Comments - मगर अहसास पैदा हो - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' - Open Books Online2024-03-28T12:36:31Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A515351&xn_auth=noभाई लक्ष्मणजी, किसी तथ्य की ग…tag:openbooks.ning.com,2014-03-23:5170231:Comment:5232062014-03-23T17:03:40.347ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>भाई लक्ष्मणजी, किसी तथ्य की ग्राह्यता प्रश्न में परिणत अवश्य हो सकती है किन्तु उसका अन्यान्य पूरकों के सापेक्ष होना भ्रमित कर सकता है. <br></br>यथा, भौतिक वस्तु के शीत या ताप का क्रम, लम्बाई या ऊँचाई आदि की माप इत्यादि. श्रीमान, इसी क्रम में शाब्दिक क्लिष्टता को लें. एक के लिए दुरूह अथवा क्लिष्ट शब्द किसी दूसरे के लिए सहज अथवा सामान्य शब्द हो सकते हैं. यदि अप्रचलित शब्दों का प्रयोग हुआ तो ऐसी कोई तथ्यात्मकता अवश्य ही विशिष्ट श्रेणी की हो जाती है. ऐसे में बहुसंख्यक पाठकों की दशा विमूढ़ की हो सकती…</p>
<p>भाई लक्ष्मणजी, किसी तथ्य की ग्राह्यता प्रश्न में परिणत अवश्य हो सकती है किन्तु उसका अन्यान्य पूरकों के सापेक्ष होना भ्रमित कर सकता है. <br/>यथा, भौतिक वस्तु के शीत या ताप का क्रम, लम्बाई या ऊँचाई आदि की माप इत्यादि. श्रीमान, इसी क्रम में शाब्दिक क्लिष्टता को लें. एक के लिए दुरूह अथवा क्लिष्ट शब्द किसी दूसरे के लिए सहज अथवा सामान्य शब्द हो सकते हैं. यदि अप्रचलित शब्दों का प्रयोग हुआ तो ऐसी कोई तथ्यात्मकता अवश्य ही विशिष्ट श्रेणी की हो जाती है. ऐसे में बहुसंख्यक पाठकों की दशा विमूढ़ की हो सकती है. मेरी उक्ति की स्पष्टता संतुष्ट कर रही होगी ऐसा पूर्ण विश्वास है. <br/>शुभ-शुभ<br/><br/></p> आदरणीय सौरभ भाई जी , हार्दिक…tag:openbooks.ning.com,2014-03-23:5170231:Comment:5232002014-03-23T15:16:50.216Zलक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'http://openbooks.ning.com/profile/laxmandhami
<p>आदरणीय सौरभ भाई जी , हार्दिक धन्यवाद , साथ ही आपसे मसविरा चाहता हूँ कि जैसा कि सरिता जी ने कहा है कि मैंने अधिक कठिन शब्दों का चयन किया है ,यह बात सही है पर क्या इस तरह के शब्दों का चयन करना अच्छा नहीं है ,संसय में हूँ मार्गदर्शन करें ,</p>
<p>आदरणीय सौरभ भाई जी , हार्दिक धन्यवाद , साथ ही आपसे मसविरा चाहता हूँ कि जैसा कि सरिता जी ने कहा है कि मैंने अधिक कठिन शब्दों का चयन किया है ,यह बात सही है पर क्या इस तरह के शब्दों का चयन करना अच्छा नहीं है ,संसय में हूँ मार्गदर्शन करें ,</p> ठीक है.
क़ाफ़िया के अनुसार ही ग़…tag:openbooks.ning.com,2014-03-22:5170231:Comment:5228832014-03-22T18:26:03.769ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>ठीक है.</p>
<p>क़ाफ़िया के अनुसार ही ग़ज़ल हुई है.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p>
<p></p>
<p>ठीक है.</p>
<p>क़ाफ़िया के अनुसार ही ग़ज़ल हुई है.</p>
<p>शुभ-शुभ</p>
<p></p>
<p></p> umdatag:openbooks.ning.com,2014-03-02:5170231:Comment:5172972014-03-02T08:33:25.428ZAjay Agyathttp://openbooks.ning.com/profile/ajaykumarsharma
<p>umda</p>
<p>umda</p> आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्…tag:openbooks.ning.com,2014-03-01:5170231:Comment:5169782014-03-01T13:03:18.471Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है , आपको दिली बधाइयाँ ॥</p>
<p>सहज तो है ‘मुसाफिर' यूँ बयाँ करना दिलो का दुख<br/> मगर अहसास पैदा हो महज अजकार से कैसे --------- मक़्ता बहुत पसन्द आया भाई , बधाइयाँ ॥</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल कही है , आपको दिली बधाइयाँ ॥</p>
<p>सहज तो है ‘मुसाफिर' यूँ बयाँ करना दिलो का दुख<br/> मगर अहसास पैदा हो महज अजकार से कैसे --------- मक़्ता बहुत पसन्द आया भाई , बधाइयाँ ॥</p> खूबसूरत गजल , बधाई ।tag:openbooks.ning.com,2014-03-01:5170231:Comment:5166992014-03-01T07:56:51.090Zannapurna bajpaihttp://openbooks.ning.com/profile/annapurnabajpai
<p>खूबसूरत गजल , बधाई ।</p>
<p>खूबसूरत गजल , बधाई ।</p> बहुत मुश्किल शब्दों का चयन कि…tag:openbooks.ning.com,2014-02-26:5170231:Comment:5156542014-02-26T04:28:04.520ZSarita Bhatiahttp://openbooks.ning.com/profile/SaritaBhatia
<p>बहुत मुश्किल शब्दों का चयन किया है आपने </p>
<p>बहुत मुश्किल शब्दों का चयन किया है आपने </p>