Comments - गज़ल - Open Books Online2024-03-28T09:52:42Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A399850&xn_auth=noशुक्रिया, वीनस भाई, गज़ल को सर…tag:openbooks.ning.com,2013-07-26:5170231:Comment:4023002013-07-26T02:14:28.904Zपीयूष द्विवेदी भारतhttp://openbooks.ning.com/profile/2ixxsuhjha9i0
<p>शुक्रिया, वीनस भाई, गज़ल को सराहने व उचित सलाह देने के लिए !</p>
<p>शुक्रिया, वीनस भाई, गज़ल को सराहने व उचित सलाह देने के लिए !</p> भ्रष्टता.... ये शब्द चौंका रह…tag:openbooks.ning.com,2013-07-25:5170231:Comment:4023932013-07-25T22:11:34.867Zवीनस केसरीhttp://openbooks.ning.com/profile/1q1lxk02g9ue6
<p>भ्रष्टता.... ये शब्द चौंका रहा है भाई इसके प्रति आप भी आश्वस्त हो लीजिए ,,,<br/><br/>ग़ज़ल का प्रयास बढ़िया रहा ... <br/>अभी कई मंजिलों को पार करना है ... <br/>आत्ममुग्ध हुए बिना बढते रहिये</p>
<p>भ्रष्टता.... ये शब्द चौंका रहा है भाई इसके प्रति आप भी आश्वस्त हो लीजिए ,,,<br/><br/>ग़ज़ल का प्रयास बढ़िया रहा ... <br/>अभी कई मंजिलों को पार करना है ... <br/>आत्ममुग्ध हुए बिना बढते रहिये</p> सादर धन्यवाद, आशुतोष जी !
अब…tag:openbooks.ning.com,2013-07-24:5170231:Comment:4015002013-07-24T09:41:58.701Zपीयूष द्विवेदी भारतhttp://openbooks.ning.com/profile/2ixxsuhjha9i0
<p>सादर धन्यवाद, आशुतोष जी !</p>
<p>अब ये शेर कि</p>
<p>इश्क को इज्ज़त दिया वो,</p>
<p>जो है उसपे बेज़ुबानी !</p>
<p></p>
<p>तो इसका अर्थ होगा कि जो इश्क की प्रशंसा में कुछ नही बोला यानी उसकी अनंतता को मौन स्वीकृति दिया, वही इश्क को सही मायने में इज्ज़त दे पाया ! क्योंकि, भाई जी, इश्क तो अनंत है, इस पर भला कोई क्या कह सकता है !</p>
<p>सादर धन्यवाद, आशुतोष जी !</p>
<p>अब ये शेर कि</p>
<p>इश्क को इज्ज़त दिया वो,</p>
<p>जो है उसपे बेज़ुबानी !</p>
<p></p>
<p>तो इसका अर्थ होगा कि जो इश्क की प्रशंसा में कुछ नही बोला यानी उसकी अनंतता को मौन स्वीकृति दिया, वही इश्क को सही मायने में इज्ज़त दे पाया ! क्योंकि, भाई जी, इश्क तो अनंत है, इस पर भला कोई क्या कह सकता है !</p> अच्छी ग़ज़ल ...
इश्क को इज्ज़त द…tag:openbooks.ning.com,2013-07-24:5170231:Comment:4016862013-07-24T09:24:50.492ZDr Ashutosh Mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/DrAshutoshMishra
<p>अच्छी ग़ज़ल ...</p>
<p>इश्क को इज्ज़त दिया वो,</p>
<p>जो है उसपे बेज़ुबानी ..बस ये शेर समझ में नहीं आया ..कृपया बताने का कास्ट करें</p>
<p>सादर बधाई के साथ </p>
<p>अच्छी ग़ज़ल ...</p>
<p>इश्क को इज्ज़त दिया वो,</p>
<p>जो है उसपे बेज़ुबानी ..बस ये शेर समझ में नहीं आया ..कृपया बताने का कास्ट करें</p>
<p>सादर बधाई के साथ </p> आदरणीय तिलक जी, आदरणीय अभिनव…tag:openbooks.ning.com,2013-07-24:5170231:Comment:4017302013-07-24T05:33:48.024Zपीयूष द्विवेदी भारतhttp://openbooks.ning.com/profile/2ixxsuhjha9i0
<p>आदरणीय तिलक जी, आदरणीय अभिनव जी तथा आदरणीय आशीष जी, आप सभी ने इस गज़ल को सराहा, काफी निश्चिंतता मिली ! बहुत बहुत धन्यवाद !</p>
<p>आदरणीय तिलक जी, आदरणीय अभिनव जी तथा आदरणीय आशीष जी, आप सभी ने इस गज़ल को सराहा, काफी निश्चिंतता मिली ! बहुत बहुत धन्यवाद !</p> दुश्मनी ना, यार हों सब,
और दौ…tag:openbooks.ning.com,2013-07-23:5170231:Comment:4017092013-07-23T17:54:18.564Zआशीष नैथानी 'सलिल'http://openbooks.ning.com/profile/AshishNaithaniSalil
<p>दुश्मनी ना, यार हों सब,</p>
<p>और दौलत क्या कमानी !... <strong>वाह !!!</strong></p>
<p>दुश्मनी ना, यार हों सब,</p>
<p>और दौलत क्या कमानी !... <strong>वाह !!!</strong></p> वाह बहुत खूब ग़ज़ल पियूष जी --…tag:openbooks.ning.com,2013-07-23:5170231:Comment:4013752013-07-23T15:34:34.796ZAbhinav Arunhttp://openbooks.ning.com/profile/ArunKumarPandeyAbhinav
<div>वाह बहुत खूब ग़ज़ल पियूष जी --</div>
<div><p>हो मुआफी गलतियों पर,</p>
<p>ये जवानी है दिवानी !</p>
<p>भाई जी बधाई हर शेर उम्दा है !!</p>
</div>
<div>वाह बहुत खूब ग़ज़ल पियूष जी --</div>
<div><p>हो मुआफी गलतियों पर,</p>
<p>ये जवानी है दिवानी !</p>
<p>भाई जी बधाई हर शेर उम्दा है !!</p>
</div> अच्छी है भाई।tag:openbooks.ning.com,2013-07-23:5170231:Comment:4014122013-07-23T15:06:36.309ZTilak Raj Kapoorhttp://openbooks.ning.com/profile/TilakRajKapoor
<p>अच्छी है भाई।</p>
<p>अच्छी है भाई।</p> धन्यवाद, आदरणीय अन्नपूर्णा जी…tag:openbooks.ning.com,2013-07-23:5170231:Comment:4012642013-07-23T14:01:52.943Zपीयूष द्विवेदी भारतhttp://openbooks.ning.com/profile/2ixxsuhjha9i0
<p>धन्यवाद, आदरणीय अन्नपूर्णा जी !</p>
<p>धन्यवाद, आदरणीय अन्नपूर्णा जी !</p> दुश्मनी न किसी से
और दौलत क्य…tag:openbooks.ning.com,2013-07-23:5170231:Comment:4012612013-07-23T13:58:37.549Zannapurna bajpaihttp://openbooks.ning.com/profile/annapurnabajpai
<p>दुश्मनी न किसी से</p>
<p>और दौलत क्या कमानी , वाह बहुत ही बढ़िया गजल के लिए बधाई स्वीकारें ।</p>
<p>दुश्मनी न किसी से</p>
<p>और दौलत क्या कमानी , वाह बहुत ही बढ़िया गजल के लिए बधाई स्वीकारें ।</p>