar
शानदार संदेशप्रद कथा के लिया बधाई आद० उस्मानी जी ।जैसी नींव होगी वैसी ही इमारत बनेगी ।
शानदार संदेशप्रद कथा के लिया बधाई आद० उस्मानी जी ।जैसी नींव होगी वैसी ही इमारत बनेगी । मेरी इस लघुकथा के अनुमोदन व म…tag:openbooks.ning.com,2017-07-25:5170231:Comment:8687662017-07-25T14:05:43.009ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
मेरी इस लघुकथा के अनुमोदन व मुझे प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहब, Dr. Ashutosh Mishra जी, जनाब विजय निकोरे साहब, और आदरणीय मनीषा सक्सेना जी। हम सभी की रचनाओं पर इसी तरह टिप्पणी कर हमें प्रोत्साहित करते रहिएगा।
मेरी इस लघुकथा के अनुमोदन व मुझे प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब तस्दीक़ अहमद ख़ान साहब, Dr. Ashutosh Mishra जी, जनाब विजय निकोरे साहब, और आदरणीय मनीषा सक्सेना जी। हम सभी की रचनाओं पर इसी तरह टिप्पणी कर हमें प्रोत्साहित करते रहिएगा। मेरी इस लघुकथा पर समय देकर रच…tag:openbooks.ning.com,2017-07-25:5170231:Comment:8686862017-07-25T14:01:10.046ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
मेरी इस लघुकथा पर समय देकर रचना के अनुमोदन, मर्म तक जाने व मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब व मुहतरम जनाब समर कबीर साहब।
मेरी इस लघुकथा पर समय देकर रचना के अनुमोदन, मर्म तक जाने व मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब व मुहतरम जनाब समर कबीर साहब। मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पटल पर गौ…tag:openbooks.ning.com,2017-07-25:5170231:Comment:8686842017-07-25T13:58:00.702ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पटल पर गौरवमयी उपस्थिति, रचना के अनुमोदन व मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब रवि प्रभाकर साहब। आप सभी के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मार्गदर्शन में ही यह अभ्यास कर पा रहा हूं।
मेरी इस ब्लॉग पोस्ट पटल पर गौरवमयी उपस्थिति, रचना के अनुमोदन व मेरी हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब रवि प्रभाकर साहब। आप सभी के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मार्गदर्शन में ही यह अभ्यास कर पा रहा हूं। आदरणीय शेख उस्मानी जी आपकी हर…tag:openbooks.ning.com,2017-07-25:5170231:Comment:8686752017-07-25T11:05:54.535ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय शेख उस्मानी जी आपकी हर लघु कथा में एक नयी सोच होती है इस रचना के माध्यम से आपने जो सार्थक सन्देश दिया है अनुकरणीय है / इस रचना के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करें सादर </p>
<p>आदरणीय शेख उस्मानी जी आपकी हर लघु कथा में एक नयी सोच होती है इस रचना के माध्यम से आपने जो सार्थक सन्देश दिया है अनुकरणीय है / इस रचना के लिए ढेर सारी बधाई स्वीकार करें सादर </p> अच्छी सीख देने में आपकी लघु…tag:openbooks.ning.com,2017-07-25:5170231:Comment:8687572017-07-25T10:27:48.813Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
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<p> अच्छी सीख देने में आपकी लघुकथा बहुत ही सफ़ल हुई है। हार्दिक बधाई, आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी।</p>
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<p> अच्छी सीख देने में आपकी लघुकथा बहुत ही सफ़ल हुई है। हार्दिक बधाई, आदरणीय शहज़ाद उस्मानी जी।</p> पञ्च लाइन तो बढ़िया है ही और य…tag:openbooks.ning.com,2017-07-25:5170231:Comment:8688282017-07-25T05:43:20.527ZManisha Saxenahttp://openbooks.ning.com/profile/ManishaSaxena
<p>पञ्च लाइन तो बढ़िया है ही और ये लाइन भी सुन्दर लिखी है अपने उलझी किताबी ज्ञान ----------|बधाई |</p>
<p>पञ्च लाइन तो बढ़िया है ही और ये लाइन भी सुन्दर लिखी है अपने उलझी किताबी ज्ञान ----------|बधाई |</p> बढ़ीया लघुकथा है उस्मानी भाई…tag:openbooks.ning.com,2017-07-24:5170231:Comment:8687212017-07-24T07:30:46.486ZRavi Prabhakarhttp://openbooks.ning.com/profile/RaviPrabhakar
<p>बढ़ीया लघुकथा है उस्मानी भाई जी । / "दुनिया के साथ चलने में नहीं, दुनिया के मर्ज़ पालने में हर्ज़ है, समझे!"/ बहुत तीक्ष्ण पंक्ित है । सादर शुभकामनाएं ।</p>
<p>बढ़ीया लघुकथा है उस्मानी भाई जी । / "दुनिया के साथ चलने में नहीं, दुनिया के मर्ज़ पालने में हर्ज़ है, समझे!"/ बहुत तीक्ष्ण पंक्ित है । सादर शुभकामनाएं ।</p>