Comments - सब में मिट्टी है भारत की (नवगीत) - Open Books Online2024-03-28T09:52:09Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A788700&xn_auth=noतह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आद…tag:openbooks.ning.com,2016-08-05:5170231:Comment:7904052016-08-05T16:37:27.987Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttp://openbooks.ning.com/profile/249pje3yd1r3m
<p>तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आदरणीय सौरभ जी, मार्गदर्शन के लिए विशेष आभारी हूँ।</p>
<p>तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आदरणीय सौरभ जी, मार्गदर्शन के लिए विशेष आभारी हूँ।</p> बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुर…tag:openbooks.ning.com,2016-08-05:5170231:Comment:7904832016-08-05T16:36:55.914Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttp://openbooks.ning.com/profile/249pje3yd1r3m
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेश जी</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय सुरेश जी</p> बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया प्…tag:openbooks.ning.com,2016-08-05:5170231:Comment:7905152016-08-05T16:36:39.996Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttp://openbooks.ning.com/profile/249pje3yd1r3m
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया प्रतिभा जी</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीया प्रतिभा जी</p> बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय श्य…tag:openbooks.ning.com,2016-08-05:5170231:Comment:7904822016-08-05T16:35:54.244Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttp://openbooks.ning.com/profile/249pje3yd1r3m
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय श्याम नारायण ही</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय श्याम नारायण ही</p> बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय जयन…tag:openbooks.ning.com,2016-08-05:5170231:Comment:7904032016-08-05T16:35:23.660Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttp://openbooks.ning.com/profile/249pje3yd1r3m
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय जयनित जी</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय जयनित जी</p> बहुत बहुत शुक्रिया जनाब समर क…tag:openbooks.ning.com,2016-08-05:5170231:Comment:7905142016-08-05T16:34:49.024Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttp://openbooks.ning.com/profile/249pje3yd1r3m
<p>बहुत बहुत शुक्रिया जनाब समर कबीर साहब</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया जनाब समर कबीर साहब</p> बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय कल्…tag:openbooks.ning.com,2016-08-05:5170231:Comment:7904802016-08-05T16:34:31.203Zधर्मेन्द्र कुमार सिंहhttp://openbooks.ning.com/profile/249pje3yd1r3m
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय कल्पना जी</p>
<p>बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय कल्पना जी</p> गीति-काव्य पर आपकी इस प्रस्तु…tag:openbooks.ning.com,2016-08-02:5170231:Comment:7897522016-08-02T12:28:39.976ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>गीति-काव्य पर आपकी इस प्रस्तुति से हमारे जैसे पाठक के मन में उछाह और उत्साह का संचार हुआ है आदरणीय धर्मेन्द्र जी. हार्दिक शुभकामनाएँ और अशेष बधाइयाँ .. </p>
<p></p>
<p>वैसे, नवगीत, या गीत ही, के संदर्भ में भावबोध और भाव-आवृति का संदर्भ लेना आवश्यक होगा. तात्पर्य यह है कि, भावबोध के संप्रेषण के क्रम में भाव-आवृति में निरंतरता को बनाये रखना गीति-प्रतीति की प्रस्तुतियों के हिसाब से रचनात्मक कर्म है. इस पर आदरणीय अवश्य ध्यान रखें. </p>
<p>सादर</p>
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<p>गीति-काव्य पर आपकी इस प्रस्तुति से हमारे जैसे पाठक के मन में उछाह और उत्साह का संचार हुआ है आदरणीय धर्मेन्द्र जी. हार्दिक शुभकामनाएँ और अशेष बधाइयाँ .. </p>
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<p>वैसे, नवगीत, या गीत ही, के संदर्भ में भावबोध और भाव-आवृति का संदर्भ लेना आवश्यक होगा. तात्पर्य यह है कि, भावबोध के संप्रेषण के क्रम में भाव-आवृति में निरंतरता को बनाये रखना गीति-प्रतीति की प्रस्तुतियों के हिसाब से रचनात्मक कर्म है. इस पर आदरणीय अवश्य ध्यान रखें. </p>
<p>सादर</p>
<p></p> आदरणीय श्री धर्मेन्द्र कुमार…tag:openbooks.ning.com,2016-08-02:5170231:Comment:7897222016-08-02T06:04:42.433Zसुरेश कुमार 'कल्याण'http://openbooks.ning.com/profile/SureshKumarKalyan
आदरणीय श्री धर्मेन्द्र कुमार जी इस सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई ।
आदरणीय श्री धर्मेन्द्र कुमार जी इस सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई । भाले, बंदूकें, तलवारें
गर इसम…tag:openbooks.ning.com,2016-08-01:5170231:Comment:7896162016-08-01T16:42:14.701Zpratibha pandehttp://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>भाले, बंदूकें, तलवारें</p>
<p>गर इसमें उगतीं ललकारें</p>
<p>हल बैल उगलती यही जमीं</p>
<p>गाँधी, गौतम भी हुए यहीं</p>
<p> </p>
<p>बाकी सब बात शरारत की.....वाह बहुत खूब ..हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार जी </p>
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<p>भाले, बंदूकें, तलवारें</p>
<p>गर इसमें उगतीं ललकारें</p>
<p>हल बैल उगलती यही जमीं</p>
<p>गाँधी, गौतम भी हुए यहीं</p>
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<p>बाकी सब बात शरारत की.....वाह बहुत खूब ..हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार जी </p>
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