Comments - क्षणिकाएं********* - Open Books Online2024-03-29T07:10:07Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A462728&xn_auth=noबहुत बहुत आभार आदरणीया गीतिक…tag:openbooks.ning.com,2013-11-12:5170231:Comment:4702332013-11-12T15:00:15.477Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p><span>बहुत बहुत आभार आदरणीया गीतिका जी ///सादर </span></p>
<p><span>बहुत बहुत आभार आदरणीया गीतिका जी ///सादर </span></p> वाह! सभी क्षणिकाये कमाल की हु…tag:openbooks.ning.com,2013-11-12:5170231:Comment:4698062013-11-12T09:26:21.904Zवेदिकाhttp://openbooks.ning.com/profile/vedikagitika
<p>वाह! सभी क्षणिकाये कमाल की हुईं है | फिर भी अगर सर्व श्रेष्ठ का चुनाव करना हो तो मै प्रथम क्षणिका को सर्वोत्त्म कहूँगी|</p>
<p>बधाई प्रिय राम भैया! </p>
<p>वाह! सभी क्षणिकाये कमाल की हुईं है | फिर भी अगर सर्व श्रेष्ठ का चुनाव करना हो तो मै प्रथम क्षणिका को सर्वोत्त्म कहूँगी|</p>
<p>बधाई प्रिय राम भैया! </p> आदरणीय भाई केवल जी आपका अनन…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4651862013-10-31T16:50:37.583Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p>आदरणीय भाई केवल जी आपका अनन्य स्नेह पाकर बहुत प्रसन्नता हुई मुझे ....बहुत बहुत आभार आपका। …सादर </p>
<p>आदरणीय भाई केवल जी आपका अनन्य स्नेह पाकर बहुत प्रसन्नता हुई मुझे ....बहुत बहुत आभार आपका। …सादर </p> आ0 रामशिरोमणि भाई जी, वाह! …tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4651282013-10-31T13:54:31.315Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://openbooks.ning.com/profile/kewalprasad
<p>आ0 रामशिरोमणि भाई जी, वाह! क्या बात है। आपकी लेखनी जिस पथ पर और जिस वेग से चल रही है। बहुत-बहुत साधुवाद। धन्य है विचार शब्द और कौतुक जो आपको प्रेरित करती है। हां....यही वह राह है जो साहित्याकाश की ओर जाता है। सुघढ़ रचना हेतु आप बधाई के पात्र हैं। हार्दिक बधाई स्वीकारे। सादर,</p>
<p>आ0 रामशिरोमणि भाई जी, वाह! क्या बात है। आपकी लेखनी जिस पथ पर और जिस वेग से चल रही है। बहुत-बहुत साधुवाद। धन्य है विचार शब्द और कौतुक जो आपको प्रेरित करती है। हां....यही वह राह है जो साहित्याकाश की ओर जाता है। सुघढ़ रचना हेतु आप बधाई के पात्र हैं। हार्दिक बधाई स्वीकारे। सादर,</p> बहुत बहुत आभार आदरणीय रवि प्र…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4650242013-10-31T13:14:35.914Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय रवि प्रभाकर जी …सादर</p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय रवि प्रभाकर जी …सादर</p> बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई राज…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4652162013-10-31T13:14:10.288Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई राजेश जी …सादर</p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय भाई राजेश जी …सादर</p> दुख के सन्नाटे से लड़ रहा हूँ…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4649402013-10-31T13:04:33.422ZRavi Prabhakarhttp://openbooks.ning.com/profile/RaviPrabhakar
<p>दुख के सन्नाटे से<br/> लड़ रहा हूँ<br/> तभी तो <br/> आज फिर अकेला हूँ</p>
<p></p>
<p>सुभान अल्लाह, उत्तम, अति उत्तम</p>
<p>दुख के सन्नाटे से<br/> लड़ रहा हूँ<br/> तभी तो <br/> आज फिर अकेला हूँ</p>
<p></p>
<p>सुभान अल्लाह, उत्तम, अति उत्तम</p> वाह-वाह राम जी, क्षणिका क्या…tag:openbooks.ning.com,2013-10-31:5170231:Comment:4646862013-10-31T09:00:52.511Zराजेश 'मृदु'http://openbooks.ning.com/profile/RajeshKumarJha
<p>वाह-वाह राम जी, क्षणिका क्या बनाई</p>
<p>आपको हजार बार, बधाई हो बधाई</p>
<p>वाह-वाह राम जी, क्षणिका क्या बनाई</p>
<p>आपको हजार बार, बधाई हो बधाई</p> बहुत बहुत आभार भाई नीरज जी। ……tag:openbooks.ning.com,2013-10-30:5170231:Comment:4644722013-10-30T14:47:15.432Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p>बहुत बहुत आभार भाई नीरज जी। <span>…सादर </span></p>
<p>बहुत बहुत आभार भाई नीरज जी। <span>…सादर </span></p> बहुत बहुत आभार आदरणीया अन्नपू…tag:openbooks.ning.com,2013-10-30:5170231:Comment:4644712013-10-30T14:45:07.297Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीया अन्नपूर्णा जी। …सादर </p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीया अन्नपूर्णा जी। …सादर </p>