Comments - हौंसलों के पंख (गीत).......डॉ0 प्राची - Open Books Online2024-03-28T16:00:10Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A726823&xn_auth=noसप्रवाह पढ़ता गया इस गीत को !…tag:openbooks.ning.com,2016-02-09:5170231:Comment:7388802016-02-09T17:28:21.309ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>सप्रवाह पढ़ता गया इस गीत को ! हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ, आदरणीया ! शब्दकल के सापेक्ष शब्दों के भार के अनुसार संयोजन हेतु आदरणीय मिथिलेश जी का सुझाव मुग्ध कर गया.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p>सप्रवाह पढ़ता गया इस गीत को ! हार्दिक बधाई व शुभकामनाएँ, आदरणीया ! शब्दकल के सापेक्ष शब्दों के भार के अनुसार संयोजन हेतु आदरणीय मिथिलेश जी का सुझाव मुग्ध कर गया.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> गीत की सराहना, अनमोल सुझावों,…tag:openbooks.ning.com,2016-01-07:5170231:Comment:7302362016-01-07T07:48:29.502ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>गीत की सराहना, अनमोल सुझावों, और हौसला अफजाई के लिए सभी सुधि पाठकों साथियो का तहे दिल से शुक्रिया </p>
<p>सादर </p>
<p>गीत की सराहना, अनमोल सुझावों, और हौसला अफजाई के लिए सभी सुधि पाठकों साथियो का तहे दिल से शुक्रिया </p>
<p>सादर </p> pyaree rachnaa - dheron badha…tag:openbooks.ning.com,2015-12-31:5170231:Comment:7283202015-12-31T06:17:56.367ZMUKESH SRIVASTAVAhttp://openbooks.ning.com/profile/MUKESHSRIVASTAVA
<p>pyaree rachnaa - dheron badhaee PRachee jee</p>
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<p>pyaree rachnaa - dheron badhaee PRachee jee</p>
<p></p> आदरणीया प्राचीजी ,सुन्दर सूक्…tag:openbooks.ning.com,2015-12-29:5170231:Comment:7270662015-12-29T11:47:54.642ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
आदरणीया प्राचीजी ,सुन्दर सूक्ष्म भावो के साथ रचे गए इस गीत के लिए बधाई स्वीकार करें ।
आदरणीया प्राचीजी ,सुन्दर सूक्ष्म भावो के साथ रचे गए इस गीत के लिए बधाई स्वीकार करें । सुन्दर गीत के लिए हार्दिक बधा…tag:openbooks.ning.com,2015-12-29:5170231:Comment:7271332015-12-29T04:05:53.895Zpratibha pandehttp://openbooks.ning.com/profile/pratibhapande
<p>सुन्दर गीत के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीया प्राची जी </p>
<p>सुन्दर गीत के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें आदरणीया प्राची जी </p> बहुत सुन्दर गीत लिखा है प्राच…tag:openbooks.ning.com,2015-12-28:5170231:Comment:7273162015-12-28T13:47:03.807Zrajesh kumarihttp://openbooks.ning.com/profile/rajeshkumari
<p>बहुत सुन्दर गीत लिखा है प्राची जी ,हार्दिक बधाई </p>
<p>बहुत सुन्दर गीत लिखा है प्राची जी ,हार्दिक बधाई </p> सरित प्रवाहमय गीत के लिए बधाइ…tag:openbooks.ning.com,2015-12-28:5170231:Comment:7273142015-12-28T13:16:04.067ZPankaj Kumar Mishra "Vatsyayan"http://openbooks.ning.com/profile/PankajKumarMishraVatsyayan
सरित प्रवाहमय गीत के लिए बधाइयाँ
सरित प्रवाहमय गीत के लिए बधाइयाँ मोहतरमा डा.प्राची जी आदाब,आपक…tag:openbooks.ning.com,2015-12-28:5170231:Comment:7270132015-12-28T11:59:13.552ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
मोहतरमा डा.प्राची जी आदाब,आपका गीत अच्छा लगा,मैं जनाब मिथिलेश जी की बात से सहमत हूँ!
मोहतरमा डा.प्राची जी आदाब,आपका गीत अच्छा लगा,मैं जनाब मिथिलेश जी की बात से सहमत हूँ! आपके गीत और नवगीत पढ़ने में आन…tag:openbooks.ning.com,2015-12-28:5170231:Comment:7267832015-12-28T03:09:34.737Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooks.ning.com/profile/28fn40mg3o5v9
आपके गीत और नवगीत पढ़ने में आनंद आ जाता है।कमाल का सृजन होता है आपका।हार्दिक बधाई इस एक और सुंदर,सुरीली एवम् भावपूर्ण रचना के लिए आदरणीया।
आपके गीत और नवगीत पढ़ने में आनंद आ जाता है।कमाल का सृजन होता है आपका।हार्दिक बधाई इस एक और सुंदर,सुरीली एवम् भावपूर्ण रचना के लिए आदरणीया। आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी, बह…tag:openbooks.ning.com,2015-12-27:5170231:Comment:7268552015-12-27T18:23:24.466Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी, बहुत सुन्दर गीत लिखा है आपने. पूरा गीत फ़ायलातुन फ़ायलातुन फ़ायलातुन फायलुन के प्रवाह में मुग्ध करता हुआ आनंदित कर रहा है. इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई निवेदित है.</p>
<p></p>
<p>एक निवेदन है -</p>
<p>//बढ़ चला आतुर बटोही </p>
<p>तमस के संहार को...//</p>
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<p>यहाँ लय बाधित हो रही है इसे यूं गुनगुना रहा हूँ-</p>
<p></p>
<p>//<strong>बढ़ चला आतुर बटोही </strong></p>
<p><strong>फिर तमस संहार को..</strong>.//</p>
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<p>सादर </p>
<p>आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी, बहुत सुन्दर गीत लिखा है आपने. पूरा गीत फ़ायलातुन फ़ायलातुन फ़ायलातुन फायलुन के प्रवाह में मुग्ध करता हुआ आनंदित कर रहा है. इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई निवेदित है.</p>
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<p>एक निवेदन है -</p>
<p>//बढ़ चला आतुर बटोही </p>
<p>तमस के संहार को...//</p>
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<p>यहाँ लय बाधित हो रही है इसे यूं गुनगुना रहा हूँ-</p>
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<p>//<strong>बढ़ चला आतुर बटोही </strong></p>
<p><strong>फिर तमस संहार को..</strong>.//</p>
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<p>सादर </p>