Comments - तुम कुछ बोल दो - Open Books Online2024-03-28T10:27:24Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A396267&xn_auth=noआप सभी आदरणीय साहित्यविज्ञों…tag:openbooks.ning.com,2013-07-17:5170231:Comment:3981772013-07-17T05:55:30.725ZD P Mathurhttp://openbooks.ning.com/profile/DPMathur
<p>आप सभी आदरणीय साहित्यविज्ञों को प्रणाम , मौसम कि रूस्वाई से नासार होने के कारण आभार व्यक्त करने में हुई देरी के लिए क्षमा मांगते हुए आप सभी का हृदय से धन्यवाद देता हूँ कृप्या आगे भी आप सभी को स्नेह इसी प्रकार बनाए रखिए !<br/>आदरणीय बृजेश सर एवं आदरणीया वंदना जी आपके सुझाये अनुसार समझने की कौशिश करूँगा लेकिन क्या करना चाहिए यह मैं नही समझ पाया हूँ आदरणीय बृजेश सर यदि आप अपना मोबाईल नम्बर दे सकें तो आपसे बात करके कुछ मार्गदर्शन पा सकूँ <br/>9001199809</p>
<p>आप सभी आदरणीय साहित्यविज्ञों को प्रणाम , मौसम कि रूस्वाई से नासार होने के कारण आभार व्यक्त करने में हुई देरी के लिए क्षमा मांगते हुए आप सभी का हृदय से धन्यवाद देता हूँ कृप्या आगे भी आप सभी को स्नेह इसी प्रकार बनाए रखिए !<br/>आदरणीय बृजेश सर एवं आदरणीया वंदना जी आपके सुझाये अनुसार समझने की कौशिश करूँगा लेकिन क्या करना चाहिए यह मैं नही समझ पाया हूँ आदरणीय बृजेश सर यदि आप अपना मोबाईल नम्बर दे सकें तो आपसे बात करके कुछ मार्गदर्शन पा सकूँ <br/>9001199809</p> waah waah aadarneey kya baat…tag:openbooks.ning.com,2013-07-16:5170231:Comment:3980072013-07-16T07:59:46.043ZSANDEEP KUMAR PATELhttp://openbooks.ning.com/profile/SANDEEPKUMARPATEL
<p>waah waah aadarneey kya baat hai <br/><br/>प्रेम का मधुपान करूं ,<br/> अपना सा अहसास करूं !<br/> मोहपाश में बाँध कर , <br/> नजरों से इजहार करूं !<br/> सर्द भरी इस रात में ,<br/> प्यार की किरणें बिखेर दो !!<br/> इठलाते हुए मुख खोल कर,<br/> बातों की मिश्री घोल दो !<br/> आज मन उदास है तुम कुछ बोल दो !</p>
<p></p>
<p>badhaai sweekaren</p>
<p>waah waah aadarneey kya baat hai <br/><br/>प्रेम का मधुपान करूं ,<br/> अपना सा अहसास करूं !<br/> मोहपाश में बाँध कर , <br/> नजरों से इजहार करूं !<br/> सर्द भरी इस रात में ,<br/> प्यार की किरणें बिखेर दो !!<br/> इठलाते हुए मुख खोल कर,<br/> बातों की मिश्री घोल दो !<br/> आज मन उदास है तुम कुछ बोल दो !</p>
<p></p>
<p>badhaai sweekaren</p> आदरणीय माथुर जी बहुत अच्छी तर…tag:openbooks.ning.com,2013-07-16:5170231:Comment:3975992013-07-16T05:16:31.768ZVindu Babuhttp://openbooks.ning.com/profile/vandanatiwari
आदरणीय माथुर जी बहुत अच्छी तरह से भावाभ्यक्ति की है आपने! आदरणीय बृजेश सर से सहमत हूं कि कुछ साहित्यिक श्रंगार भी कर देते तो चार चाँद लग जाते।<br />
वैसे प्रबल भाव-प्रवाह ही कविता का सबसे आकर्षक गुण होता है पर आपकी रचना अल्प प्रयास में ही मात्राओं से सजती नजर आ रही है,इसलिए ऐसा कहा बाकी मैं स्वयं अल्पज्ञ हूं आदरणीय।<br />
सादर बधाई व शुभकामनाएं..<br />
सादर
आदरणीय माथुर जी बहुत अच्छी तरह से भावाभ्यक्ति की है आपने! आदरणीय बृजेश सर से सहमत हूं कि कुछ साहित्यिक श्रंगार भी कर देते तो चार चाँद लग जाते।<br />
वैसे प्रबल भाव-प्रवाह ही कविता का सबसे आकर्षक गुण होता है पर आपकी रचना अल्प प्रयास में ही मात्राओं से सजती नजर आ रही है,इसलिए ऐसा कहा बाकी मैं स्वयं अल्पज्ञ हूं आदरणीय।<br />
सादर बधाई व शुभकामनाएं..<br />
सादर बहुत सुन्दर! हार्दिक बधाई आपक…tag:openbooks.ning.com,2013-07-12:5170231:Comment:3966892013-07-12T17:30:14.133Zबृजेश नीरजhttp://openbooks.ning.com/profile/BrijeshKumarSingh
<p>बहुत सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको इस प्रयास पर।<br/>आदरणीय इस रचना को आपको मात्रा के आधार पर बांधने का प्रयास करना चाहिए था। इस बिन्दु पर आगे प्रयास करें। रचना की सुन्दरता बढ़ेगी।<br/>सादर!</p>
<p>बहुत सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको इस प्रयास पर।<br/>आदरणीय इस रचना को आपको मात्रा के आधार पर बांधने का प्रयास करना चाहिए था। इस बिन्दु पर आगे प्रयास करें। रचना की सुन्दरता बढ़ेगी।<br/>सादर!</p> आ0 माथुर सर जी, वाह! अतिसुन…tag:openbooks.ning.com,2013-07-12:5170231:Comment:3966822013-07-12T17:13:50.881Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://openbooks.ning.com/profile/kewalprasad
<p>आ0 माथुर सर जी, वाह! अतिसुन्दर प्रस्तुति। बधाई स्वीकारें। सादर,</p>
<p>आ0 माथुर सर जी, वाह! अतिसुन्दर प्रस्तुति। बधाई स्वीकारें। सादर,</p> आदरणीय सुमित जी , राम शिरोमणी…tag:openbooks.ning.com,2013-07-12:5170231:Comment:3968172013-07-12T15:07:16.078ZD P Mathurhttp://openbooks.ning.com/profile/DPMathur
<p>आदरणीय सुमित जी , राम शिरोमणी पाठक जी, लक्ष्मण प्रसाद जी, और विजय निकोर जी आपको कविता पसंद आने का मतलब शायद थोड़ा-2 मुझे लिखना आने लगा है आपके हौंसला बढ़ाने और टिप्पणी करने से प्रोत्साहन मिल जाता है आपका मार्ग दर्शन इसी प्रकार मिलता रहेगा ऐसी आशा के साथ आप सभी का आभार !</p>
<p>आदरणीय सुमित जी , राम शिरोमणी पाठक जी, लक्ष्मण प्रसाद जी, और विजय निकोर जी आपको कविता पसंद आने का मतलब शायद थोड़ा-2 मुझे लिखना आने लगा है आपके हौंसला बढ़ाने और टिप्पणी करने से प्रोत्साहन मिल जाता है आपका मार्ग दर्शन इसी प्रकार मिलता रहेगा ऐसी आशा के साथ आप सभी का आभार !</p> सुन्दर मार्मिक अभिव्यक्ति, आ…tag:openbooks.ning.com,2013-07-12:5170231:Comment:3966332013-07-12T11:25:56.689Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p></p>
<p>सुन्दर मार्मिक अभिव्यक्ति, आदरणीय। बधाई।</p>
<p>विजय</p>
<p></p>
<p>सुन्दर मार्मिक अभिव्यक्ति, आदरणीय। बधाई।</p>
<p>विजय</p> जब प्रेम भाव अभिव्यक्त होते ह…tag:openbooks.ning.com,2013-07-12:5170231:Comment:3965302013-07-12T10:36:53.513Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>जब प्रेम भाव अभिव्यक्त होते है, तो कहते पत्थर भी बोल उठता है | फिर आपकी रचना के माध्यम से तो मिश्री घुल रही है </p>
<p>आदरनीय डी पी माथुर साहब | सुन्दर भाव रचना के लिए हार्दिक बधाई </p>
<p>जब प्रेम भाव अभिव्यक्त होते है, तो कहते पत्थर भी बोल उठता है | फिर आपकी रचना के माध्यम से तो मिश्री घुल रही है </p>
<p>आदरनीय डी पी माथुर साहब | सुन्दर भाव रचना के लिए हार्दिक बधाई </p> बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति आदरणी…tag:openbooks.ning.com,2013-07-12:5170231:Comment:3962942013-07-12T05:45:00.841Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p>बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति आदरणीय माथुर जी //सादर </p>
<p>बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति आदरणीय माथुर जी //सादर </p> sunder rachna
प्रेम का मधु…tag:openbooks.ning.com,2013-07-12:5170231:Comment:3962762013-07-12T04:10:08.117ZSumit Naithanihttp://openbooks.ning.com/profile/SumitNaithani
<p>sunder rachna </p>
<ul>
<li><span>प्रेम का मधुपान करूं ,</span></li>
</ul>
<p><span class="font-size-4"> अपना सा अहसास करूं !</span><br/><span class="font-size-4"> मोहपाश में बाँध कर ,</span> <br/><span class="font-size-4"> नजरों से इजहार करूं !</span></p>
<p>sunder rachna </p>
<ul>
<li><span>प्रेम का मधुपान करूं ,</span></li>
</ul>
<p><span class="font-size-4"> अपना सा अहसास करूं !</span><br/><span class="font-size-4"> मोहपाश में बाँध कर ,</span> <br/><span class="font-size-4"> नजरों से इजहार करूं !</span></p>