Comments - तान्या : उन खामोश क्षणों में - Open Books Online2024-03-29T00:03:59Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A467725&xn_auth=noइस मार्मिक अभिव्यक्ति के लिए…tag:openbooks.ning.com,2013-11-10:5170231:Comment:4691372013-11-10T09:08:22.378Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p></p>
<p>इस मार्मिक अभिव्यक्ति के लिए साधुवाद, आदरणीय अरविन्द जी।</p>
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<p>सादर,</p>
<p>विजय निकोर</p>
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<p>इस मार्मिक अभिव्यक्ति के लिए साधुवाद, आदरणीय अरविन्द जी।</p>
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<p>सादर,</p>
<p>विजय निकोर</p> आदरणीय अरविन्द जी ...किसी को…tag:openbooks.ning.com,2013-11-10:5170231:Comment:4688862013-11-10T06:36:55.798ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आदरणीय अरविन्द जी ...किसी को पा लेने की इच्छा में जो मधुरता है उसे पा लेने में नहीं ..बस ये कलि यूं ही हरी रहे ..सादर बधाई के साथ </p>
<p>आदरणीय अरविन्द जी ...किसी को पा लेने की इच्छा में जो मधुरता है उसे पा लेने में नहीं ..बस ये कलि यूं ही हरी रहे ..सादर बधाई के साथ </p> आ0 अरविंद जी सुंदर रचना बधाई…tag:openbooks.ning.com,2013-11-09:5170231:Comment:4685612013-11-09T08:33:33.660Zannapurna bajpaihttp://openbooks.ning.com/profile/annapurnabajpai
<p>आ0 अरविंद जी सुंदर रचना बधाई आपको । </p>
<p>आ0 अरविंद जी सुंदर रचना बधाई आपको । </p> अंतर्मन को छूती इस अद्भुत रचन…tag:openbooks.ning.com,2013-11-09:5170231:Comment:4686462013-11-09T07:57:16.051ZSushil.Joshihttp://openbooks.ning.com/profile/SushilJoshi
<p>अंतर्मन को छूती इस अद्भुत रचना हेतु बहुत बहुत बधाई आदरणीय अरविन्द भाई जी....</p>
<p>अंतर्मन को छूती इस अद्भुत रचना हेतु बहुत बहुत बधाई आदरणीय अरविन्द भाई जी....</p> आदरणीय अरविंद भाई जी बहुत ही…tag:openbooks.ning.com,2013-11-09:5170231:Comment:4685192013-11-09T05:27:43.978Zअरुन 'अनन्त'http://openbooks.ning.com/profile/ArunSharma
<p>आदरणीय अरविंद भाई जी बहुत ही सुन्दर हृदयस्पर्शी रचना बहुत बहुत बधाई स्वीकारें</p>
<p>आदरणीय अरविंद भाई जी बहुत ही सुन्दर हृदयस्पर्शी रचना बहुत बहुत बधाई स्वीकारें</p> बहुत अज़ीज़ से ज़ज्बात जो जुबां…tag:openbooks.ning.com,2013-11-08:5170231:Comment:4683222013-11-08T15:11:17.083ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>बहुत अज़ीज़ से ज़ज्बात जो जुबां पर नहीं आते बस कविता में ही ढल अर्थ पाते हैं.....उनको संजोती हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति.</p>
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<p>हार्दिक शुभकामनाएं </p>
<p>बहुत अज़ीज़ से ज़ज्बात जो जुबां पर नहीं आते बस कविता में ही ढल अर्थ पाते हैं.....उनको संजोती हृदयस्पर्शी अभिव्यक्ति.</p>
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<p>हार्दिक शुभकामनाएं </p> इस तरह की अभिव्यक्तियों की शृ…tag:openbooks.ning.com,2013-11-07:5170231:Comment:4679592013-11-07T17:37:24.658ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>इस तरह की अभिव्यक्तियों की शृंखला सी बन रही है. यह अच्छा है.</p>
<p>शब्द की अक्षरियों पर विशेष ध्यान दिया करें. </p>
<p></p>
<p></p>
<p><strong>एक बात और:</strong></p>
<p>भींगना वस्तुतः भीगना होता है. इ्से सुधार लें.</p>
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<p>इस तरह की अभिव्यक्तियों की शृंखला सी बन रही है. यह अच्छा है.</p>
<p>शब्द की अक्षरियों पर विशेष ध्यान दिया करें. </p>
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<p><strong>एक बात और:</strong></p>
<p>भींगना वस्तुतः भीगना होता है. इ्से सुधार लें.</p>
<p></p> Dost kya kahoon Man to mera b…tag:openbooks.ning.com,2013-11-07:5170231:Comment:4679192013-11-07T09:42:50.124Zडॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/GOPALNARAINSRIVASTAVA
<p>Dost kya kahoon Man to mera bhi bheeg gaya.</p>
<p>Dost kya kahoon Man to mera bhi bheeg gaya.</p>