Comments - सभी नादान बन गए - Open Books Online2024-03-29T06:25:48Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A784780&xn_auth=noआदरणीय अशोक भाई , बेहतरीन गज़ल…tag:openbooks.ning.com,2016-07-19:5170231:Comment:7850802016-07-19T12:29:38.988Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय अशोक भाई , बेहतरीन गज़ल कही आपके , दाद के साथ मुबारकबाद कुबूल करें ।</p>
<p>नफरत के सिलसिले जो चले धूप छाँव बन</p>
<p>इंसानियत के शब्द भी मेहमान बन गए -- बहुत खूब !</p>
<p>आदरणीय अशोक भाई , बेहतरीन गज़ल कही आपके , दाद के साथ मुबारकबाद कुबूल करें ।</p>
<p>नफरत के सिलसिले जो चले धूप छाँव बन</p>
<p>इंसानियत के शब्द भी मेहमान बन गए -- बहुत खूब !</p> आदरणीय रवि शुक्ला जी सादर, आप…tag:openbooks.ning.com,2016-07-18:5170231:Comment:7851512016-07-18T13:34:23.733ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय रवि शुक्ला जी सादर, आपको प्रयास अच्छा लगा इसके लिए दिल से आभार. आदरणीय जब इतने उस्ताद शायर मंच पर हों तो अवसर का लाभ लेने में ही भलाई है. यही सोचकर कलम को थोड़ा इधर मोड़ लिया है. सादर.</p>
<p>आदरणीय रवि शुक्ला जी सादर, आपको प्रयास अच्छा लगा इसके लिए दिल से आभार. आदरणीय जब इतने उस्ताद शायर मंच पर हों तो अवसर का लाभ लेने में ही भलाई है. यही सोचकर कलम को थोड़ा इधर मोड़ लिया है. सादर.</p> आदरणीय आशोक रक्ताले जी छंद स…tag:openbooks.ning.com,2016-07-18:5170231:Comment:7851282016-07-18T05:09:15.591ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय आशोक रक्ताले जी छंद से इतर आपको गजल कहते भी देख रहे है अच्छे अशआर कहे है आपने सुखद है ये प्रयास आपको बहुत बहुत बधाई इसके लिये । </p>
<p>आदरणीय आशोक रक्ताले जी छंद से इतर आपको गजल कहते भी देख रहे है अच्छे अशआर कहे है आपने सुखद है ये प्रयास आपको बहुत बहुत बधाई इसके लिये । </p> उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभ…tag:openbooks.ning.com,2016-07-18:5170231:Comment:7850142016-07-18T02:31:03.931ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मनन कुमार सिंह जी. सादर.</p>
<p>उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय मनन कुमार सिंह जी. सादर.</p> अच्छी अभिव्यक्ति है आ. अशोक ज…tag:openbooks.ning.com,2016-07-17:5170231:Comment:7847922016-07-17T13:46:03.400ZManan Kumar singhhttp://openbooks.ning.com/profile/MananKumarsingh
अच्छी अभिव्यक्ति है आ. अशोक जी,बधाई आपको।
अच्छी अभिव्यक्ति है आ. अशोक जी,बधाई आपको।