Comments - गाँधी जी का तीसरा बंदर (लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T13:10:28Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A726829&xn_auth=noबहुत बहुत आभार आदरणीय नीता क…tag:openbooks.ning.com,2015-12-29:5170231:Comment:7273652015-12-29T18:36:10.845ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttp://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय नीता कसार जी, आपको लघुकथा का यह प्रयास ठीक लगा और आपने अपनी टिप्पणी द्वारा मेरी हौसला अफजाई की |<br/><br/></p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय नीता कसार जी, आपको लघुकथा का यह प्रयास ठीक लगा और आपने अपनी टिप्पणी द्वारा मेरी हौसला अफजाई की |<br/><br/></p> रचना को पसंद कर मेरा मनोबल बढ…tag:openbooks.ning.com,2015-12-29:5170231:Comment:7270782015-12-29T18:35:14.572ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttp://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>रचना को पसंद कर मेरा मनोबल बढाने हेतु हार्दिक आभार आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी |</p>
<p>रचना को पसंद कर मेरा मनोबल बढाने हेतु हार्दिक आभार आदरणीय जवाहर लाल सिंह जी |</p> हृदय से शुक्रिया आदरणीय डॉ. आ…tag:openbooks.ning.com,2015-12-29:5170231:Comment:7273642015-12-29T18:34:44.152ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttp://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>हृदय से शुक्रिया आदरणीय डॉ. आशुतोष मिश्रा जी |</p>
<p>हृदय से शुक्रिया आदरणीय डॉ. आशुतोष मिश्रा जी |</p> रचना को पसंद करने और मेरे उत्…tag:openbooks.ning.com,2015-12-29:5170231:Comment:7273632015-12-29T18:34:12.629ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttp://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>रचना को पसंद करने और मेरे उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आदरणीया राजेश जी, वास्तव में लोगों की यही मानसिकता है कि दूसरों के फटे में पैर क्यों डालें, ऐसी स्थिति आते ही अधिकतर लोग यूं ही करते हैं|</p>
<p>रचना को पसंद करने और मेरे उत्साहवर्धन हेतु हार्दिक आभार आदरणीया राजेश जी, वास्तव में लोगों की यही मानसिकता है कि दूसरों के फटे में पैर क्यों डालें, ऐसी स्थिति आते ही अधिकतर लोग यूं ही करते हैं|</p> सही कहा निधि जी, अब एक ऐसा बं…tag:openbooks.ning.com,2015-12-29:5170231:Comment:7272702015-12-29T18:32:47.059ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttp://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p>सही कहा निधि जी, अब एक ऐसा बंदर है जो बुरा सच नहीं कहेगा| आभार आपका |</p>
<p>सही कहा निधि जी, अब एक ऐसा बंदर है जो बुरा सच नहीं कहेगा| आभार आपका |</p> सच कड़वा होता है हर कोई पचा ल…tag:openbooks.ning.com,2015-12-29:5170231:Comment:7270592015-12-29T07:36:39.393ZNita Kasarhttp://openbooks.ning.com/profile/NitaKasar
सच कड़वा होता है हर कोई पचा लें ज़रूरी नही चश्मदीद और सबूतों के बिना यक़ीन कौन करेगा बेहतर कथा के लिये बधाई आद०चन्द्रेश छतलानी जी ।
सच कड़वा होता है हर कोई पचा लें ज़रूरी नही चश्मदीद और सबूतों के बिना यक़ीन कौन करेगा बेहतर कथा के लिये बधाई आद०चन्द्रेश छतलानी जी । बेहतरीन लघु कथा हुई है आदरणीय…tag:openbooks.ning.com,2015-12-28:5170231:Comment:7271292015-12-28T15:27:14.417ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>बेहतरीन लघु कथा हुई है आदरणीय चंद्रेश कुमार जी!</p>
<p>बेहतरीन लघु कथा हुई है आदरणीय चंद्रेश कुमार जी!</p> बेहतरीन tag:openbooks.ning.com,2015-12-28:5170231:Comment:7271252015-12-28T15:00:39.917ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>बेहतरीन </p>
<p>बेहतरीन </p> सही कहा निधि जी ने बुरा मत कह…tag:openbooks.ning.com,2015-12-28:5170231:Comment:7271182015-12-28T13:57:17.896Zrajesh kumarihttp://openbooks.ning.com/profile/rajeshkumari
<p>सही कहा निधि जी ने बुरा मत कहो के स्थान पर कुछ न कहो या सच न कहो बंदर रख दीजिये |यही तो लोगों की मानसिकता है की दूसरे की मुसीबत में क्यों पड़ें |बहुत अच्छी लघु कथा हार्दिक बधाई चंद्रेश कुमार जी </p>
<p>सही कहा निधि जी ने बुरा मत कहो के स्थान पर कुछ न कहो या सच न कहो बंदर रख दीजिये |यही तो लोगों की मानसिकता है की दूसरे की मुसीबत में क्यों पड़ें |बहुत अच्छी लघु कथा हार्दिक बधाई चंद्रेश कुमार जी </p> बुरा मत कहो वाला बंदर की जगह…tag:openbooks.ning.com,2015-12-28:5170231:Comment:7273112015-12-28T12:55:54.967Zनिधि जैनhttp://openbooks.ning.com/profile/3jiu3pjbrqvvb
बुरा मत कहो वाला बंदर की जगह न बोलने वाला बन्दर रख दिया जाएगा<br />
<br />
बढ़िया
बुरा मत कहो वाला बंदर की जगह न बोलने वाला बन्दर रख दिया जाएगा<br />
<br />
बढ़िया