Comments - ग़ज़ल...कौन भरे इस खालीपन को - Open Books Online2024-03-29T00:10:57Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A863619&xn_auth=noबहुत बहुत आभार आदरणीय विजय जी…tag:openbooks.ning.com,2017-07-03:5170231:Comment:8646042017-07-03T16:01:54.105Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
बहुत बहुत आभार आदरणीय विजय जी..
बहुत बहुत आभार आदरणीय विजय जी.. अच्छी गज़ल लिखी है। हार्दिक बध…tag:openbooks.ning.com,2017-07-02:5170231:Comment:8646672017-07-02T08:35:34.589Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>अच्छी गज़ल लिखी है। हार्दिक बधाई।</p>
<p>अच्छी गज़ल लिखी है। हार्दिक बधाई।</p> बहुत बहुत आभार डा. साहबtag:openbooks.ning.com,2017-07-01:5170231:Comment:8646542017-07-01T15:13:05.357Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
बहुत बहुत आभार डा. साहब
बहुत बहुत आभार डा. साहब हार्दिक बधाई भाई ब्रिजेश जी स…tag:openbooks.ning.com,2017-07-01:5170231:Comment:8643902017-07-01T10:41:37.765ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>हार्दिक बधाई भाई ब्रिजेश जी सादर </p>
<p>हार्दिक बधाई भाई ब्रिजेश जी सादर </p> आदरणीय समर कबीर जी रचना पटल प…tag:openbooks.ning.com,2017-06-28:5170231:Comment:8635632017-06-28T18:36:36.432Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
आदरणीय समर कबीर जी रचना पटल पे आपकी उपस्थिति सदैव प्रेरक होती है..पसंदगी के लिए एवं त्रुटि की और ध्यानाकर्षण करने के लिए आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ सादर
आदरणीय समर कबीर जी रचना पटल पे आपकी उपस्थिति सदैव प्रेरक होती है..पसंदगी के लिए एवं त्रुटि की और ध्यानाकर्षण करने के लिए आपका हार्दिक आभार व्यक्त करता हूँ सादर जनाब बृजेश कुमार'ब्रज'साहिब आ…tag:openbooks.ning.com,2017-06-28:5170231:Comment:8638452017-06-28T11:32:10.766ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब बृजेश कुमार'ब्रज'साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।<br />
5वें शैर में क़ाफ़िया दोष है,सही शब्द है "अम्न" देखियेगा ।
जनाब बृजेश कुमार'ब्रज'साहिब आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।<br />
5वें शैर में क़ाफ़िया दोष है,सही शब्द है "अम्न" देखियेगा । आदरणीय बृजेश कुमार जी आदाब, ब…tag:openbooks.ning.com,2017-06-28:5170231:Comment:8637432017-06-28T06:47:13.196ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
आदरणीय बृजेश कुमार जी आदाब, बहुत बेहतरीन ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे ।
आदरणीय बृजेश कुमार जी आदाब, बहुत बेहतरीन ग़ज़ल । शे'र दर शे'र दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल कीजिए । बाक़ी गुणीजन अपनी राय देंगे । आदरणीय वर्मा जी ह्रदय की गहरा…tag:openbooks.ning.com,2017-06-28:5170231:Comment:8635412017-06-28T05:30:21.667Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
आदरणीय वर्मा जी ह्रदय की गहराइयों से आपका आभार..सादर
आदरणीय वर्मा जी ह्रदय की गहराइयों से आपका आभार..सादर अदरणीय शर्मा जी सुन्दर शब्दों…tag:openbooks.ning.com,2017-06-28:5170231:Comment:8635392017-06-28T05:29:28.957Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
अदरणीय शर्मा जी सुन्दर शब्दों के लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन वंदन..सादर
अदरणीय शर्मा जी सुन्दर शब्दों के लिए आपका हार्दिक अभिनन्दन वंदन..सादर इस सुंदर प्रस्तुति के लिए तह…tag:openbooks.ning.com,2017-06-27:5170231:Comment:8636312017-06-27T11:24:39.021ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
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<tbody><tr><td height="20" align="left" width="576">इस सुंदर प्रस्तुति के लिए तहे दिल बधाई सादर</td>
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