Comments - अभिलाषा - कविता !! - Open Books Online2024-03-28T11:04:09Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A511079&xn_auth=noआदरणीय सौरभ जी, मैने आपकी टिप…tag:openbooks.ning.com,2014-03-07:5170231:Comment:5185972014-03-07T17:20:01.760Zआशीष नैथानी 'सलिल'http://openbooks.ning.com/profile/AshishNaithaniSalil
<p><span><strong>आदरणीय सौरभ जी</strong>, मैने आपकी टिप्पणी के लिये लम्बा इंतजार किया :))) कई बार सोचा आपको कविता का लिंक देकर एक बार राय पूछ लूँ (अवलोकनार्थ) लेकिन फिर स्वप्रचारित करना अच्छा नहीं लगा, सोचा कभी न कभी रचना आपकी नजरों से गुजर ही जायेगी | आज वही हुआ, कविता पर आपकी अमूल्य टिप्पणी पाकर अभिभूत हुआ | </span></p>
<div id="yui_3_9_1_17_1394260659566_60">बहुत-बहुत धन्यवाद | :)</div>
<p><span><strong>आदरणीय सौरभ जी</strong>, मैने आपकी टिप्पणी के लिये लम्बा इंतजार किया :))) कई बार सोचा आपको कविता का लिंक देकर एक बार राय पूछ लूँ (अवलोकनार्थ) लेकिन फिर स्वप्रचारित करना अच्छा नहीं लगा, सोचा कभी न कभी रचना आपकी नजरों से गुजर ही जायेगी | आज वही हुआ, कविता पर आपकी अमूल्य टिप्पणी पाकर अभिभूत हुआ | </span></p>
<div id="yui_3_9_1_17_1394260659566_60">बहुत-बहुत धन्यवाद | :)</div> कविता पर अपनी अमूल्य टिप्पणिय…tag:openbooks.ning.com,2014-03-07:5170231:Comment:5185952014-03-07T17:09:52.888Zआशीष नैथानी 'सलिल'http://openbooks.ning.com/profile/AshishNaithaniSalil
<p><span>कविता पर अपनी अमूल्य टिप्पणियों के लिये आदरणीया मीना जी, आदरणीय श्याम नारायण जी, आदरणीया अनुपमा जी, आदरणीय जितेन्द्र जी, आदरणीय आशुतोष जी, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया !!! :)</span></p>
<p><span>कविता पर अपनी अमूल्य टिप्पणियों के लिये आदरणीया मीना जी, आदरणीय श्याम नारायण जी, आदरणीया अनुपमा जी, आदरणीय जितेन्द्र जी, आदरणीय आशुतोष जी, आपका बहुत-बहुत शुक्रिया !!! :)</span></p> मेरी बार बार बधाई और हार्दिक…tag:openbooks.ning.com,2014-03-04:5170231:Comment:5179342014-03-04T10:23:32.711ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>मेरी बार बार बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ लीजिये भाई आशीषजी. <br/>बहुत सार्थक संयत और सुगढ़ रचना प्रस्तुत की है आपने.<br/>शुभेच्छाएँ <br/><br/></p>
<p>मेरी बार बार बधाई और हार्दिक शुभकामनाएँ लीजिये भाई आशीषजी. <br/>बहुत सार्थक संयत और सुगढ़ रचना प्रस्तुत की है आपने.<br/>शुभेच्छाएँ <br/><br/></p> भिक्षुक द्वार खड़ा आशीष लिए दा…tag:openbooks.ning.com,2014-02-15:5170231:Comment:5119992014-02-15T04:44:05.218ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p><span>भिक्षुक द्वार खड़ा आशीष लिए </span><br/><span>दानी परदे में बैठा</span><br/><span>यहाँ कौन भिक्षुक ?</span><br/><span>प्रभु !</span><br/><span>कैसी परिभाषा | आदरणीय आशीष जी सच में कौन भिक्षुक है यह कह पाना मुश्किल है ..शानदार राचन के लिए मेरिट तरफ से तहे दिल बधाई सादर </span></p>
<p><span>भिक्षुक द्वार खड़ा आशीष लिए </span><br/><span>दानी परदे में बैठा</span><br/><span>यहाँ कौन भिक्षुक ?</span><br/><span>प्रभु !</span><br/><span>कैसी परिभाषा | आदरणीय आशीष जी सच में कौन भिक्षुक है यह कह पाना मुश्किल है ..शानदार राचन के लिए मेरिट तरफ से तहे दिल बधाई सादर </span></p> सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति, बध…tag:openbooks.ning.com,2014-02-15:5170231:Comment:5120822014-02-15T02:57:07.282Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति, बधाई स्वीकारें आदरणीय आशीष जी</p>
<p>सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति, बधाई स्वीकारें आदरणीय आशीष जी</p> सुंदर भावभिव्यक्ति , बधाई आपक…tag:openbooks.ning.com,2014-02-13:5170231:Comment:5115122014-02-13T14:03:12.465Zannapurna bajpaihttp://openbooks.ning.com/profile/annapurnabajpai
<p>सुंदर भावभिव्यक्ति , बधाई आपको । </p>
<p>सुंदर भावभिव्यक्ति , बधाई आपको । </p> बहुत सुन्दर, बहुत भावपूर्ण।…tag:openbooks.ning.com,2014-02-13:5170231:Comment:5113612014-02-13T11:18:03.335ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<table cellspacing="0" width="482" border="0">
<colgroup><col width="482"></col></colgroup><tbody><tr><td align="left" width="482" height="20">बहुत सुन्दर, बहुत भावपूर्ण।</td>
</tr>
</tbody>
</table>
<table cellspacing="0" width="482" border="0">
<colgroup><col width="482"></col></colgroup><tbody><tr><td align="left" width="482" height="20">बहुत सुन्दर, बहुत भावपूर्ण।</td>
</tr>
</tbody>
</table> बहुत सुन्दर अभिलाषा tag:openbooks.ning.com,2014-02-13:5170231:Comment:5114222014-02-13T09:24:23.110ZMeena Pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/MeenaPathak
<p>बहुत सुन्दर अभिलाषा </p>
<p>बहुत सुन्दर अभिलाषा </p>