Comments - रख्त -ऐ -सफ़र तक़दीर - Open Books Online2024-03-29T05:58:43Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A465049&xn_auth=noअधिकांश उर्दू शब्दों से सुसज्…tag:openbooks.ning.com,2013-11-09:5170231:Comment:4682962013-11-09T00:10:13.329ZSushil.Joshihttp://openbooks.ning.com/profile/SushilJoshi
<p>अधिकांश उर्दू शब्दों से सुसज्जित इस प्रस्तुति के लिए बधाई आ0 प्रीति जी..</p>
<p>अधिकांश उर्दू शब्दों से सुसज्जित इस प्रस्तुति के लिए बधाई आ0 प्रीति जी..</p> आदरणीया प्रीति जी इस मंच पर म…tag:openbooks.ning.com,2013-11-02:5170231:Comment:4665152013-11-02T04:20:35.529Zशिज्जु "शकूर"http://openbooks.ning.com/profile/ShijjuS
<p>आदरणीया प्रीति जी इस मंच पर मौजूद ग़ज़ल की बातें नामक पोस्ट में ग़ज़ल से सम्बंधित वो तमाम जानकारियां मिल जायेंगी जो ग़ज़लगोई के लिये ज़रूरी है मेरा सुझाव है कि एक बार उस पेज पर भी ज़रूर जायेंl</p>
<p>आदरणीया प्रीति जी इस मंच पर मौजूद ग़ज़ल की बातें नामक पोस्ट में ग़ज़ल से सम्बंधित वो तमाम जानकारियां मिल जायेंगी जो ग़ज़लगोई के लिये ज़रूरी है मेरा सुझाव है कि एक बार उस पेज पर भी ज़रूर जायेंl</p> मोहतरमा ,बेशक एक खूबसूरत गज़ल…tag:openbooks.ning.com,2013-11-01:5170231:Comment:4657782013-11-01T11:36:59.719Zविजय मिश्रhttp://openbooks.ning.com/profile/37jicf27kggmy
मोहतरमा ,बेशक एक खूबसूरत गज़ल ,आशिकी का जबरदस्त अक्स उभरा है और एक कसीस है जो आकिरी शे'र तक दिलोदिमाग को साथ-साथ घसीटती है . काबिलेतारीफ . साधुवाद और दीपावली की शुभकामना भी प्रीतिजी .
मोहतरमा ,बेशक एक खूबसूरत गज़ल ,आशिकी का जबरदस्त अक्स उभरा है और एक कसीस है जो आकिरी शे'र तक दिलोदिमाग को साथ-साथ घसीटती है . काबिलेतारीफ . साधुवाद और दीपावली की शुभकामना भी प्रीतिजी .