Comments - कविता - छोड़ दे झंडे ! - Open Books Online2024-03-29T07:05:26Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A418886&xn_auth=noआ. विनीता जी रचना ने आपको प्…tag:openbooks.ning.com,2013-08-24:5170231:Comment:4202462013-08-24T13:45:19.660ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p><span>आ. विनीता जी रचना ने आपको प्रभावित किया लेखन सार्थक हुआ। हार्दिक धन्यवाद आपका !!</span></p>
<p><span>आ. विनीता जी रचना ने आपको प्रभावित किया लेखन सार्थक हुआ। हार्दिक धन्यवाद आपका !!</span></p> बहुत शुक्रिया आ. डॉ आशुतोष ज…tag:openbooks.ning.com,2013-08-24:5170231:Comment:4203452013-08-24T13:43:58.286ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p><span>बहुत शुक्रिया आ. डॉ आशुतोष जी रचना का भाव आपको पसंद आया बहुत प्रसन्नता हुई। आपका दिल से आभार !!</span></p>
<p><span>बहुत शुक्रिया आ. डॉ आशुतोष जी रचना का भाव आपको पसंद आया बहुत प्रसन्नता हुई। आपका दिल से आभार !!</span></p> आ अरुण जी ..रचना अपने उद्देश्…tag:openbooks.ning.com,2013-08-24:5170231:Comment:4203122013-08-24T09:57:30.783ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>आ अरुण जी ..रचना अपने उद्देश्य में सफल हुई ...निहित सन्देश पाठक तक पंहुचा , ..पढने में भी सुखद अहसास की प्राप्ति हुई ..वाकई में उर्जा से लवरेज कर देने वाले शानदार रचना ..ढेरो बधाईयाँ </p>
<p>आ अरुण जी ..रचना अपने उद्देश्य में सफल हुई ...निहित सन्देश पाठक तक पंहुचा , ..पढने में भी सुखद अहसास की प्राप्ति हुई ..वाकई में उर्जा से लवरेज कर देने वाले शानदार रचना ..ढेरो बधाईयाँ </p> लेखनी को, जागरूकता के छंद रचन…tag:openbooks.ning.com,2013-08-24:5170231:Comment:4200712013-08-24T08:55:43.590ZVinita Shuklahttp://openbooks.ning.com/profile/VinitaShukla
<p>लेखनी को, जागरूकता के छंद रचने हेतु, प्रेरित करती हुई ओजयुक्त, प्रभावशाली रचना. बहुत बहुत बधाई.</p>
<p>लेखनी को, जागरूकता के छंद रचने हेतु, प्रेरित करती हुई ओजयुक्त, प्रभावशाली रचना. बहुत बहुत बधाई.</p> आ.डॉ साहिबा सादर अभिवादन , आप…tag:openbooks.ning.com,2013-08-24:5170231:Comment:4200662013-08-24T08:37:25.310ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आ.डॉ साहिबा सादर अभिवादन , आपके उत्साहवर्धन से रचनाशीलता को बल मिलेगा | विनम्र आभार !!</p>
<p>आ.डॉ साहिबा सादर अभिवादन , आपके उत्साहवर्धन से रचनाशीलता को बल मिलेगा | विनम्र आभार !!</p> आ० अभिनव अरुण जी
रगों में जो…tag:openbooks.ning.com,2013-08-24:5170231:Comment:4201502013-08-24T08:33:34.446ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आ० अभिनव अरुण जी </p>
<p>रगों में जोश की लहर भर देने वाली प्रखर सशक्त कविता </p>
<p>बहुत बहुत बधाई इस सजग सार्थक अभिव्यक्ति पर.</p>
<p>सादर.</p>
<p>आ० अभिनव अरुण जी </p>
<p>रगों में जोश की लहर भर देने वाली प्रखर सशक्त कविता </p>
<p>बहुत बहुत बधाई इस सजग सार्थक अभिव्यक्ति पर.</p>
<p>सादर.</p> आ. श्री भ्रमर जी भावों की सरा…tag:openbooks.ning.com,2013-08-23:5170231:Comment:4200252013-08-23T23:30:35.195ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>आ. श्री भ्रमर जी भावों की सराहना हेतु बहुत शुक्रिया ,स्नेह की आकांक्षा है !!</p>
<p>आ. श्री भ्रमर जी भावों की सराहना हेतु बहुत शुक्रिया ,स्नेह की आकांक्षा है !!</p> आज यही संकल्प करेंगे
संकल्पों…tag:openbooks.ning.com,2013-08-23:5170231:Comment:4198482013-08-23T17:24:17.669ZSURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMARhttp://openbooks.ning.com/profile/SURENDRAKUMARSHUKLABHRAMAR
<p>आज यही संकल्प करेंगे</p>
<p>संकल्पों में रक्त भरेंगे</p>
<p>जो वजूद खोये हम पायें</p>
<p>राजपथों पर हम भी जाएँ </p>
<p>प्रिय अभिनव जी खूबसूरत भाव लिए ओजयुक्त वीर रस भरी अच्छी रचना .शुभ कामनाएं . ...रचते रहें <br/>बधाई <br/>भ्रमर ५</p>
<p>आज यही संकल्प करेंगे</p>
<p>संकल्पों में रक्त भरेंगे</p>
<p>जो वजूद खोये हम पायें</p>
<p>राजपथों पर हम भी जाएँ </p>
<p>प्रिय अभिनव जी खूबसूरत भाव लिए ओजयुक्त वीर रस भरी अच्छी रचना .शुभ कामनाएं . ...रचते रहें <br/>बधाई <br/>भ्रमर ५</p> बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री वि…tag:openbooks.ning.com,2013-08-23:5170231:Comment:4197742013-08-23T13:54:17.838ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री विजय जी उत्साह वर्धन मेरे लिए महत्वपूर्ण है !</p>
<p>बहुत बहुत आभार आदरणीय श्री विजय जी उत्साह वर्धन मेरे लिए महत्वपूर्ण है !</p> वीर रस का अनुमोदन करती ओजपूर्…tag:openbooks.ning.com,2013-08-23:5170231:Comment:4197362013-08-23T07:41:12.539Zविजय मिश्रhttp://openbooks.ning.com/profile/37jicf27kggmy
वीर रस का अनुमोदन करती ओजपूर्ण आमंत्रण भाव गीत , आनंद और उत्साह से परिपूर्ण. साधुवाद अरुणजी .
वीर रस का अनुमोदन करती ओजपूर्ण आमंत्रण भाव गीत , आनंद और उत्साह से परिपूर्ण. साधुवाद अरुणजी .