Comments - बोलते नोट (लघुकथा) /शेख़ शहज़ाद उस्मानी - Open Books Online2024-03-29T11:26:23Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A813503&xn_auth=noमेरी इस लघुकथा के अवलोकन व अप…tag:openbooks.ning.com,2016-11-21:5170231:Comment:8150892016-11-21T11:32:43.547ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
मेरी इस लघुकथा के अवलोकन व अपनी राय देकर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरमा राजेश कुमारी साहिबा और मोहतरम जनाब विनोद खनगवाल जी।
मेरी इस लघुकथा के अवलोकन व अपनी राय देकर प्रोत्साहित करने के लिए तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरमा राजेश कुमारी साहिबा और मोहतरम जनाब विनोद खनगवाल जी। आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी…tag:openbooks.ning.com,2016-11-17:5170231:Comment:8143332016-11-17T12:16:52.241Zविनोद खनगवालhttp://openbooks.ning.com/profile/VinodKhanagwal
<p>आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी, एक बहुत ही भावपूर्ण लघुकथा रची है ऐसे दृश्य कई बार हमारे सामने घटते हैं किसी मजबूर को देखकर अक्सर कोई न कोई मदद के लिए आगे आ ही जाता है। </p>
<p>आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी, एक बहुत ही भावपूर्ण लघुकथा रची है ऐसे दृश्य कई बार हमारे सामने घटते हैं किसी मजबूर को देखकर अक्सर कोई न कोई मदद के लिए आगे आ ही जाता है। </p> आज के हालत पर अच्छी लघु कथा ल…tag:openbooks.ning.com,2016-11-15:5170231:Comment:8138852016-11-15T14:59:16.595Zrajesh kumarihttp://openbooks.ning.com/profile/rajeshkumari
<p>आज के हालत पर अच्छी लघु कथा लिखी है लोगों में संवेदना जगाती अच्छी प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई आद० उस्मानी जी </p>
<p>आज के हालत पर अच्छी लघु कथा लिखी है लोगों में संवेदना जगाती अच्छी प्रस्तुति बहुत बहुत बधाई आद० उस्मानी जी </p> स्नेहिल हौसला अफ़ज़ाई हेतु तह…tag:openbooks.ning.com,2016-11-15:5170231:Comment:8141382016-11-15T12:02:54.378ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
स्नेहिल हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरमा प्रतिभा पाण्डेय साहिबा व मोहतरम जनाब समर कबीर साहब। एक साथ कई समूहों में सहभागिता करते हुए व नेट समस्या के कारण कभी कभी जवाब प्रेषित करने में विलंब हो जाता है।
स्नेहिल हौसला अफ़ज़ाई हेतु तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरमा प्रतिभा पाण्डेय साहिबा व मोहतरम जनाब समर कबीर साहब। एक साथ कई समूहों में सहभागिता करते हुए व नेट समस्या के कारण कभी कभी जवाब प्रेषित करने में विलंब हो जाता है। जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदा…tag:openbooks.ning.com,2016-11-13:5170231:Comment:8138062016-11-13T11:49:35.876ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,आज के हालात पर अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।<br />
आज कल आप अपनी रचना पेश करने के बाद उसकी तरफ़ पलट कर देखते भी नहीं,क्या बात है जनाब ?
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी आदाब,आज के हालात पर अच्छी लघुकथा लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।<br />
आज कल आप अपनी रचना पेश करने के बाद उसकी तरफ़ पलट कर देखते भी नहीं,क्या बात है जनाब ? //सही कहा तुमने, न संभाल सकते…tag:openbooks.ning.com,2016-11-13:5170231:Comment:8139382016-11-13T03:17:47.773Zpratibha pandehttp://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p><span>//सही कहा तुमने, न संभाल सकते हो, न ही इन लोगों को समझ सकते हो! लेकिन उनके ये नोट अगर इनकी दास्तां बयान करते हैं, तो हमारी पोल भी तो खोलते हैं!//" प</span>न्नी में रखे फटे नोटों का चलन हमारे यहाँ भी बहुत है ,अक्सर लोग सब्जी बेचने वाली महिलाओं को अपने फटे नोट दे देते हैं .. बहुत अच्छी लगी आपकी ये रचना ...हार्दिक बधाई आपको आदरणीय उस्मानी जी </p>
<p><span>//सही कहा तुमने, न संभाल सकते हो, न ही इन लोगों को समझ सकते हो! लेकिन उनके ये नोट अगर इनकी दास्तां बयान करते हैं, तो हमारी पोल भी तो खोलते हैं!//" प</span>न्नी में रखे फटे नोटों का चलन हमारे यहाँ भी बहुत है ,अक्सर लोग सब्जी बेचने वाली महिलाओं को अपने फटे नोट दे देते हैं .. बहुत अच्छी लगी आपकी ये रचना ...हार्दिक बधाई आपको आदरणीय उस्मानी जी </p>