Comments - गज़ल/कल्पना रामानी - Open Books Online2024-03-28T08:36:03Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A555125&xn_auth=noआदरणीय सौरभ जी, मंथन तो चलता…tag:openbooks.ning.com,2014-07-10:5170231:Comment:5576452014-07-10T13:14:02.251Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>आदरणीय सौरभ जी, मंथन तो चलता ही रहता है, आपकी बात ध्यान में रखूँगी, आपका मन से धन्यवाद</p>
<p>आदरणीय सौरभ जी, मंथन तो चलता ही रहता है, आपकी बात ध्यान में रखूँगी, आपका मन से धन्यवाद</p> शेर प्रति शेर मन रमता गया. वै…tag:openbooks.ning.com,2014-07-09:5170231:Comment:5573212014-07-09T12:20:01.739ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>शेर प्रति शेर मन रमता गया. वैसे इस ग़ज़ल को यहीं मत छोड़ियेगा.. समय देते रहियेगा.. अभी जब इतने प्रखर हैं तो यही शेर और प्रभावी हो कर निखरेंगे.</p>
<p>नमन आदरणीया कल्पना जी..</p>
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<p>शेर प्रति शेर मन रमता गया. वैसे इस ग़ज़ल को यहीं मत छोड़ियेगा.. समय देते रहियेगा.. अभी जब इतने प्रखर हैं तो यही शेर और प्रभावी हो कर निखरेंगे.</p>
<p>नमन आदरणीया कल्पना जी..</p>
<p></p> बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय गिरि…tag:openbooks.ning.com,2014-07-05:5170231:Comment:5558372014-07-05T03:14:01.549Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय गिरिराज जी</p>
<p>बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय गिरिराज जी</p> आदरणीया , बहुत बढ़िया लगी आपकी…tag:openbooks.ning.com,2014-07-05:5170231:Comment:5558352014-07-05T02:15:14.940Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
आदरणीया , बहुत बढ़िया लगी आपकी ग़ज़ल , दिली बधाइयाँ ॥
आदरणीया , बहुत बढ़िया लगी आपकी ग़ज़ल , दिली बधाइयाँ ॥ प्रिय गीतिका जी, मंजरी जी,वंद…tag:openbooks.ning.com,2014-07-04:5170231:Comment:5558262014-07-04T17:29:59.961Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>प्रिय गीतिका जी, मंजरी जी,वंदना जी सराहना भरे शब्दों के लिए आप सबका मन से धन्यवाद</p>
<p>प्रिय गीतिका जी, मंजरी जी,वंदना जी सराहना भरे शब्दों के लिए आप सबका मन से धन्यवाद</p> आदरणीय नरेंद्र सिंह जी, बहुत…tag:openbooks.ning.com,2014-07-04:5170231:Comment:5559102014-07-04T17:28:25.965Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>आदरणीय नरेंद्र सिंह जी, बहुत धन्यवाद आपका</p>
<p>आदरणीय नरेंद्र सिंह जी, बहुत धन्यवाद आपका</p> आदरणीय तिलक राज जी, गजल पर आप…tag:openbooks.ning.com,2014-07-04:5170231:Comment:5558252014-07-04T17:27:43.467Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>आदरणीय तिलक राज जी, गजल पर आपकी उपस्थिति से बहुत हर्ष हुआ। प्रोत्साहित करने के लिए आपका हार्दिक आभार</p>
<p>आदरणीय तिलक राज जी, गजल पर आपकी उपस्थिति से बहुत हर्ष हुआ। प्रोत्साहित करने के लिए आपका हार्दिक आभार</p> आदरणीय ब्रह्मचारी जी, सादर ध…tag:openbooks.ning.com,2014-07-04:5170231:Comment:5559092014-07-04T17:25:53.250Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>आदरणीय ब्रह्मचारी जी, सादर धन्यवाद </p>
<p>आदरणीय ब्रह्मचारी जी, सादर धन्यवाद </p> प्रिय राजेश कुमारी जी, अपनत्व…tag:openbooks.ning.com,2014-07-04:5170231:Comment:5556232014-07-04T17:24:50.644Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>प्रिय राजेश कुमारी जी, अपनत्व भरी टिप्पणी के लिए बहुत धन्यवाद</p>
<p>प्रिय राजेश कुमारी जी, अपनत्व भरी टिप्पणी के लिए बहुत धन्यवाद</p> आदरणीय गोपाल नारायण जी, आपसे…tag:openbooks.ning.com,2014-07-04:5170231:Comment:5559072014-07-04T17:22:08.775Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>आदरणीय गोपाल नारायण जी, आपसे गजल की इतनी तारीफ पाकर उत्साह कई गुना बढ़ गया है। आपका हार्दिक आभार</p>
<p>आदरणीय गोपाल नारायण जी, आपसे गजल की इतनी तारीफ पाकर उत्साह कई गुना बढ़ गया है। आपका हार्दिक आभार</p>