Comments - झंडे - Open Books Online2024-03-28T22:16:46Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A514305&xn_auth=noआदरणीय सौरभ जी, आपका हार्दिक…tag:openbooks.ning.com,2014-03-14:5170231:Comment:5209292014-03-14T14:33:01.166Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीय सौरभ जी, आपका हार्दिक आभार!</p>
<p>आदरणीय सौरभ जी, आपका हार्दिक आभार!</p> आपकी प्रस्तुत रचना एक वाद के…tag:openbooks.ning.com,2014-03-14:5170231:Comment:5207472014-03-14T13:50:22.309ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपकी प्रस्तुत रचना एक वाद के सापेक्ष अपनी सार्थकता स्थापित करती दीखती है. अतः मेरा कुछ कहना अनुमन्य नहीं होगा. शायद.</p>
<p>झंडों या राष्ट्रभक्ति या पारंपरिक अस्मिता की अवधारणा को नकारती एक पूरी जमात खड़ी की गयी है, उस मानसिकता द्वारा जो स्वयं अपना ’झंडा’ उठाये एक समय से उनके विरुद्ध लाल-पीली होती रही है. <br/>शुभ-शुभ<br/> </p>
<p>आपकी प्रस्तुत रचना एक वाद के सापेक्ष अपनी सार्थकता स्थापित करती दीखती है. अतः मेरा कुछ कहना अनुमन्य नहीं होगा. शायद.</p>
<p>झंडों या राष्ट्रभक्ति या पारंपरिक अस्मिता की अवधारणा को नकारती एक पूरी जमात खड़ी की गयी है, उस मानसिकता द्वारा जो स्वयं अपना ’झंडा’ उठाये एक समय से उनके विरुद्ध लाल-पीली होती रही है. <br/>शुभ-शुभ<br/> </p> आदरणीय जीतेन्द्र जी आपका हार्…tag:openbooks.ning.com,2014-02-23:5170231:Comment:5147402014-02-23T09:22:41.058Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीय जीतेन्द्र जी आपका हार्दिक आभार!</p>
<p>आदरणीय जीतेन्द्र जी आपका हार्दिक आभार!</p> आदरणीय लक्ष्मण जी, राम शिरोमण…tag:openbooks.ning.com,2014-02-23:5170231:Comment:5150162014-02-23T09:22:21.900Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी, राम शिरोमणि भाई आपका हार्दिक आभार!</p>
<p>आदरणीय लक्ष्मण जी, राम शिरोमणि भाई आपका हार्दिक आभार!</p> आदरणीय नीरज भाई, श्याम नारायण…tag:openbooks.ning.com,2014-02-23:5170231:Comment:5149452014-02-23T09:21:23.156Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीय नीरज भाई, श्याम नारायण जी आप दोनों का बहुत आभार!</p>
<p>आदरणीय नीरज भाई, श्याम नारायण जी आप दोनों का बहुत आभार!</p> आदरणीया वंदना जी आपका हार्दिक…tag:openbooks.ning.com,2014-02-23:5170231:Comment:5150142014-02-23T09:20:42.979Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>आदरणीया वंदना जी आपका हार्दिक आभार!</p>
<p>आदरणीया वंदना जी आपका हार्दिक आभार!</p> बहुत सुंदर गहन रचना, हार्दिक…tag:openbooks.ning.com,2014-02-23:5170231:Comment:5149232014-02-23T02:29:00.240Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>बहुत सुंदर गहन रचना, हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीय बृजेश जी</p>
<p>बहुत सुंदर गहन रचना, हार्दिक बधाई स्वीकारें आदरणीय बृजेश जी</p> सुन्दर भाव लिए रची रचना के लि…tag:openbooks.ning.com,2014-02-22:5170231:Comment:5146542014-02-22T13:33:08.169Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>सुन्दर भाव लिए रची रचना के लिए हार्दिक बधाई श्री बृजेश नीरज जी, सच्चाई यही है कि -</p>
<p>केसरिया झंडे लिए </p>
<p>या फिर पहने </p>
<p>केसरिया बाना </p>
<p>धरती को तो </p>
<p>होना है लाल ही ! </p>
<p>सुन्दर भाव लिए रची रचना के लिए हार्दिक बधाई श्री बृजेश नीरज जी, सच्चाई यही है कि -</p>
<p>केसरिया झंडे लिए </p>
<p>या फिर पहने </p>
<p>केसरिया बाना </p>
<p>धरती को तो </p>
<p>होना है लाल ही ! </p> गागर में सागर, आदरणीय भाई बृज…tag:openbooks.ning.com,2014-02-22:5170231:Comment:5143872014-02-22T11:14:55.125Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p>गागर में सागर, आदरणीय भाई बृजेश जी ,हार्दिक बधाई आपको //सादर</p>
<p>गागर में सागर, आदरणीय भाई बृजेश जी ,हार्दिक बधाई आपको //सादर</p> बहुत उम्दा ... बहुत बहुत बधा…tag:openbooks.ning.com,2014-02-22:5170231:Comment:5145622014-02-22T09:35:58.946ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<table cellspacing="0" width="482" border="0">
<colgroup><col width="482"></col></colgroup><tbody><tr><td align="left" width="482" height="20">बहुत उम्दा ... बहुत बहुत बधाई...............</td>
</tr>
</tbody>
</table>
<table cellspacing="0" width="482" border="0">
<colgroup><col width="482"></col></colgroup><tbody><tr><td align="left" width="482" height="20">बहुत उम्दा ... बहुत बहुत बधाई...............</td>
</tr>
</tbody>
</table>