Comments - ग़ज़ल-- बढ़िया है-- (मिथिलेश वामनकर) - Open Books Online2024-03-29T13:19:48Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A709786&xn_auth=noआपका भर पूरा जीवन प्रशानिक से…tag:openbooks.ning.com,2016-01-30:5170231:Comment:7362022016-01-30T16:02:01.729ZVijay Joshihttp://openbooks.ning.com/profile/VijayJoshi
आपका भर पूरा जीवन प्रशानिक सेवा के बाद भी साहित्य को समर्पित है। जानकर ख़ुशी हुई।<br />
विजय जोशी '<br />
शीतांशु'
आपका भर पूरा जीवन प्रशानिक सेवा के बाद भी साहित्य को समर्पित है। जानकर ख़ुशी हुई।<br />
विजय जोशी '<br />
शीतांशु' आदरणीय Ganga Dhar Sharma 'Hi…tag:openbooks.ning.com,2015-10-31:5170231:Comment:7120312015-10-31T18:57:19.484Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p><span>आदरणीय <a rel="nofollow" href="http://www.openbooksonline.com/profile/GangaDharSharmaHindustan" class="fn url">Ganga Dhar Sharma 'Hindustan'</a> </span><a rel="nofollow" href="http://www.openbooksonline.com/profile/BAIJNATHSHARMAMINTU" class="fn url"></a><span> जी <span>ग़ज़ल की</span><span> सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार</span></span></p>
<p><span>आदरणीय <a rel="nofollow" href="http://www.openbooksonline.com/profile/GangaDharSharmaHindustan" class="fn url">Ganga Dhar Sharma 'Hindustan'</a> </span><a rel="nofollow" href="http://www.openbooksonline.com/profile/BAIJNATHSHARMAMINTU" class="fn url"></a><span> जी <span>ग़ज़ल की</span><span> सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार</span></span></p> आदरणीय Dr Ashutosh Mishra जी…tag:openbooks.ning.com,2015-10-31:5170231:Comment:7119442015-10-31T18:56:57.825Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p><span>आदरणीय <span> </span><a rel="nofollow" href="http://www.openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra" class="fn url">Dr Ashutosh Mishra</a> जी ग़ज़ल की</span><span> सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार</span></p>
<p><span>आदरणीय <span> </span><a rel="nofollow" href="http://www.openbooksonline.com/profile/DrAshutoshMishra" class="fn url">Dr Ashutosh Mishra</a> जी ग़ज़ल की</span><span> सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार</span></p> मिथिलेश जी ! बढ़िया ...बहुत बढ़…tag:openbooks.ning.com,2015-10-31:5170231:Comment:7118442015-10-31T17:25:33.275ZGanga Dhar Sharma 'Hindustan'http://openbooks.ning.com/profile/GangaDharSharmaHindustan
मिथिलेश जी ! बढ़िया ...बहुत बढ़िया...यकीनन बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल...इसके लिए बढ़िया सी बधाई स्वीकार करें...
मिथिलेश जी ! बढ़िया ...बहुत बढ़िया...यकीनन बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल...इसके लिए बढ़िया सी बधाई स्वीकार करें... आदरणीय मिथिलेश जी आज तो आपकी…tag:openbooks.ning.com,2015-10-30:5170231:Comment:7110302015-10-30T11:36:09.631ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय मिथिलेश जी आज तो आपकी कई ग़ज़लें पढने का मौका मिला ..एक से बढ़कर एक रचना ..इस बढ़िया ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधायी स्वीकार करें सादर </p>
<p>आदरणीय मिथिलेश जी आज तो आपकी कई ग़ज़लें पढने का मौका मिला ..एक से बढ़कर एक रचना ..इस बढ़िया ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधायी स्वीकार करें सादर </p> आदरणीय नादिर सर, आप जैसे गज़लक…tag:openbooks.ning.com,2015-10-29:5170231:Comment:7100502015-10-29T07:21:53.583Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय नादिर सर, आप जैसे गज़लकार से दाद पाना मेरे लिए मायने रखता है, ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p>
<p>आदरणीय नादिर सर, आप जैसे गज़लकार से दाद पाना मेरे लिए मायने रखता है, ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p> आदरणीय गिरिराज सर, आपका अनुमो…tag:openbooks.ning.com,2015-10-29:5170231:Comment:7101362015-10-29T07:21:11.732Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय गिरिराज सर, आपका अनुमोदन पाकर आश्वस्त हुआ हूँ. ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p>
<p>आदरणीय गिरिराज सर, आपका अनुमोदन पाकर आश्वस्त हुआ हूँ. ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p> आदरणीय पंकज जी, ग़ज़ल की सराहना…tag:openbooks.ning.com,2015-10-29:5170231:Comment:7098832015-10-29T07:20:23.199Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय पंकज जी, ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p>
<p>आदरणीय पंकज जी, ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p> हा हा हा ........ आदरणीय नीरज…tag:openbooks.ning.com,2015-10-29:5170231:Comment:7101352015-10-29T07:20:03.739Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>हा हा हा ........ आदरणीय नीरज जी, ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p>
<p>हा हा हा ........ आदरणीय नीरज जी, ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p> आदरणीय गोपाल सर, ग़ज़ल की सराहन…tag:openbooks.ning.com,2015-10-29:5170231:Comment:7101332015-10-29T07:19:36.344Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>आदरणीय गोपाल सर, ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p>
<p>आदरणीय गोपाल सर, ग़ज़ल की सराहना और उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार. </p>