Comments - मत्तगयन्द सवैया - Open Books Online2024-03-29T06:00:40Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A845246&xn_auth=noधन्यवाद ,आदरणीय Ashok Kumar…tag:openbooks.ning.com,2017-04-02:5170231:Comment:8471102017-04-02T10:53:38.943Zअलका 'कृष्णांशी'http://openbooks.ning.com/profile/AlkaChanga
<p>धन्यवाद ,<span>आदरणीय</span> Ashok Kumar Raktale ji , प्रयास पर समय देने व त्रुटियां बताने के लिए बहुत आभार आपका। सुधार का प्रयास किया है उम्मीद है अब सही होगा । सादर। </p>
<p>धन्यवाद ,<span>आदरणीय</span> Ashok Kumar Raktale ji , प्रयास पर समय देने व त्रुटियां बताने के लिए बहुत आभार आपका। सुधार का प्रयास किया है उम्मीद है अब सही होगा । सादर। </p> आभार आद0 सुरेन्द्र नाथ सिंह '…tag:openbooks.ning.com,2017-04-02:5170231:Comment:8470182017-04-02T10:41:00.719Zअलका 'कृष्णांशी'http://openbooks.ning.com/profile/AlkaChanga
<p>आभार आद0 सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी, प्रयास पर उत्साहवर्धन के लिए <span>धन्यवाद</span>। सादर। </p>
<p>आभार आद0 सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी, प्रयास पर उत्साहवर्धन के लिए <span>धन्यवाद</span>। सादर। </p> आदरणीया अलका ललित जी सादर, मत…tag:openbooks.ning.com,2017-04-01:5170231:Comment:8467962017-04-01T18:05:31.833ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया अलका ललित जी सादर, मत्तगयन्द सवैया पर बहुत सुंदर प्रयास हुआ है किन्तु असावधानीवश एक दो जगह कुछ चूक भी हुई है. देख लें. सादर.</p>
<p>शीतल/ वायु ब/हे हर/ <strong>दिन ओ</strong>/ धान फलें नहिं रोग सताए</p>
<p>भाग्य ब/ने अरु/ धर्म ज/<strong>गे नक्ष</strong>/<strong>त्र हो शु/भ यश</strong> /गान सुनाए</p>
<p>जीवन/ में नित/ प्रीत प/ले रिपु/बैर त/<strong>जें औ स</strong>/खा बन जाए</p>
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<p>आदरणीया अलका ललित जी सादर, मत्तगयन्द सवैया पर बहुत सुंदर प्रयास हुआ है किन्तु असावधानीवश एक दो जगह कुछ चूक भी हुई है. देख लें. सादर.</p>
<p>शीतल/ वायु ब/हे हर/ <strong>दिन ओ</strong>/ धान फलें नहिं रोग सताए</p>
<p>भाग्य ब/ने अरु/ धर्म ज/<strong>गे नक्ष</strong>/<strong>त्र हो शु/भ यश</strong> /गान सुनाए</p>
<p>जीवन/ में नित/ प्रीत प/ले रिपु/बैर त/<strong>जें औ स</strong>/खा बन जाए</p>
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<p></p> आद0 अलका ललित जी सादर अभिवादन…tag:openbooks.ning.com,2017-03-29:5170231:Comment:8454232017-03-29T01:53:16.011Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आद0 अलका ललित जी सादर अभिवादन, बहुत खूबसूरत छंद, बधाई आपको
आद0 अलका ललित जी सादर अभिवादन, बहुत खूबसूरत छंद, बधाई आपको बहुत बहुत धन्यवाद ।tag:openbooks.ning.com,2017-03-28:5170231:Comment:8453382017-03-28T15:48:32.871ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
बहुत बहुत धन्यवाद ।
बहुत बहुत धन्यवाद । आदरणीय समर कबीर जी ,सादर नमस्…tag:openbooks.ning.com,2017-03-28:5170231:Comment:8451602017-03-28T15:27:10.258Zअलका 'कृष्णांशी'http://openbooks.ning.com/profile/AlkaChanga
<p>आदरणीय समर कबीर जी ,सादर नमस्कार ,छन्द का प्रयास आपको पसंद ,आया बहुत धन्यवाद ,</p>
<p>मात्राएँ इस प्रकार है:-</p>
<p><strong>मत्तगयन्द सवैया</strong><span> 23 वर्णों का </span><a title="छन्द"><span>छन्द</span></a><span> है, जिसमें </span><strong>सात भगण</strong><span> </span><strong>के पीछे यानि बाद दो गुरुओं का योग</strong><span> होता है.</span></p>
<p>211 211 211 211 211 211 211 22</p>
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<p>आदरणीय समर कबीर जी ,सादर नमस्कार ,छन्द का प्रयास आपको पसंद ,आया बहुत धन्यवाद ,</p>
<p>मात्राएँ इस प्रकार है:-</p>
<p><strong>मत्तगयन्द सवैया</strong><span> 23 वर्णों का </span><a title="छन्द"><span>छन्द</span></a><span> है, जिसमें </span><strong>सात भगण</strong><span> </span><strong>के पीछे यानि बाद दो गुरुओं का योग</strong><span> होता है.</span></p>
<p>211 211 211 211 211 211 211 22</p>
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<p></p> मोहतरमा अलका ललित जी आदाब,छन्…tag:openbooks.ning.com,2017-03-28:5170231:Comment:8453272017-03-28T13:01:21.336ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
मोहतरमा अलका ललित जी आदाब,छन्द तो अच्छा है,बधाई स्वीकार करें,इसकी मात्राएँ भी लिख देतीं तो कुछ कहने में आसानी होती ।
मोहतरमा अलका ललित जी आदाब,छन्द तो अच्छा है,बधाई स्वीकार करें,इसकी मात्राएँ भी लिख देतीं तो कुछ कहने में आसानी होती ।