Comments - मुझे जीने दो(लघुकथा) - Open Books Online2024-03-29T15:55:13Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A718217&xn_auth=noहार्दिक आभार आपका आदरणीय तेजव…tag:openbooks.ning.com,2015-12-02:5170231:Comment:7207212015-12-02T08:01:09.126Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooks.ning.com/profile/28fn40mg3o5v9
हार्दिक आभार आपका आदरणीय तेजवीर सिंह जी
हार्दिक आभार आपका आदरणीय तेजवीर सिंह जी हार्दिक बधाई आदरणीय सतविंदर ज…tag:openbooks.ning.com,2015-11-28:5170231:Comment:7182852015-11-28T14:15:07.187ZTEJ VEER SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/TEJVEERSINGH
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय सतविंदर जी!बहुत सटीक प्रस्तुति!</p>
<p>हार्दिक बधाई आदरणीय सतविंदर जी!बहुत सटीक प्रस्तुति!</p> आभार आदरणीय शेख साहब।आप सही फ़…tag:openbooks.ning.com,2015-11-28:5170231:Comment:7182222015-11-28T05:06:38.030Zसतविन्द्र कुमार राणाhttp://openbooks.ning.com/profile/28fn40mg3o5v9
आभार आदरणीय शेख साहब।आप सही फ़रमा रहे हैं।मुझे भी ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।ऐसे ही रचनाएँ हमें और संयमित होकर लिखने के लिए प्रेरित करती हैं।आपका सुझाव सिर माथे।आगे प्रयास करूँगा अधिक समय देने का।
आभार आदरणीय शेख साहब।आप सही फ़रमा रहे हैं।मुझे भी ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।ऐसे ही रचनाएँ हमें और संयमित होकर लिखने के लिए प्रेरित करती हैं।आपका सुझाव सिर माथे।आगे प्रयास करूँगा अधिक समय देने का। बहुत बढ़िया प्रस्तुति आदरणीय…tag:openbooks.ning.com,2015-11-28:5170231:Comment:7180822015-11-28T04:28:02.408ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
बहुत बढ़िया प्रस्तुति आदरणीय सतविंदर कुमार जी। थोड़ा और समय देकर उत्कृष्ट बना सकते थे।
बहुत बढ़िया प्रस्तुति आदरणीय सतविंदर कुमार जी। थोड़ा और समय देकर उत्कृष्ट बना सकते थे।