Comments - 'अदब की मुल्क में मिट्टी पलीद कैसे हो' - Open Books Online2024-03-29T13:47:51Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A866518&xn_auth=noजनाब भाई विजय निकोर जी आदाब,आ…tag:openbooks.ning.com,2017-10-08:5170231:Comment:8874042017-10-08T04:38:30.744ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब भाई विजय निकोर जी आदाब,आपकी ख़्वाहिश का एहतिराम करता हूँ,कोशिश ज़रूर करूँगा ।
जनाब भाई विजय निकोर जी आदाब,आपकी ख़्वाहिश का एहतिराम करता हूँ,कोशिश ज़रूर करूँगा । जनाब राज़ नवादवी साहिब आदाब,ग़ज़…tag:openbooks.ning.com,2017-10-08:5170231:Comment:8875902017-10-08T04:34:41.425ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब राज़ नवादवी साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
जनाब राज़ नवादवी साहिब आदाब,ग़ज़ल में शिर्कत और सुख़न नवाज़ी के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ । //उर्दू के हिसाब से सही व्याक…tag:openbooks.ning.com,2017-10-07:5170231:Comment:8874582017-10-07T19:13:07.584Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p><span>//उर्दू के हिसाब से सही व्याकरण 'घेर कर'ही होता है//</span></p>
<p></p>
<p><span>यह जानकारी बहुत ही अच्छी लगी। ऐसी ही अन्य जानकारी पर अगर आप कुछ लेख हिन्दी लिपि में लिख सकें तो ्बहुत ही अभार होगा।</span></p>
<p><span>सादर।</span></p>
<p><span>//उर्दू के हिसाब से सही व्याकरण 'घेर कर'ही होता है//</span></p>
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<p><span>यह जानकारी बहुत ही अच्छी लगी। ऐसी ही अन्य जानकारी पर अगर आप कुछ लेख हिन्दी लिपि में लिख सकें तो ्बहुत ही अभार होगा।</span></p>
<p><span>सादर।</span></p> आदरणीय समर कबीर साहब, बहुत ही…tag:openbooks.ning.com,2017-10-07:5170231:Comment:8874542017-10-07T17:48:38.703Zराज़ नवादवीhttp://openbooks.ning.com/profile/RazNawadwi
<p>आदरणीय समर कबीर साहब, बहुत ही शानदार ग़ज़ल कहने के लिए ढेरों सारी बधाइयां ! एक एक शेर सवा शेर से कम नहीं. मज़ा आ गया पढ़कर. सादर! </p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहब, बहुत ही शानदार ग़ज़ल कहने के लिए ढेरों सारी बधाइयां ! एक एक शेर सवा शेर से कम नहीं. मज़ा आ गया पढ़कर. सादर! </p> आपसे मिली जानकारी के लिए हार्…tag:openbooks.ning.com,2017-10-07:5170231:Comment:8873802017-10-07T17:30:38.458ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपसे मिली जानकारी के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय समर साहब </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p>
<p>आपसे मिली जानकारी के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय समर साहब </p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2017-10-07:5170231:Comment:8875712017-10-07T17:22:59.746ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,उर्दू के हिसाब से सही व्याकरण 'घेर कर'ही होता है,और रही गिराने की बात तो 'र'भी हर्फ़-ए-इल्लत के तौर पर गिराया जा सकता है,वैसे मिसरे की रवानी के लिहाज़ से 'के'भला मालूम होता है,इसे तस्लीम करता हूँ,ग़ज़ल की तारीफ़ के लिये शुक्रगुज़ार हूँ ।
जनाब सौरभ पाण्डेय साहिब आदाब,उर्दू के हिसाब से सही व्याकरण 'घेर कर'ही होता है,और रही गिराने की बात तो 'र'भी हर्फ़-ए-इल्लत के तौर पर गिराया जा सकता है,वैसे मिसरे की रवानी के लिहाज़ से 'के'भला मालूम होता है,इसे तस्लीम करता हूँ,ग़ज़ल की तारीफ़ के लिये शुक्रगुज़ार हूँ । //कर'भी 2 है और 'के'भी,लेकिन…tag:openbooks.ning.com,2017-10-07:5170231:Comment:8874532017-10-07T17:05:51.911ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>//<span>कर'भी 2 है और 'के'भी,लेकिन 'घेर कर'यहाँ बहतर है //</span></p>
<p></p>
<p><span>आदरणीय समर भाई, डॉक्टर साहब का सवाल वाज़िब है. ’कर’ की जगह, मुझे भी लगता है, ’के’ ही उचित होगा. ’के’ को गिराया जा सकता है, जिसकी यहाँ आवश्यकता है. देखिएगा और शंका निवारण कीजिएगा.</span></p>
<p><span>वैसे आपकी इस बेहतरीन ग़ज़ल पर दोबारा आना मुझे बड़ा भला लगा है. </span></p>
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<p>//<span>कर'भी 2 है और 'के'भी,लेकिन 'घेर कर'यहाँ बहतर है //</span></p>
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<p><span>आदरणीय समर भाई, डॉक्टर साहब का सवाल वाज़िब है. ’कर’ की जगह, मुझे भी लगता है, ’के’ ही उचित होगा. ’के’ को गिराया जा सकता है, जिसकी यहाँ आवश्यकता है. देखिएगा और शंका निवारण कीजिएगा.</span></p>
<p><span>वैसे आपकी इस बेहतरीन ग़ज़ल पर दोबारा आना मुझे बड़ा भला लगा है. </span></p>
<p></p> जनाब डॉ.आशुतोष मिश्रा जी आदाब…tag:openbooks.ning.com,2017-09-26:5170231:Comment:8842992017-09-26T12:02:29.158ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब डॉ.आशुतोष मिश्रा जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।<br />
'कर'भी 2 है और 'के'भी,लेकिन 'घेर कर'यहाँ बहतर है ।
जनाब डॉ.आशुतोष मिश्रा जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।<br />
'कर'भी 2 है और 'के'भी,लेकिन 'घेर कर'यहाँ बहतर है । आदरणीय समर सर आपकी हर रचना से…tag:openbooks.ning.com,2017-09-26:5170231:Comment:8841932017-09-26T10:18:30.465ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय समर सर आपकी हर रचना से सीखते है हम सब बड़ी विनम्रता के साथ अपने एक संशय का निवारण चाहता हूँ</p>
<p>बस अपनी समझ को पुख्ता करने के लिए इस मिसरे में ... <span>हमेशा घेर कर कुछ लोग बैठे रहते हैं.....घेर कर ..कर जहाँ है वहां मैं बह्र के हिसाब से दुबिधा में हूँ ..आदरणीय सर आप मेरी बात को अन्यथा मत लीजियेगा . सादर प्रणाम के साथ </span></p>
<p>आदरणीय समर सर आपकी हर रचना से सीखते है हम सब बड़ी विनम्रता के साथ अपने एक संशय का निवारण चाहता हूँ</p>
<p>बस अपनी समझ को पुख्ता करने के लिए इस मिसरे में ... <span>हमेशा घेर कर कुछ लोग बैठे रहते हैं.....घेर कर ..कर जहाँ है वहां मैं बह्र के हिसाब से दुबिधा में हूँ ..आदरणीय सर आप मेरी बात को अन्यथा मत लीजियेगा . सादर प्रणाम के साथ </span></p> बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,सुख़न…tag:openbooks.ning.com,2017-09-17:5170231:Comment:8817902017-09-17T15:27:34.134ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।
बहना कल्पना भट्ट जी आदाब,सुख़न नवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्रिया ।