Comments - चुप्पी - Open Books Online2024-03-29T09:13:07Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A671798&xn_auth=noहम दुखी तो जग दुखी.. यह एक व…tag:openbooks.ning.com,2015-07-13:5170231:Comment:6765452015-07-13T17:31:24.564ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p><em>हम दुखी तो जग दुखी.. </em> यह एक विशेष मनःस्थिति होती है. उससे गुजरती हुई दशा कविता के संयत शब्दों में अभिव्यक्त हुई है. बधाई स्वीकारें महिमाजी.. <br/>शुभ-शुभ<br/><br/></p>
<p><em>हम दुखी तो जग दुखी.. </em> यह एक विशेष मनःस्थिति होती है. उससे गुजरती हुई दशा कविता के संयत शब्दों में अभिव्यक्त हुई है. बधाई स्वीकारें महिमाजी.. <br/>शुभ-शुभ<br/><br/></p> सुन्दर कविता ,,हार्दिक बधाई |tag:openbooks.ning.com,2015-07-05:5170231:Comment:6729542015-07-05T16:50:48.524Zmaharshi tripathihttp://openbooks.ning.com/profile/maharshitripathi815
<p>सुन्दर कविता ,,हार्दिक बधाई |</p>
<p>सुन्दर कविता ,,हार्दिक बधाई |</p> बहुत सुन्दर बधाई! आ० महिमा जी!tag:openbooks.ning.com,2015-07-05:5170231:Comment:6728792015-07-05T09:30:58.133ZKrish mishra 'jaan' gorakhpurihttp://openbooks.ning.com/profile/krishnamishrajaangorakhpuri
<p>बहुत सुन्दर बधाई! आ० महिमा जी!</p>
<p>बहुत सुन्दर बधाई! आ० महिमा जी!</p> बहुत खूब बात करती है चुप्पी आ…tag:openbooks.ning.com,2015-07-04:5170231:Comment:6725992015-07-04T18:08:46.682Zkanta royhttp://openbooks.ning.com/profile/kantaroy
बहुत खूब बात करती है चुप्पी आपकी चुपके से ... दिलों का राज खोलती आपकी चुप्पी जैसे चुपके से ......... बहुत ही शानदार लिखती है आप आदरणीया महिमा श्री जी ...... बधाई स्वीकार करें ।
बहुत खूब बात करती है चुप्पी आपकी चुपके से ... दिलों का राज खोलती आपकी चुप्पी जैसे चुपके से ......... बहुत ही शानदार लिखती है आप आदरणीया महिमा श्री जी ...... बधाई स्वीकार करें । व्वाहह!... क्या ख़ूब कल्पना ह…tag:openbooks.ning.com,2015-07-04:5170231:Comment:6728182015-07-04T12:18:21.246Zshree suneelhttp://openbooks.ning.com/profile/shreesuneel
व्वाहह!... क्या ख़ूब कल्पना है. इस सुन्दर कविता के लिए हार्दिक बधाइयाँ आपको आदरणीया महिमा श्री जी.
व्वाहह!... क्या ख़ूब कल्पना है. इस सुन्दर कविता के लिए हार्दिक बधाइयाँ आपको आदरणीया महिमा श्री जी. आ. मिथिलेश जी..कविता आपको अच्…tag:openbooks.ning.com,2015-07-03:5170231:Comment:6725242015-07-03T15:23:55.692ZMAHIMA SHREEhttp://openbooks.ning.com/profile/MAHIMASHREE
<p><span>आ. मिथिलेश जी..कविता आपको अच्छी लगी , जानकर खुशी हुई....सराहना के लिए हृदय से आभारी हूँ..</span></p>
<p><span>आ. मिथिलेश जी..कविता आपको अच्छी लगी , जानकर खुशी हुई....सराहना के लिए हृदय से आभारी हूँ..</span></p> पसंद करने के लिए आपका बहुत आभ…tag:openbooks.ning.com,2015-07-03:5170231:Comment:6724652015-07-03T15:21:17.340ZMAHIMA SHREEhttp://openbooks.ning.com/profile/MAHIMASHREE
<p>पसंद करने के लिए आपका बहुत आभार सलीम जी.</p>
<p>पसंद करने के लिए आपका बहुत आभार सलीम जी.</p> बहुत सुन्दर भाव से सजी रचना ह…tag:openbooks.ning.com,2015-07-03:5170231:Comment:6722822015-07-03T08:30:20.774Zमिथिलेश वामनकरhttp://openbooks.ning.com/profile/mw
<p>बहुत सुन्दर भाव से सजी रचना है इस सुन्दर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई ..... रचना के भाव और कहन इतने शानदार है कि मुग्ध हूँ. अभी रचना अतुकांत और नज्म के बीच कहीं ठहरी है...... रचना में गेयता आ जाए तो कमाल की नज्म बनकर निकलेगी.</p>
<p>बहुत सुन्दर भाव से सजी रचना है इस सुन्दर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई ..... रचना के भाव और कहन इतने शानदार है कि मुग्ध हूँ. अभी रचना अतुकांत और नज्म के बीच कहीं ठहरी है...... रचना में गेयता आ जाए तो कमाल की नज्म बनकर निकलेगी.</p> बेहद उम्दा अंदाज़-ए-बयाँ ! लाज…tag:openbooks.ning.com,2015-07-03:5170231:Comment:6721952015-07-03T07:29:37.888Zsaalim sheikhhttp://openbooks.ning.com/profile/saalimsheikh
<p>बेहद उम्दा अंदाज़-ए-बयाँ ! <br/>लाजवाब नज़्म के लिए बधाई !</p>
<p>बेहद उम्दा अंदाज़-ए-बयाँ ! <br/>लाजवाब नज़्म के लिए बधाई !</p>