Comments - अपने मित्रों को समर्पित एक गज़ल - Open Books Online2024-03-28T16:30:43Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A772892&xn_auth=noआ.समर सर,राहिला जी,पवन जी,रचन…tag:openbooks.ning.com,2016-06-05:5170231:Comment:7734312016-06-05T14:52:49.738Zmaharshi tripathihttp://openbooks.ning.com/profile/maharshitripathi815
आ.समर सर,राहिला जी,पवन जी,रचना पर अपनी प्रतिक्रिया देने हेतु आभार !!!<br />
आ.समर सर मैं अभी गज़ल सीख रहा हूँ कृपया अधिक से अधिक ज्ञान दे,अगर आप यूँ ही साथ रहे तो यकीनन मैं और अच्छी गज़ल लिख सकूंगा !!!
आ.समर सर,राहिला जी,पवन जी,रचना पर अपनी प्रतिक्रिया देने हेतु आभार !!!<br />
आ.समर सर मैं अभी गज़ल सीख रहा हूँ कृपया अधिक से अधिक ज्ञान दे,अगर आप यूँ ही साथ रहे तो यकीनन मैं और अच्छी गज़ल लिख सकूंगा !!! बहुत बढ़िया प्रयास आदरणीय त्र…tag:openbooks.ning.com,2016-06-04:5170231:Comment:7731012016-06-04T17:44:37.916ZRahilahttp://openbooks.ning.com/profile/Rahila
बहुत बढ़िया प्रयास आदरणीय त्रिपाठी जी! हार्दिक बधाई । सादर
बहुत बढ़िया प्रयास आदरणीय त्रिपाठी जी! हार्दिक बधाई । सादर जनाब महर्षि त्रिपाठी जी आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2016-06-04:5170231:Comment:7730912016-06-04T13:04:11.214ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब महर्षि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल कुछ और समय चाहती है, इस प्रयास के लिये बधाई स्वीकार करें ।
जनाब महर्षि त्रिपाठी जी आदाब,ग़ज़ल कुछ और समय चाहती है, इस प्रयास के लिये बधाई स्वीकार करें । मित्रों को समर्पित सुन्दर रचन…tag:openbooks.ning.com,2016-06-04:5170231:Comment:7732122016-06-04T10:01:31.682ZPawan Kumarhttp://openbooks.ning.com/profile/PawanKumar
<p>मित्रों को समर्पित सुन्दर रचना<br/>हार्दिक बधाई</p>
<p>मित्रों को समर्पित सुन्दर रचना<br/>हार्दिक बधाई</p>