Comments - ग़ज़ल :- और कुछ इत्मीनान है बाकी - Open Books Online2024-03-29T15:06:38Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A56272&xn_auth=noबागी जी आपके शब्द मेरे लिये ल…tag:openbooks.ning.com,2011-03-02:5170231:Comment:569672011-03-02T08:31:03.721ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>बागी जी आपके शब्द मेरे लिये लेखन की उर्जा और हौसले के सामान है ,आभार आपका आपने गज़ल पसंद की ! अभी भी मेरा प्रयास अपनी रचना को सबसे पहले ओ.बी.ओ. पर देना होता है और सदा रहेगा यहाँ जो रेस्पोंस और संतोष है उसमे कृत्रिमता नहीं और चुनिन्दा लोग हैं जो लेखन से जुड़े और उसे समझते हैं | यही बात इस साईट को औरों से अलग और विशिष्ट बनाती है | यह खूब प्रगति करे यही कामना है |</p>
<p>बागी जी आपके शब्द मेरे लिये लेखन की उर्जा और हौसले के सामान है ,आभार आपका आपने गज़ल पसंद की ! अभी भी मेरा प्रयास अपनी रचना को सबसे पहले ओ.बी.ओ. पर देना होता है और सदा रहेगा यहाँ जो रेस्पोंस और संतोष है उसमे कृत्रिमता नहीं और चुनिन्दा लोग हैं जो लेखन से जुड़े और उसे समझते हैं | यही बात इस साईट को औरों से अलग और विशिष्ट बनाती है | यह खूब प्रगति करे यही कामना है |</p> अरुण भाई , आपके पास ख्यालात ग…tag:openbooks.ning.com,2011-02-28:5170231:Comment:565642011-02-28T14:10:52.441ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
अरुण भाई , आपके पास ख्यालात गज़ब के है , सभी शे'र एक पर एक है ,<br />
<br />
गोली नाथू चला रहा अब तक ,<br />
तो भी गाँधी में जान है बाकी |<br />
<br />
अरुण भाई ग़ज़ल की जान है यह शे'र , मुझे पूरा विश्वास है की यह शे'र आपके भी दिल के नजदीक होगा |<br />
<br />
बधाई स्वीकार करे इस बेहतरीन प्रस्तुति पर |
अरुण भाई , आपके पास ख्यालात गज़ब के है , सभी शे'र एक पर एक है ,<br />
<br />
गोली नाथू चला रहा अब तक ,<br />
तो भी गाँधी में जान है बाकी |<br />
<br />
अरुण भाई ग़ज़ल की जान है यह शे'र , मुझे पूरा विश्वास है की यह शे'र आपके भी दिल के नजदीक होगा |<br />
<br />
बधाई स्वीकार करे इस बेहतरीन प्रस्तुति पर | शुक्रिया अश्वनी जी आपने ग़ज़ल…tag:openbooks.ning.com,2011-02-28:5170231:Comment:565522011-02-28T08:49:52.821ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
शुक्रिया अश्वनी जी आपने ग़ज़ल पसंद की |
शुक्रिया अश्वनी जी आपने ग़ज़ल पसंद की | badhiya ghazal kahi hai......…tag:openbooks.ning.com,2011-02-27:5170231:Comment:565432011-02-27T17:32:45.432ZASHVANI KUMAR SHARMAhttp://openbooks.ning.com/profile/ASHVANIKUMARSHARMA
badhiya ghazal kahi hai...............badhai
badhiya ghazal kahi hai...............badhai