Comments - नस्री नज़्म :- "आख़री सिगरेट" - Open Books Online2024-03-28T09:08:40Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A722158&xn_auth=noजनाब विजय निकोरे जी,आदाब,रचना…tag:openbooks.ning.com,2015-12-16:5170231:Comment:7242222015-12-16T16:45:50.982ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब विजय निकोरे जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
जनाब विजय निकोरे जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद । छणिका अच्छी लगी। बधाई, आदरणीय…tag:openbooks.ning.com,2015-12-16:5170231:Comment:7240162015-12-16T09:22:02.161Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>छणिका अच्छी लगी। बधाई, आदरणीय समर जी।</p>
<p>छणिका अच्छी लगी। बधाई, आदरणीय समर जी।</p> जनाब सौरभ पांडे जी,आदाब,क्षणि…tag:openbooks.ning.com,2015-12-11:5170231:Comment:7234102015-12-11T17:15:27.689ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब सौरभ पांडे जी,आदाब,क्षणिका के बारे में मेरी मालूमात सिफ़र है,आपकी तहरीर से ऐसा लगता है कि संक्षिप्त रचना को क्षणिका कहते होंगे ?कृपया क्षणिका के बारे में मुझे जानकारी ज़रूर दें,रचना की सराहना हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ ।
जनाब सौरभ पांडे जी,आदाब,क्षणिका के बारे में मेरी मालूमात सिफ़र है,आपकी तहरीर से ऐसा लगता है कि संक्षिप्त रचना को क्षणिका कहते होंगे ?कृपया क्षणिका के बारे में मुझे जानकारी ज़रूर दें,रचना की सराहना हेतु आपका हृदयतल से आभारी हूँ । इस तरह की प्रस्तुतियों को हिन…tag:openbooks.ning.com,2015-12-09:5170231:Comment:7223802015-12-09T20:02:41.130ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>इस तरह की प्रस्तुतियों को हिन्दी-साहित्य में ’क्षणिका’ की संज्ञा देने का चलन है.</p>
<p>आपकी प्रस्तुति अत्यंत गहन है. हार्दिकबधाई एवं शुभकामनाएँ, आदरणीय समर कबीर साहब ! </p>
<p>शुभेच्छाएँ </p>
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<p>इस तरह की प्रस्तुतियों को हिन्दी-साहित्य में ’क्षणिका’ की संज्ञा देने का चलन है.</p>
<p>आपकी प्रस्तुति अत्यंत गहन है. हार्दिकबधाई एवं शुभकामनाएँ, आदरणीय समर कबीर साहब ! </p>
<p>शुभेच्छाएँ </p>
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<p></p> जनाब सुशील सरना जी,आदाब,रचना…tag:openbooks.ning.com,2015-12-09:5170231:Comment:7226252015-12-09T18:02:09.081ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब सुशील सरना जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ ।
जनाब सुशील सरना जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ । जनाब लक्ष्मण धामी जी,आदाब,रचन…tag:openbooks.ning.com,2015-12-09:5170231:Comment:7226222015-12-09T17:59:26.842ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब लक्ष्मण धामी जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ ।
जनाब लक्ष्मण धामी जी,आदाब,रचना की सराहना हेतु आपका तहे दिल से आभारी हूँ । बहुत खूब आदरणीय ... गहन भा…tag:openbooks.ning.com,2015-12-08:5170231:Comment:7221812015-12-08T07:31:28.361ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
<p> बहुत खूब आदरणीय ... गहन भावाभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई। </p>
<p> बहुत खूब आदरणीय ... गहन भावाभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई। </p> बहुत खूब समर भाई जी.....tag:openbooks.ning.com,2015-12-08:5170231:Comment:7220032015-12-08T05:39:04.410Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>बहुत खूब समर भाई जी.....</p>
<p>बहुत खूब समर भाई जी.....</p>