Comments - कैश बाॅक्स के नजारे - Open Books Online2024-03-28T11:42:08Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A711434&xn_auth=noमेरे प्रयास को संबल देने के ल…tag:openbooks.ning.com,2015-12-04:5170231:Comment:7214822015-12-04T17:44:54.092Zkanta royhttp://openbooks.ning.com/profile/kantaroy
<p>मेरे प्रयास को संबल देने के लिए आभार आपको आदरणीय मिथिलेश जी। </p>
<p>मेरे प्रयास को संबल देने के लिए आभार आपको आदरणीय मिथिलेश जी। </p> आभार आदरणीय शहज़ाद जी रचना पसं…tag:openbooks.ning.com,2015-12-04:5170231:Comment:7213992015-12-04T17:43:20.868Zkanta royhttp://openbooks.ning.com/profile/kantaroy
<p>आभार आदरणीय शहज़ाद जी रचना पसंदगी हेतु। </p>
<p>आभार आदरणीय शहज़ाद जी रचना पसंदगी हेतु। </p> मार्गदर्शनयुक्त सराहना पाकर अ…tag:openbooks.ning.com,2015-12-04:5170231:Comment:7213972015-12-04T17:42:25.176Zkanta royhttp://openbooks.ning.com/profile/kantaroy
<p>मार्गदर्शनयुक्त सराहना पाकर अभिभूत हुई आदरणीय शिज्जु शकूर जी। आभार आपका। </p>
<p>मार्गदर्शनयुक्त सराहना पाकर अभिभूत हुई आदरणीय शिज्जु शकूर जी। आभार आपका। </p> आदरणीया कांता जी बढ़िया प्रयास…tag:openbooks.ning.com,2015-11-01:5170231:Comment:7122082015-11-01T16:31:28.424Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीया कांता जी बढ़िया प्रयास हुआ है भावाभिव्यक्ति बढ़िया है. हार्दिक बधाई.</p>
<p>आदरणीया कांता जी बढ़िया प्रयास हुआ है भावाभिव्यक्ति बढ़िया है. हार्दिक बधाई.</p> आपा-धापी, भागम-भाग की अर्थ-व्…tag:openbooks.ning.com,2015-11-01:5170231:Comment:7121642015-11-01T15:16:41.558ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
आपा-धापी, भागम-भाग की अर्थ-व्यस्तता की जीवन-शैली में कैश बोक्स संग संतुष्ट मनुष्य प्रकृति और अन्य सहज सुखों से किस तरह वंचित रह जाता है, इन सब यथार्थ को शब्द-चित्र से बखूबी व्यक्त करने के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया कान्ता राय जी।
आपा-धापी, भागम-भाग की अर्थ-व्यस्तता की जीवन-शैली में कैश बोक्स संग संतुष्ट मनुष्य प्रकृति और अन्य सहज सुखों से किस तरह वंचित रह जाता है, इन सब यथार्थ को शब्द-चित्र से बखूबी व्यक्त करने के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया कान्ता राय जी। आदरणीया कांताजी अतुकांत रचनाओ…tag:openbooks.ning.com,2015-11-01:5170231:Comment:7121612015-11-01T14:26:45.814Zशिज्जु "शकूर"http://openbooks.ning.com/profile/ShijjuS
आदरणीया कांताजी अतुकांत रचनाओ मे रवानी को आखिर तक बनाये रखना एक चुनौती होती है और भावों एवं शब्दों का अकारण दोहराव भी कभी कभी रचना को कमज़ोर कर देते है। आपकी रचना के भाव अच्छे हैं बधाई आपको। हाँ लेकिन अभी भी गुंजाइश है
आदरणीया कांताजी अतुकांत रचनाओ मे रवानी को आखिर तक बनाये रखना एक चुनौती होती है और भावों एवं शब्दों का अकारण दोहराव भी कभी कभी रचना को कमज़ोर कर देते है। आपकी रचना के भाव अच्छे हैं बधाई आपको। हाँ लेकिन अभी भी गुंजाइश है