Comments - हाल अपना भी (ग़ज़ल) - Open Books Online2024-03-29T12:45:59Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A818095&xn_auth=noआदरणीय जनाब सुनील प्रसाद जी स…tag:openbooks.ning.com,2016-12-05:5170231:Comment:8186272016-12-05T22:26:55.458Zनाथ सोनांचलीhttp://openbooks.ning.com/profile/SurendraNathSingh
आदरणीय जनाब सुनील प्रसाद जी सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल पर दाद के साथ बधाई निवेदित है। शेष उस्ताद समर जी के बातो का ध्यान दीजियेगा
आदरणीय जनाब सुनील प्रसाद जी सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल पर दाद के साथ बधाई निवेदित है। शेष उस्ताद समर जी के बातो का ध्यान दीजियेगा आदरणीय सुनील जी, इस प्रस्तुति…tag:openbooks.ning.com,2016-12-05:5170231:Comment:8186202016-12-05T19:45:16.379Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
आदरणीय सुनील जी, इस प्रस्तुति हेतु बधाई।<br />
"कर के" के प्रयोग पर पुनर्विचार कीजियेगा।<br />
भूल कर क्या होगा<br />
भूल के क्या होगा<br />
बाकी उस्ताद जी कह ही चुके हैं।<br />
<br />
सादर
आदरणीय सुनील जी, इस प्रस्तुति हेतु बधाई।<br />
"कर के" के प्रयोग पर पुनर्विचार कीजियेगा।<br />
भूल कर क्या होगा<br />
भूल के क्या होगा<br />
बाकी उस्ताद जी कह ही चुके हैं।<br />
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सादर शुक्रिया जनाब बासुदेव जी हौसल…tag:openbooks.ning.com,2016-12-05:5170231:Comment:8186182016-12-05T16:40:41.416Zसुनील प्रसाद(शाहाबादी)http://openbooks.ning.com/profile/33nex7oekqsv0
शुक्रिया जनाब बासुदेव जी हौसला अफजाई के वास्ते।
शुक्रिया जनाब बासुदेव जी हौसला अफजाई के वास्ते। आ0 सुनील प्रसादजी उम्दा ग़ज़ल ह…tag:openbooks.ning.com,2016-12-05:5170231:Comment:8181792016-12-05T13:22:08.835Zबासुदेव अग्रवाल 'नमन'http://openbooks.ning.com/profile/Basudeo
आ0 सुनील प्रसादजी उम्दा ग़ज़ल हुई है। दाद के साथ मुबारकबाद।
आ0 सुनील प्रसादजी उम्दा ग़ज़ल हुई है। दाद के साथ मुबारकबाद। आदरणीय समीर कबीर जी,मोहतरम जन…tag:openbooks.ning.com,2016-12-04:5170231:Comment:8182472016-12-04T16:58:06.576Zसुनील प्रसाद(शाहाबादी)http://openbooks.ning.com/profile/33nex7oekqsv0
आदरणीय समीर कबीर जी,मोहतरम जनाब तस्दीकतस्दीक साहिब बजा फ़रमाया है जिसके लिए आपको तहेदिल से शुक्रिया।
आदरणीय समीर कबीर जी,मोहतरम जनाब तस्दीकतस्दीक साहिब बजा फ़रमाया है जिसके लिए आपको तहेदिल से शुक्रिया। जनाब सुनील कुमार साहिब , सुन्…tag:openbooks.ning.com,2016-12-04:5170231:Comment:8184132016-12-04T16:29:11.533ZTasdiq Ahmed Khanhttp://openbooks.ning.com/profile/TasdiqAhmedKhan
<p>जनाब सुनील कुमार साहिब , सुन्दर ग़ज़ल हुई है, दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं <br/>मुहतरम समर साहिब के मश्वरे पर ध्यान ज़रूर दें --</p>
<p>जनाब सुनील कुमार साहिब , सुन्दर ग़ज़ल हुई है, दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं <br/>मुहतरम समर साहिब के मश्वरे पर ध्यान ज़रूर दें --</p> जनाब सुनील प्रसाद जी आदाब,उम्…tag:openbooks.ning.com,2016-12-04:5170231:Comment:8181032016-12-04T14:51:26.833ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब सुनील प्रसाद जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।<br />
चौथे,आठवें और नवें शैर का ऊला मिसरा बह्र में नहीं हैं,आप उन्हें इस तरह कर सकते हैं:-<br />
4थे का ऊला,"आप अनदेखा न यूँ हमको करें"<br />
8वें का ऊला,"रस्म दुनिया की अगर है तो यही",'रस्म'शब्द स्त्रीलिंग है ।<br />
9वें का ऊला"दर्द मुझको दे मिले जो भी ख़ुशी"<br />
बाक़ी शुभ शुभ
जनाब सुनील प्रसाद जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।<br />
चौथे,आठवें और नवें शैर का ऊला मिसरा बह्र में नहीं हैं,आप उन्हें इस तरह कर सकते हैं:-<br />
4थे का ऊला,"आप अनदेखा न यूँ हमको करें"<br />
8वें का ऊला,"रस्म दुनिया की अगर है तो यही",'रस्म'शब्द स्त्रीलिंग है ।<br />
9वें का ऊला"दर्द मुझको दे मिले जो भी ख़ुशी"<br />
बाक़ी शुभ शुभ