Comments - लिखो ना - Open Books Online2024-03-29T13:49:58Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A429711&xn_auth=noआदरणीय राजेश कुमारी जी एवं ब्…tag:openbooks.ning.com,2013-09-11:5170231:Comment:4331672013-09-11T09:00:39.576Zराजेश 'मृदु'http://openbooks.ning.com/profile/RajeshKumarJha
<p>आदरणीय राजेश कुमारी जी एवं ब्रजेश नीरज जी, आपने ठीक पकड़ा है कि गुड़ सी पकती उमर होना चाहिए, मुझसे गलती हुई इस हेतु क्षमा प्रार्थी हूं, सादर</p>
<p>आदरणीय राजेश कुमारी जी एवं ब्रजेश नीरज जी, आपने ठीक पकड़ा है कि गुड़ सी पकती उमर होना चाहिए, मुझसे गलती हुई इस हेतु क्षमा प्रार्थी हूं, सादर</p> आदरणीय राजेश कुमारी जी एवं ब्…tag:openbooks.ning.com,2013-09-11:5170231:Comment:4332442013-09-11T09:00:35.369Zराजेश 'मृदु'http://openbooks.ning.com/profile/RajeshKumarJha
<p>आदरणीय राजेश कुमारी जी एवं ब्रजेश नीरज जी, आपने ठीक पकड़ा है कि गुड़ सी पकती उमर होना चाहिए, मुझसे गलती हुई इस हेतु क्षमा प्रार्थी हूं, सादर</p>
<p>आदरणीय राजेश कुमारी जी एवं ब्रजेश नीरज जी, आपने ठीक पकड़ा है कि गुड़ सी पकती उमर होना चाहिए, मुझसे गलती हुई इस हेतु क्षमा प्रार्थी हूं, सादर</p> आप सभी सुधी जनों का हार्दिक आ…tag:openbooks.ning.com,2013-09-11:5170231:Comment:4333362013-09-11T08:58:19.241Zराजेश 'मृदु'http://openbooks.ning.com/profile/RajeshKumarJha
<p>आप सभी सुधी जनों का हार्दिक आभार, आपका प्रोत्साहन यूं ही मिलता रहे, सादर</p>
<p>आप सभी सुधी जनों का हार्दिक आभार, आपका प्रोत्साहन यूं ही मिलता रहे, सादर</p> आ० राजेश झा जी
बहुत खूबसूरत…tag:openbooks.ning.com,2013-09-10:5170231:Comment:4323462013-09-10T10:33:35.349ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आ० राजेश झा जी </p>
<p></p>
<p>बहुत खूबसूरत गीत..वाह </p>
<p>हर बंद एक बेहद सुन्दर शब्द चित्र उकेरता है..आनंद आ गया ..बहुत बहुत बधाई </p>
<p>आ० राजेश झा जी </p>
<p></p>
<p>बहुत खूबसूरत गीत..वाह </p>
<p>हर बंद एक बेहद सुन्दर शब्द चित्र उकेरता है..आनंद आ गया ..बहुत बहुत बधाई </p> बेहतरीन ..क्या कहने .. बधाई!tag:openbooks.ning.com,2013-09-08:5170231:Comment:4308662013-09-08T11:11:37.922ZJAWAHAR LAL SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/JAWAHARLALSINGH
<p>बेहतरीन ..क्या कहने .. बधाई!</p>
<p>बेहतरीन ..क्या कहने .. बधाई!</p> महुए का वो रग-रग छूना
गुड़ सा…tag:openbooks.ning.com,2013-09-07:5170231:Comment:4307132013-09-07T18:21:47.118ZMeena Pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/MeenaPathak
<p>महुए का वो रग-रग छूना</p>
<p>गुड़ सा पकता उमर, लिखों ना........क्या बात,क्या बात, क्या बात !!<br/>बहुत बहुत बधाई इस अद्वितीय रचना हेतु, सादर</p>
<p>महुए का वो रग-रग छूना</p>
<p>गुड़ सा पकता उमर, लिखों ना........क्या बात,क्या बात, क्या बात !!<br/>बहुत बहुत बधाई इस अद्वितीय रचना हेतु, सादर</p> वाह! अति सुन्दर! बहुत अच्छा ग…tag:openbooks.ning.com,2013-09-07:5170231:Comment:4303062013-09-07T17:08:52.969Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>वाह! अति सुन्दर! बहुत अच्छा गीत! आपको हार्दिक बधाई!</p>
<p>इस पंक्ति में मुझे कुछ संशय है।</p>
<p>//गुड़ सा पकता उमर//</p>
<p>कि ‘गुड़ सी पकती उमर’</p>
<p>क्या सही होगा?</p>
<p> </p>
<p>वाह! अति सुन्दर! बहुत अच्छा गीत! आपको हार्दिक बधाई!</p>
<p>इस पंक्ति में मुझे कुछ संशय है।</p>
<p>//गुड़ सा पकता उमर//</p>
<p>कि ‘गुड़ सी पकती उमर’</p>
<p>क्या सही होगा?</p>
<p> </p> आदरणीय राजेश जी अच्छी रच…tag:openbooks.ning.com,2013-09-07:5170231:Comment:4304962013-09-07T16:52:27.045Zmrs manjari pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/mrsmanjaripandey
<p> आदरणीय राजेश जी अच्छी रचना के लिये बधाई !</p>
<p> आदरणीय राजेश जी अच्छी रचना के लिये बधाई !</p> इक देहाती
कोई दुपहरी
पीपल की…tag:openbooks.ning.com,2013-09-07:5170231:Comment:4304872013-09-07T16:29:04.919Zजितेन्द्र पस्टारियाhttp://openbooks.ning.com/profile/JitendraPastariya
<p>इक देहाती</p>
<p>कोई दुपहरी</p>
<p>पीपल की</p>
<p>कुछ सरर, लिखो ना</p>
<p>शीशे सा वो</p>
<p>थिरा-थिरा जल</p>
<p>अनमुन बहती</p>
<p>नहर, लिखो ना</p>
<p>पारिजात की भीनी खुशबू</p>
<p>धिमिद धिमिद वो ठहर, लिखो ना..........बहुत ही प्रभावी भाव,</p>
<p>बहुत बहुत बधाई आदरणीय राजेश जी</p>
<p>इक देहाती</p>
<p>कोई दुपहरी</p>
<p>पीपल की</p>
<p>कुछ सरर, लिखो ना</p>
<p>शीशे सा वो</p>
<p>थिरा-थिरा जल</p>
<p>अनमुन बहती</p>
<p>नहर, लिखो ना</p>
<p>पारिजात की भीनी खुशबू</p>
<p>धिमिद धिमिद वो ठहर, लिखो ना..........बहुत ही प्रभावी भाव,</p>
<p>बहुत बहुत बधाई आदरणीय राजेश जी</p> रचना अच्छी लगी। बधाई, आदरणी…tag:openbooks.ning.com,2013-09-07:5170231:Comment:4305152013-09-07T15:36:44.278Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p></p>
<p> रचना अच्छी लगी। बधाई, आदरणीय राजेश जी।</p>
<p> </p>
<p></p>
<p> रचना अच्छी लगी। बधाई, आदरणीय राजेश जी।</p>
<p> </p>