Comments - सतरंगी कमान | - Open Books Online2024-03-29T04:44:15Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A464715&xn_auth=noहार्दिक आभार आपका एवं आपके प्…tag:openbooks.ning.com,2013-11-18:5170231:Comment:4730772013-11-18T09:01:09.911ZAlka Guptahttp://openbooks.ning.com/profile/AlkaGupta
<p>हार्दिक आभार आपका एवं आपके प्रेरक शब्दों हेतु आदरणीय साथियों ......!!!!!</p>
<p>हार्दिक आभार आपका एवं आपके प्रेरक शब्दों हेतु आदरणीय साथियों ......!!!!!</p> इस सुंदर भावपूर्ण गीत के लिए…tag:openbooks.ning.com,2013-11-08:5170231:Comment:4682882013-11-08T23:36:45.852ZSushil.Joshihttp://openbooks.ning.com/profile/SushilJoshi
<p>इस सुंदर भावपूर्ण गीत के लिए बधाई आ0 अलका जी....</p>
<p>इस सुंदर भावपूर्ण गीत के लिए बधाई आ0 अलका जी....</p> बहुत सुन्दर रचना! आपको हार्दि…tag:openbooks.ning.com,2013-11-03:5170231:Comment:4663822013-11-03T05:35:51.164Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>बहुत सुन्दर रचना! आपको हार्दिक बधाई!</p>
<p>आखिरी बंद में दूसरी और तीसरी पंक्ति में कही गयी बात पूरी नहीं हुई है. अंतिम पंक्ति उसी तारतम्य में होनी चाहिए थी.</p>
<p>सादर!</p>
<p>बहुत सुन्दर रचना! आपको हार्दिक बधाई!</p>
<p>आखिरी बंद में दूसरी और तीसरी पंक्ति में कही गयी बात पूरी नहीं हुई है. अंतिम पंक्ति उसी तारतम्य में होनी चाहिए थी.</p>
<p>सादर!</p> आ. अलकाजी बधाई सुंदर भाव सुंद…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4652742013-10-31T16:58:50.093Zअखिलेश कृष्ण श्रीवास्तवhttp://openbooks.ning.com/profile/1j78r4oio7ulh
<p>आ. अलकाजी बधाई सुंदर भाव सुंदर गीत।</p>
<p>आ. अलकाजी बधाई सुंदर भाव सुंदर गीत।</p> आ0 अल्का जी, सुंदर रचना। सुन…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4651332013-10-31T14:06:20.886Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://openbooks.ning.com/profile/kewalprasad
<p>आ0 अल्का जी, सुंदर रचना। सुन्दर भाव। शुभकामनाओं सहित हार्दिक बधाई स्वीकारे। सादर,</p>
<p>आ0 अल्का जी, सुंदर रचना। सुन्दर भाव। शुभकामनाओं सहित हार्दिक बधाई स्वीकारे। सादर,</p> शाख शजर के डेरा डाल |मन करे..…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4649382013-10-31T12:58:13.124ZRavi Prabhakarhttp://openbooks.ning.com/profile/RaviPrabhakar
<p><span class="text_exposed_show">शाख शजर के डेरा डाल |<br/>मन करे..घायल बेहाल |<br/>हरी हरियाली पाँखों बीच ..<br/>ओढ़े बैठा सतरंगी शाल ||</span></p>
<p></p>
<p><span class="text_exposed_show">क्या भाव उकेरे है अलका जी, हार्दिक बधाई स्वीकार करें</span></p>
<p><span class="text_exposed_show">शाख शजर के डेरा डाल |<br/>मन करे..घायल बेहाल |<br/>हरी हरियाली पाँखों बीच ..<br/>ओढ़े बैठा सतरंगी शाल ||</span></p>
<p></p>
<p><span class="text_exposed_show">क्या भाव उकेरे है अलका जी, हार्दिक बधाई स्वीकार करें</span></p> बिरह पर एक सुंदर भाव रचना प्र…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4647052013-10-31T12:34:43.543Zविजय मिश्रhttp://openbooks.ning.com/profile/37jicf27kggmy
बिरह पर एक सुंदर भाव रचना प्रस्तुति के लिए साधुवाद अलकाजी .
बिरह पर एक सुंदर भाव रचना प्रस्तुति के लिए साधुवाद अलकाजी . आदरणीया अलका जी , सुन्दर प्रस…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4647812013-10-31T08:28:06.695Zगिरिराज भंडारीhttp://openbooks.ning.com/profile/girirajbhandari
<p>आदरणीया अलका जी , सुन्दर प्रस्तुति के लिये आपको हार्दिक बधाई !!!!!</p>
<p>आदरणीया अलका जी , सुन्दर प्रस्तुति के लिये आपको हार्दिक बधाई !!!!!</p>