Comments - धीरे-धीरे नदियाँ रेत बन गईं / कविता - Open Books Online2024-03-29T12:55:18Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A863270&xn_auth=noआदरणीय विजय निकोर जी आदाब, आप…tag:openbooks.ning.com,2017-07-02:5170231:Comment:8644062017-07-02T07:38:38.251ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
आदरणीय विजय निकोर जी आदाब, आपकी टिप्पणी से लेखन सार्थक हो गया । हार्दिक आभार ।
आदरणीय विजय निकोर जी आदाब, आपकी टिप्पणी से लेखन सार्थक हो गया । हार्दिक आभार । वर्तमान स्थिति पर सुन्दर कवित…tag:openbooks.ning.com,2017-07-02:5170231:Comment:8644002017-07-02T02:48:42.636Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>वर्तमान स्थिति पर सुन्दर कविता लिखी है। हार्दिक बधाई, आदरणीय आरिफ़ जी।</p>
<p>वर्तमान स्थिति पर सुन्दर कविता लिखी है। हार्दिक बधाई, आदरणीय आरिफ़ जी।</p> बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आदरण…tag:openbooks.ning.com,2017-06-28:5170231:Comment:8637542017-06-28T11:35:43.128ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी ।
बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी । मुहतरम जनाब आरिफ साहिब,आज के…tag:openbooks.ning.com,2017-06-28:5170231:Comment:8635482017-06-28T07:21:54.970ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
मुहतरम जनाब आरिफ साहिब,आज के हालात पर सुंदर कविता हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें
मुहतरम जनाब आरिफ साहिब,आज के हालात पर सुंदर कविता हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब…tag:openbooks.ning.com,2017-06-27:5170231:Comment:8636442017-06-27T14:21:51.407ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब आदाब, आपको रचना पसंद आई मेरा लेखन सार्थक हुआ । आप जैसे गुणीजनों की इस्लाह से हमारी लेखनी में सुधार होता है । मैं अभी सुधार कर लेता हूँ ।
आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब आदाब, आपको रचना पसंद आई मेरा लेखन सार्थक हुआ । आप जैसे गुणीजनों की इस्लाह से हमारी लेखनी में सुधार होता है । मैं अभी सुधार कर लेता हूँ । आदरणीय वासुदेव अग्रवाल जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2017-06-27:5170231:Comment:8635352017-06-27T14:16:18.641ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
आदरणीय वासुदेव अग्रवाल जी आदाब, आपको रचना पसंद आई लेखन सार्थक हुआ । हौसला अफ़ज़ाई का शुक्रिया ।
आदरणीय वासुदेव अग्रवाल जी आदाब, आपको रचना पसंद आई लेखन सार्थक हुआ । हौसला अफ़ज़ाई का शुक्रिया । वाहहहह मोहम्मद आरिफ जी आपने अ…tag:openbooks.ning.com,2017-06-27:5170231:Comment:8636412017-06-27T12:12:05.677Zबासुदेव अग्रवाल 'नमन'http://openbooks.ning.com/profile/Basudeo
वाहहहह मोहम्मद आरिफ जी आपने अपनी कविता में पर्यावरण बुजुर्ग और किशान की बद से बदतर होती हालत पर बहुत अच्छा प्रकाश डाला है। हृदय से बधाई।
वाहहहह मोहम्मद आरिफ जी आपने अपनी कविता में पर्यावरण बुजुर्ग और किशान की बद से बदतर होती हालत पर बहुत अच्छा प्रकाश डाला है। हृदय से बधाई। जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2017-06-27:5170231:Comment:8635252017-06-27T09:05:47.520ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,देश की समस्याओं पर अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।<br />
15वीं पंक्ति में 'बना रहा है' को "मना रहा है" करना उचित होगा,इसी तरह 18वीं पंक्ति में 'करोड़ों बहाया जा रहा है' को "करोड़ों बहाए जा रहे हैं" करना उचित होगा ।
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,देश की समस्याओं पर अच्छी कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।<br />
15वीं पंक्ति में 'बना रहा है' को "मना रहा है" करना उचित होगा,इसी तरह 18वीं पंक्ति में 'करोड़ों बहाया जा रहा है' को "करोड़ों बहाए जा रहे हैं" करना उचित होगा । बहुत-बहुत आभार आदरणीय बृजेश क…tag:openbooks.ning.com,2017-06-27:5170231:Comment:8637212017-06-27T08:46:22.691ZMohammed Arifhttp://openbooks.ning.com/profile/MohammedArif
बहुत-बहुत आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी । लेखन सार्थक हुआ ।
बहुत-बहुत आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी । लेखन सार्थक हुआ । आदरणीय आरिफ जी सुन्दर कविता ह…tag:openbooks.ning.com,2017-06-27:5170231:Comment:8636152017-06-27T06:17:49.343Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
आदरणीय आरिफ जी सुन्दर कविता हुई..सादर
आदरणीय आरिफ जी सुन्दर कविता हुई..सादर