Comments - हाँ..! यही सच है (अतुकांत) - Open Books Online2024-03-28T16:48:25Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A554121&xn_auth=noआपकी बधाई सहर्ष शिरोधार्य है…tag:openbooks.ning.com,2014-07-10:5170231:Comment:5575072014-07-10T04:01:25.918Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>आपकी बधाई सहर्ष शिरोधार्य है आदरणीया डा.प्राची जी, आपकी उपस्थिति बहुत मनोबल प्रदान करती है, आपका ह्रदय से आभार.</p>
<p></p>
<p>सादर!</p>
<p>आपकी बधाई सहर्ष शिरोधार्य है आदरणीया डा.प्राची जी, आपकी उपस्थिति बहुत मनोबल प्रदान करती है, आपका ह्रदय से आभार.</p>
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<p>सादर!</p> प्राकृतिक बिम्बों के माध्यम स…tag:openbooks.ning.com,2014-07-08:5170231:Comment:5570292014-07-08T11:20:09.021ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>प्राकृतिक बिम्बों के माध्यम से मनोभावों की सुन्दर अभिव्यक्ति </p>
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<p>हार्दिक बधाई आ० जितेन्द्र जी </p>
<p>प्राकृतिक बिम्बों के माध्यम से मनोभावों की सुन्दर अभिव्यक्ति </p>
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<p>हार्दिक बधाई आ० जितेन्द्र जी </p> रचना पर आपकी उपस्थति से बहुत…tag:openbooks.ning.com,2014-07-07:5170231:Comment:5564202014-07-07T03:52:18.448Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>रचना पर आपकी उपस्थति से बहुत मनोबल मिलता है आदरणीय सौरभ जी, आपका ह्रदय से आभार</p>
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<p>सादर!</p>
<p>रचना पर आपकी उपस्थति से बहुत मनोबल मिलता है आदरणीय सौरभ जी, आपका ह्रदय से आभार</p>
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<p>सादर!</p> बहुत ही सफल प्रयास हुआ है, भा…tag:openbooks.ning.com,2014-07-06:5170231:Comment:5561752014-07-06T22:51:42.477ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>बहुत ही सफल प्रयास हुआ है, भाई जितेन्द्र जी.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
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<p>बहुत ही सफल प्रयास हुआ है, भाई जितेन्द्र जी.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p> रचना पर आपके अनुमोदन से रचना…tag:openbooks.ning.com,2014-07-01:5170231:Comment:5549452014-07-01T16:23:15.783Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>रचना पर आपके अनुमोदन से रचना सार्थक हुई आदरणीय विजय जी, आपका ह्रदय से आभारी हूँ. स्नेह बनाये रखियेगा</p>
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<p>सादर!</p>
<p>रचना पर आपके अनुमोदन से रचना सार्थक हुई आदरणीय विजय जी, आपका ह्रदय से आभारी हूँ. स्नेह बनाये रखियेगा</p>
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<p>सादर!</p> आपके भाव पन्ने पर अच्छे उतरे…tag:openbooks.ning.com,2014-07-01:5170231:Comment:5548342014-07-01T10:02:42.481Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>आपके भाव पन्ने पर अच्छे उतरे हैं। भावप्रधान रचना के लिए हार्दिक बधाई।</p>
<p>आपके भाव पन्ने पर अच्छे उतरे हैं। भावप्रधान रचना के लिए हार्दिक बधाई।</p> आपकी उत्साहवर्धक सराहना हेतु…tag:openbooks.ning.com,2014-07-01:5170231:Comment:5548162014-07-01T04:50:24.292Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>आपकी उत्साहवर्धक सराहना हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी, स्नेह बनाये रखियेगा</p>
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<p>सादर!</p>
<p>आपकी उत्साहवर्धक सराहना हेतु आपका ह्रदय से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी, स्नेह बनाये रखियेगा</p>
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<p>सादर!</p> ........इस भावप्रधान रचना के…tag:openbooks.ning.com,2014-07-01:5170231:Comment:5546262014-07-01T03:50:09.138Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>........इस भावप्रधान रचना के लिए हार्दिक बधाई आ0 भाई जितेन्द्र जी ।</p>
<p>........इस भावप्रधान रचना के लिए हार्दिक बधाई आ0 भाई जितेन्द्र जी ।</p> रचना पर आपकी उपस्थिति से मन क…tag:openbooks.ning.com,2014-06-30:5170231:Comment:5544992014-06-30T17:57:32.764Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>रचना पर आपकी उपस्थिति से मन को बहुत संतोष मिलता है आदरणीय बृजेश जी, स्नेह बनाये रखियेगा</p>
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<p>सादर!</p>
<p>रचना पर आपकी उपस्थिति से मन को बहुत संतोष मिलता है आदरणीय बृजेश जी, स्नेह बनाये रखियेगा</p>
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<p>सादर!</p> सुन्दर रचना। आपको बधाई।tag:openbooks.ning.com,2014-06-30:5170231:Comment:5544962014-06-30T17:44:59.424Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
सुन्दर रचना। आपको बधाई।
सुन्दर रचना। आपको बधाई।