Comments - गजल : तुम्हारे प्यार का सिर पर अगर आंचल नहीं होगा//शकील जमशेदपुरी// - Open Books Online2024-03-29T04:46:25Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A541821&xn_auth=noआदरणीय शकील भाई, गजल का मतला…tag:openbooks.ning.com,2015-01-08:5170231:Comment:6037602015-01-08T16:45:24.765Zatul kushwahhttp://openbooks.ning.com/profile/atulkushwah
<p>आदरणीय शकील भाई, गजल का मतला ही पढकर डूब गया, वाकी के शेर तो कहने ही क्या। दो शेर खासतौर से मुझे बेहद पसंद आए, माफ करें वैसे शेर सभी शानदार हैं,....<br></br>यकीनन कुछ न कुछ तो बात है तेरी अदाओं में<br></br>ये दिल यूं ही तुम्हारे प्यार में पागल नहीं होगा।।</p>
<p>कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं,<br></br>सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा।।<br></br> .......वाह—वाह शकील भाई वाह, क्या गजल कही है। <br></br>- तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं,<br></br>मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल…</p>
<p>आदरणीय शकील भाई, गजल का मतला ही पढकर डूब गया, वाकी के शेर तो कहने ही क्या। दो शेर खासतौर से मुझे बेहद पसंद आए, माफ करें वैसे शेर सभी शानदार हैं,....<br/>यकीनन कुछ न कुछ तो बात है तेरी अदाओं में<br/>ये दिल यूं ही तुम्हारे प्यार में पागल नहीं होगा।।</p>
<p>कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं,<br/>सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा।।<br/> .......वाह—वाह शकील भाई वाह, क्या गजल कही है। <br/>- तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं,<br/>मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा।। बहुत शुभकामनाएं आपको<br/> सादर— अतुल</p> तेरी आंखों में काजल और आंसू द…tag:openbooks.ning.com,2014-05-27:5170231:Comment:5448392014-05-27T11:59:25.976ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p><span class="font-size-3">तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं</span><br/><span class="font-size-3">मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा..................बहुत खूब !</span></p>
<p></p>
<p><font size="3">सुन्दर अशआर कहे हैं </font></p>
<p><font size="3">हार्दिक बधाई </font></p>
<p><span class="font-size-3">तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं</span><br/><span class="font-size-3">मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा..................बहुत खूब !</span></p>
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<p><font size="3">सुन्दर अशआर कहे हैं </font></p>
<p><font size="3">हार्दिक बधाई </font></p> आदरणीय शकील जी ..बेहतरीन ख्या…tag:openbooks.ning.com,2014-05-26:5170231:Comment:5446482014-05-26T09:17:46.794ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय शकील जी ..बेहतरीन ख्यालों वाले इन अशारो से सजी इस काबिले तारीफ ग़ज़ल के लिए तहे दिल बधाई सादर </p>
<p>आदरणीय शकील जी ..बेहतरीन ख्यालों वाले इन अशारो से सजी इस काबिले तारीफ ग़ज़ल के लिए तहे दिल बधाई सादर </p> मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूब…tag:openbooks.ning.com,2014-05-23:5170231:Comment:5433462014-05-23T17:49:16.930ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p><span class="font-size-3">मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूबियां कुछ तो</span><br/><span class="font-size-3">जमाना मेरी गजलों का यूं ही कायल नहीं होगा</span>.</p>
<p>बात सही है..</p>
<p>आपकी ग़ज़लों से उम्मीद अधिक होती है.. शुभ-शुभ</p>
<p></p>
<p><span class="font-size-3">मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूबियां कुछ तो</span><br/><span class="font-size-3">जमाना मेरी गजलों का यूं ही कायल नहीं होगा</span>.</p>
<p>बात सही है..</p>
<p>आपकी ग़ज़लों से उम्मीद अधिक होती है.. शुभ-शुभ</p>
<p></p> बहुत शानदार गजल कही है आपने आ…tag:openbooks.ning.com,2014-05-22:5170231:Comment:5432082014-05-22T15:01:29.335Zकल्पना रामानीhttp://openbooks.ning.com/profile/0qbqxqnenfmpi
<p>बहुत शानदार गजल कही है आपने आदरणीय शकील जी, दिल से बधाई स्वीकार कीजिये</p>
<p>बहुत शानदार गजल कही है आपने आदरणीय शकील जी, दिल से बधाई स्वीकार कीजिये</p> कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के…tag:openbooks.ning.com,2014-05-21:5170231:Comment:5428152014-05-21T05:13:36.521Zअरुण कुमार निगमhttp://openbooks.ning.com/profile/arunkumarnigam
<p>कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं</p>
<p>सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा</p>
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<p>वाह !!!! बहुत खूब शकील भाई बधाइयाँ.............................</p>
<p>कलम खूं में डुबोकर मैं गजल के शेर लिखता हूं</p>
<p>सियाही से लिखूंगा तो कोई घायल नहीं होगा</p>
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<p>वाह !!!! बहुत खूब शकील भाई बधाइयाँ.............................</p> //तेरी आंखों में काजल और आंसू…tag:openbooks.ning.com,2014-05-20:5170231:Comment:5425752014-05-20T16:11:25.334Zशिज्जु "शकूर"http://openbooks.ning.com/profile/ShijjuS
<p><span class="font-size-3">//तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं</span><br/><span class="font-size-3">मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा</span></p>
<p><span class="font-size-3"><span class="font-size-3">मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूबियां कुछ तो</span><br/><span class="font-size-3">जमाना मेरी गजलों का यूं ही कायल नहीं होगा// वाह वाह शकील भाई क्या बात है</span></span></p>
<p><span class="font-size-3">//तेरी आंखों में काजल और आंसू दोनों फबते हैं</span><br/><span class="font-size-3">मुसीबत यह है रो दोगी तो फिर काजल नहीं होगा</span></p>
<p><span class="font-size-3"><span class="font-size-3">मेरे अशआर में होंगी यकीनन खूबियां कुछ तो</span><br/><span class="font-size-3">जमाना मेरी गजलों का यूं ही कायल नहीं होगा// वाह वाह शकील भाई क्या बात है</span></span></p> खूब सूरत गज़ल कही है शकील भाई…tag:openbooks.ning.com,2014-05-20:5170231:Comment:5425562014-05-20T13:02:28.581Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>खूब सूरत गज़ल कही है शकील भाई , दिली दाद कुबूल करें ॥</p>
<p>खूब सूरत गज़ल कही है शकील भाई , दिली दाद कुबूल करें ॥</p> यकीनन खूबिया है तेरे शेर में…tag:openbooks.ning.com,2014-05-20:5170231:Comment:5424592014-05-20T12:01:11.540Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>यकीनन खूबिया है तेरे शेर में ऐ दोस्त</p>
<p>यकीनन खूबिया है तेरे शेर में ऐ दोस्त</p> बहुत ही अच्छे खयाल हैं। बधाई,…tag:openbooks.ning.com,2014-05-20:5170231:Comment:5426292014-05-20T06:10:38.073Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p>बहुत ही अच्छे खयाल हैं। बधाई, आदरणीय।</p>
<p>बहुत ही अच्छे खयाल हैं। बधाई, आदरणीय।</p>