Comments - लघुकथा "आग" - Open Books Online2024-03-28T16:12:00Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A729121&xn_auth=noजनाब तेजवीर सिंह जी आदाब , रच…tag:openbooks.ning.com,2016-01-05:5170231:Comment:7298762016-01-05T08:45:49.711ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा।
जनाब तेजवीर सिंह जी आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा। जनाब शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब…tag:openbooks.ning.com,2016-01-05:5170231:Comment:7297722016-01-05T08:44:36.336ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा।
जनाब शेख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा। बहना राजेश कुमारी जी आदाब , र…tag:openbooks.ning.com,2016-01-05:5170231:Comment:7296692016-01-05T08:43:38.336ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
बहना राजेश कुमारी जी आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा।
बहना राजेश कुमारी जी आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा। मोहतरमा प्रतिभा पांडे जी आदाब…tag:openbooks.ning.com,2016-01-05:5170231:Comment:7295592016-01-05T08:42:36.016ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
मोहतरमा प्रतिभा पांडे जी आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा।
मोहतरमा प्रतिभा पांडे जी आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा। मोहतरमा कांता रॉय जी आदाब , र…tag:openbooks.ning.com,2016-01-05:5170231:Comment:7295572016-01-05T08:41:15.543ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
मोहतरमा कांता रॉय जी आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा।
मोहतरमा कांता रॉय जी आदाब , रचना की प्रशंसा , सकारात्मक प्रतिक्रिया और हौसला अफ़ज़ाई के लिये आपका तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ। ऐसे ही स्नेह बनाए रखियेगा। हार्दिक बधाई आदरणीय समर क़बीर…tag:openbooks.ning.com,2016-01-04:5170231:Comment:7298422016-01-04T13:11:55.348ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय समर क़बीर साहब जी!आपने एक बेहतरीन लघुकथा के माध्यम से इंसान की मेहनत को उसके भाग्य के मुक़ाबले खडा कर दिया!सुन्दर रचना!</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय समर क़बीर साहब जी!आपने एक बेहतरीन लघुकथा के माध्यम से इंसान की मेहनत को उसके भाग्य के मुक़ाबले खडा कर दिया!सुन्दर रचना!</p> आपका लघुकथा लेखन हम सभी के लि…tag:openbooks.ning.com,2016-01-02:5170231:Comment:7293242016-01-02T19:02:34.703ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
आपका लघुकथा लेखन हम सभी के लिए बहुत ही हर्ष और गर्व का विषय है । बहुत ही प्रवाह पूर्ण शैली में शाब्दिक यह उम्दा रचना कसावट तथा कालखंड के मोर्चे पर किस मुकाम पर है, यह तो सम्मान्य गुरूजन व वरिष्ठ जन हमें समझायेंगे। इस सुंदर अनुपम कृति के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय समर कबीर साहब ।
आपका लघुकथा लेखन हम सभी के लिए बहुत ही हर्ष और गर्व का विषय है । बहुत ही प्रवाह पूर्ण शैली में शाब्दिक यह उम्दा रचना कसावट तथा कालखंड के मोर्चे पर किस मुकाम पर है, यह तो सम्मान्य गुरूजन व वरिष्ठ जन हमें समझायेंगे। इस सुंदर अनुपम कृति के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय समर कबीर साहब । इंसान क्या क्या सपने देखता है…tag:openbooks.ning.com,2016-01-02:5170231:Comment:7291572016-01-02T15:22:57.603Zrajesh kumarihttp://openbooks.ning.com/profile/rajeshkumari
<p>इंसान क्या क्या सपने देखता है कर्म के साथ साथ किस्मत का भी होना बहुत जरूरी है ..बहुत अच्छी लघु कथा लिखी है आ० समर भाई जी ,अब हमे आपकी कलम और अच्छी अच्छी कहानियों से रूबरू करायेगी तहे दिल से बधाई लीजिये </p>
<p>इंसान क्या क्या सपने देखता है कर्म के साथ साथ किस्मत का भी होना बहुत जरूरी है ..बहुत अच्छी लघु कथा लिखी है आ० समर भाई जी ,अब हमे आपकी कलम और अच्छी अच्छी कहानियों से रूबरू करायेगी तहे दिल से बधाई लीजिये </p> अच्छे विषय का चयन किया और उसे…tag:openbooks.ning.com,2016-01-02:5170231:Comment:7291552016-01-02T12:56:12.179Zpratibha pandehttp://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>अच्छे विषय का चयन किया और उसे खूबसूरती से लघु कथा में ढाला है आपने , बधाई स्वीकार करें इस रचना पर आदरणीय समर कबीर जी , सादर </p>
<p>अच्छे विषय का चयन किया और उसे खूबसूरती से लघु कथा में ढाला है आपने , बधाई स्वीकार करें इस रचना पर आदरणीय समर कबीर जी , सादर </p> वाह !!!! सधे हुए अंदाज़ में ग…tag:openbooks.ning.com,2016-01-02:5170231:Comment:7293112016-01-02T09:44:46.026Zkanta royhttp://openbooks.ning.com/profile/kantaroy
वाह !!!! सधे हुए अंदाज़ में गजब की लघुकथा पेश की है आपने आदरणीय समर कबीर जी ।<br />
एक क्षण विशेष को आपने अपनी लेखनी से ,कथ्य को विविध आयाम देते हुए सार्थक दृश्यांकन के साथ अति विशिष्ट लघुकथा की प्रस्तुति दी है और संदेश भी खूब दिया है कि स्वप्न का मोल .....! क़िस्मत के आगे इंसान की बिलकुल नहीं चलती है ।<br />
बेरोजगारी की हताशा और टुटते बिखरते आशाओं के महलों की इस लघुकथा के लिए बधाई कबूल फरमाईयेगा । सादर ।
वाह !!!! सधे हुए अंदाज़ में गजब की लघुकथा पेश की है आपने आदरणीय समर कबीर जी ।<br />
एक क्षण विशेष को आपने अपनी लेखनी से ,कथ्य को विविध आयाम देते हुए सार्थक दृश्यांकन के साथ अति विशिष्ट लघुकथा की प्रस्तुति दी है और संदेश भी खूब दिया है कि स्वप्न का मोल .....! क़िस्मत के आगे इंसान की बिलकुल नहीं चलती है ।<br />
बेरोजगारी की हताशा और टुटते बिखरते आशाओं के महलों की इस लघुकथा के लिए बधाई कबूल फरमाईयेगा । सादर ।