Comments - कितने ही यहाँ जिनके घर अपने नहीं होते - Open Books Online2024-03-28T15:57:30Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A710956&xn_auth=noआदरणीय आशुतोष जी बहुत बढ़िया त…tag:openbooks.ning.com,2015-11-02:5170231:Comment:7120912015-11-02T09:59:32.298ZRavi Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/RaviShukla
<p>आदरणीय आशुतोष जी बहुत बढ़िया तरही ग़ज़ल हुई है मुशायरे में शिरकत नहीं हो पाई शायद नहीं तो और भी विस्तृत दाद मिलती सबसे</p>
<p>इंसा को ठिठुरता यूं देखा तो चिडी बोली </p>
<p>मर जाते कभी के गर फर अपने नहीं होते क्या बात है आने वाली ठंड का एहसास किस नये तरीके से आपने किया है नया बिंब है बधाई आपको इसके लिये</p>
<p>हाथों में तेरे प्याले आँखों में उदासी क्यूँ </p>
<p>ऐसे में गले साकी तर अपने नहीं होते आखिरी शेर तो बहुत ही खूब हुआ है क्या बात है आशुतोष जी ऐसे में किसके गले तर होंगे । दिली दाद…</p>
<p>आदरणीय आशुतोष जी बहुत बढ़िया तरही ग़ज़ल हुई है मुशायरे में शिरकत नहीं हो पाई शायद नहीं तो और भी विस्तृत दाद मिलती सबसे</p>
<p>इंसा को ठिठुरता यूं देखा तो चिडी बोली </p>
<p>मर जाते कभी के गर फर अपने नहीं होते क्या बात है आने वाली ठंड का एहसास किस नये तरीके से आपने किया है नया बिंब है बधाई आपको इसके लिये</p>
<p>हाथों में तेरे प्याले आँखों में उदासी क्यूँ </p>
<p>ऐसे में गले साकी तर अपने नहीं होते आखिरी शेर तो बहुत ही खूब हुआ है क्या बात है आशुतोष जी ऐसे में किसके गले तर होंगे । दिली दाद कुबूल करें । इस बार मुशायरे में हाजिर जरूर होइयेगा ।</p> आदरणीय मिथिलेश जी..रचना पर आप…tag:openbooks.ning.com,2015-11-02:5170231:Comment:7123182015-11-02T07:32:32.515ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय मिथिलेश जी..रचना पर आपकी प्रतिक्रिया से बड़ा हौसला मिलता है ..बस यूं ही सहयोग मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर </p>
<p>आदरणीय मिथिलेश जी..रचना पर आपकी प्रतिक्रिया से बड़ा हौसला मिलता है ..बस यूं ही सहयोग मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर </p> आदरणीय शिज्जू जी ..आपकी प्रति…tag:openbooks.ning.com,2015-11-02:5170231:Comment:7122362015-11-02T07:31:36.917ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय शिज्जू जी ..आपकी प्रतिक्रिया से मनोबल बढ़ा है ..आपके साथ मैंने इस मंच पर ग़ज़ल का ये सफ़र शुरू किया था..बहुत मार्गदर्शन मिला आपसे ..इस सफ़र पर आपसे यूं ही हौसला मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर </p>
<p>आदरणीय शिज्जू जी ..आपकी प्रतिक्रिया से मनोबल बढ़ा है ..आपके साथ मैंने इस मंच पर ग़ज़ल का ये सफ़र शुरू किया था..बहुत मार्गदर्शन मिला आपसे ..इस सफ़र पर आपसे यूं ही हौसला मिलता रहे इसी कामना के साथ सादर </p> आदरणीय मनोज जी रचना पर आपकी उ…tag:openbooks.ning.com,2015-11-02:5170231:Comment:7123162015-11-02T07:28:43.432ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय मनोज जी रचना पर आपकी उत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद सादर </p>
<p>आदरणीय मनोज जी रचना पर आपकी उत्साहित करती प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से धन्यवाद सादर </p> आदरणीय आशुतोष जी बहुत बढ़िया त…tag:openbooks.ning.com,2015-11-01:5170231:Comment:7119022015-11-01T16:23:42.033Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय आशुतोष जी बहुत बढ़िया तरही ग़ज़ल हुई है दाद हाज़िर है </p>
<p>आदरणीय आशुतोष जी बहुत बढ़िया तरही ग़ज़ल हुई है दाद हाज़िर है </p> बहुत बढ़िया आदरणीय डॉ आशुतोषजी…tag:openbooks.ning.com,2015-11-01:5170231:Comment:7120462015-11-01T14:33:39.579Zशिज्जु "शकूर"http://openbooks.ning.com/profile/ShijjuS
बहुत बढ़िया आदरणीय डॉ आशुतोषजी बधाई स्वीकार करें
बहुत बढ़िया आदरणीय डॉ आशुतोषजी बधाई स्वीकार करें आदरणीय
बहुत खूब ग़ज़ल हुई है
बध…tag:openbooks.ning.com,2015-10-30:5170231:Comment:7111152015-10-30T14:56:58.036Zमनोज अहसासhttp://openbooks.ning.com/profile/ManojkumarAhsaas
आदरणीय<br />
बहुत खूब ग़ज़ल हुई है<br />
बधाई<br />
सादर
आदरणीय<br />
बहुत खूब ग़ज़ल हुई है<br />
बधाई<br />
सादर