Comments - ग़ज़ल :- तिरा दिल है कि पत्थर हँस रहा है - Open Books Online2024-03-29T15:58:44Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A638692&xn_auth=noजनाब दिनेश कुमार जी,आदाब,हौसल…tag:openbooks.ning.com,2015-04-10:5170231:Comment:6402012015-04-10T09:01:39.642ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब दिनेश कुमार जी,आदाब,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ |
जनाब दिनेश कुमार जी,आदाब,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ | बेहतरीन ग़ज़ल हुई है आदरणीय स…tag:openbooks.ning.com,2015-04-09:5170231:Comment:6397842015-04-09T13:42:46.337Zदिनेश कुमारhttp://openbooks.ning.com/profile/0bbsmwu5qzvln
बेहतरीन ग़ज़ल हुई है आदरणीय समर कबीर सर जी। हर अशआर के लिए ढेरों दाद व बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद क़ुबूल करें सर।
बेहतरीन ग़ज़ल हुई है आदरणीय समर कबीर सर जी। हर अशआर के लिए ढेरों दाद व बेहतरीन ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद क़ुबूल करें सर। जनाब डा.आशुतोष मिश्रा जी,आदाब…tag:openbooks.ning.com,2015-04-09:5170231:Comment:6399072015-04-09T04:38:30.148ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब डा.आशुतोष मिश्रा जी,आदाब,ज़र्रा नवाज़ी के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ |
जनाब डा.आशुतोष मिश्रा जी,आदाब,ज़र्रा नवाज़ी के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ | आदरणीय समर जी ..इस शानदार ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2015-04-08:5170231:Comment:6393902015-04-08T12:27:39.025ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय समर जी ..इस शानदार ग़ज़ल के लिए तहे दिल बधाई सादर </p>
<p>आदरणीय समर जी ..इस शानदार ग़ज़ल के लिए तहे दिल बधाई सादर </p> मोहतरमा निधी अग्रवाल जी,आदाब,…tag:openbooks.ning.com,2015-04-08:5170231:Comment:6393872015-04-08T12:20:07.145ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
मोहतरमा निधी अग्रवाल जी,आदाब,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया |
मोहतरमा निधी अग्रवाल जी,आदाब,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया | जनाब नज़ील जी,आदाब,ज़र्रा नवाज़ी…tag:openbooks.ning.com,2015-04-08:5170231:Comment:6396322015-04-08T12:19:24.711ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब नज़ील जी,आदाब,ज़र्रा नवाज़ी के लिये तहे दिल से शुक्रिया |
जनाब नज़ील जी,आदाब,ज़र्रा नवाज़ी के लिये तहे दिल से शुक्रिया | जनाब निर्मल नदीम जी,आदाब,ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2015-04-08:5170231:Comment:6394662015-04-08T12:14:29.696ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
जनाब निर्मल नदीम जी,आदाब,ग़ज़ल में आपकी शिर्कत से लिखना सार्थक हुआ,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया |
जनाब निर्मल नदीम जी,आदाब,ग़ज़ल में आपकी शिर्कत से लिखना सार्थक हुआ,हौसला अफ़ज़ाई के लिये तहे दिल से शुक्रिया | बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई सर .. बह…tag:openbooks.ning.com,2015-04-08:5170231:Comment:6393832015-04-08T11:33:09.001ZNidhi Agrawalhttp://openbooks.ning.com/profile/MamtaAgrawalNidhi
<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई सर .. बह्र लिख देने से हम नए लोगों को सुविधा हो जाती है </p>
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<p><span>विदाई हो गई बेटी की शायद</span><br/><span>तभी मज़दूर खुलकर हँस रहा है ०- वाह </span></p>
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<p>बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई सर .. बह्र लिख देने से हम नए लोगों को सुविधा हो जाती है </p>
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<p><span>विदाई हो गई बेटी की शायद</span><br/><span>तभी मज़दूर खुलकर हँस रहा है ०- वाह </span></p>
<p></p> आदरणीय समर कबीर जी बेहद खूब…tag:openbooks.ning.com,2015-04-08:5170231:Comment:6393652015-04-08T09:40:22.484ZNazeelhttp://openbooks.ning.com/profile/NBNazeel
<p>आदरणीय समर कबीर जी बेहद खूबसूरत रचना के लिए हार्दिक बधाई</p>
<p>आदरणीय समर कबीर जी बेहद खूबसूरत रचना के लिए हार्दिक बधाई</p> आदाब जनाब। बहुत ही उम्दा ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2015-04-08:5170231:Comment:6393052015-04-08T07:51:49.710ZNirmal Nadeemhttp://openbooks.ning.com/profile/NirmalNadeem
आदाब जनाब। बहुत ही उम्दा ग़ज़ल हुई है। ढेरों दाद ओ तहसीन पेश करते हुए मुबारकबाद देता हूँ। अल्लाह सलामत रखे। आमीन।
आदाब जनाब। बहुत ही उम्दा ग़ज़ल हुई है। ढेरों दाद ओ तहसीन पेश करते हुए मुबारकबाद देता हूँ। अल्लाह सलामत रखे। आमीन।