Comments - खाली बोतल.. - Open Books Online2024-03-28T22:56:06Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A369707&xn_auth=noआदरणीया सोनम जी सादर, सुन्दर…tag:openbooks.ning.com,2013-06-08:5170231:Comment:3747452013-06-08T14:39:57.507ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीया सोनम जी सादर, सुन्दर विषय पर सीधी सपाट बयानी. आप इतने दिनों से ओ बी ओ पर रचना कर रही हैं तब बिम्बों को सही उपयोग करने का आपको अवश्य ही प्रयास करना चाहिए. सादर.</p>
<p>आदरणीया सोनम जी सादर, सुन्दर विषय पर सीधी सपाट बयानी. आप इतने दिनों से ओ बी ओ पर रचना कर रही हैं तब बिम्बों को सही उपयोग करने का आपको अवश्य ही प्रयास करना चाहिए. सादर.</p> एक खाली बोतल को बिम्ब बनाकर..…tag:openbooks.ning.com,2013-06-01:5170231:Comment:3707402013-06-01T16:19:19.633ZVISHAAL CHARCHCHIThttp://openbooks.ning.com/profile/VISHAALCHARCHCHIT
<p>एक खाली बोतल को बिम्ब बनाकर.........बहुत गहरा और गंभीर संदेश दिया......!!!</p>
<p>एक खाली बोतल को बिम्ब बनाकर.........बहुत गहरा और गंभीर संदेश दिया......!!!</p> भावनाओं को व्यवस्थित शब्द देन…tag:openbooks.ning.com,2013-06-01:5170231:Comment:3705312013-06-01T03:24:24.759ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>भावनाओं को व्यवस्थित शब्द देने का प्रयास हो तो आपके संप्रेषण में सटीकपन तो आयेगा ही, रचनाकर्म सोद्येश्य हो जायेगा. </p>
<p>इसी रचना में देखिये तो दुहराव है जो एक भावभरे तथ्य को हल्का कर देता है.</p>
<p>शुभेच्छाएँ.. .</p>
<p></p>
<p>भावनाओं को व्यवस्थित शब्द देने का प्रयास हो तो आपके संप्रेषण में सटीकपन तो आयेगा ही, रचनाकर्म सोद्येश्य हो जायेगा. </p>
<p>इसी रचना में देखिये तो दुहराव है जो एक भावभरे तथ्य को हल्का कर देता है.</p>
<p>शुभेच्छाएँ.. .</p>
<p></p> बहुत सुंदर और सरस. रचना , मगर…tag:openbooks.ning.com,2013-05-31:5170231:Comment:3701232013-05-31T07:24:33.033Zcoontee mukerjihttp://openbooks.ning.com/profile/coonteemukerji
<p>बहुत सुंदर और सरस. रचना , मगर अपने भीतर कितने दर्द छिपाए हुए ........./सादर / कुंती .</p>
<p>बहुत सुंदर और सरस. रचना , मगर अपने भीतर कितने दर्द छिपाए हुए ........./सादर / कुंती .</p> सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई tag:openbooks.ning.com,2013-05-31:5170231:Comment:3699422013-05-31T05:43:55.322Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई </p>
<p>सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई </p> भाव बहुत अच्छे है इसलिए हार्द…tag:openbooks.ning.com,2013-05-30:5170231:Comment:3696632013-05-30T11:09:34.494Zram shiromani pathakhttp://openbooks.ning.com/profile/ramshiromanipathak
<p>भाव बहुत अच्छे है इसलिए हार्दिक बधाई ///लेकिन इसे गद्य कहूँ या पद्य////</p>
<p>भाव बहुत अच्छे है इसलिए हार्दिक बधाई ///लेकिन इसे गद्य कहूँ या पद्य////</p> इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत…tag:openbooks.ning.com,2013-05-30:5170231:Comment:3697302013-05-30T10:16:16.713ZShyam Narain Vermahttp://openbooks.ning.com/profile/ShyamNarainVerma
<table cellspacing="0" width="462" border="0">
<colgroup><col width="462"></col></colgroup><tbody><tr><td align="left" width="462" height="20">इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ.</td>
</tr>
</tbody>
</table>
<table cellspacing="0" width="462" border="0">
<colgroup><col width="462"></col></colgroup><tbody><tr><td align="left" width="462" height="20">इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ.</td>
</tr>
</tbody>
</table> अच्छी रचना के लिए बधाई |tag:openbooks.ning.com,2013-05-30:5170231:Comment:3695772013-05-30T09:37:40.099Zaman kumarhttp://openbooks.ning.com/profile/amankumar
<p><span>अच्छी रचना के लिए बधाई |</span></p>
<p><span>अच्छी रचना के लिए बधाई |</span></p>