Comments - जीने की बात करता हूँ - Open Books Online2024-03-28T18:22:52Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A354875&xn_auth=noसुन्दर प्रस्तुति आदरणीयtag:openbooks.ning.com,2013-05-02:5170231:Comment:3565752013-05-02T04:03:51.253ZVindu Babuhttp://openbooks.ning.com/profile/vandanatiwari
सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय
सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय आ० डॉ० अजय खरे जी
आपकी यह अभि…tag:openbooks.ning.com,2013-05-01:5170231:Comment:3564362013-05-01T12:55:20.230ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आ० डॉ० अजय खरे जी</p>
<p>आपकी यह अभिव्यक्ति गज़ल विधा के काफी करीब है.. ज़रा से प्रयास से इसे सुन्दर गज़ल रूप मिल सकता है.</p>
<p></p>
<p>अभिव्यक्ति के लिए बधाई .सादर.</p>
<p>आ० डॉ० अजय खरे जी</p>
<p>आपकी यह अभिव्यक्ति गज़ल विधा के काफी करीब है.. ज़रा से प्रयास से इसे सुन्दर गज़ल रूप मिल सकता है.</p>
<p></p>
<p>अभिव्यक्ति के लिए बधाई .सादर.</p> ji raktale ji jha sahib sadhu…tag:openbooks.ning.com,2013-05-01:5170231:Comment:3563152013-05-01T11:02:36.652ZDr.Ajay Kharehttp://openbooks.ning.com/profile/DrAjayKhare
<p>ji raktale ji jha sahib sadhubaad</p>
<p>ji raktale ji jha sahib sadhubaad</p> बहुत विश्वास और जोश से लबरेज…tag:openbooks.ning.com,2013-05-01:5170231:Comment:3560742013-05-01T03:30:28.407ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>बहुत विश्वास और जोश से लबरेज रचना, बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. आदरणीय डाक्टर साहब. मैंने पहले भी इस रचना पर प्रतिक्रिया दी थी किन्तु मुझे यहाँ नहीं दिख रही है. </p>
<p>बहुत विश्वास और जोश से लबरेज रचना, बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति के लिए बहुत बहुत बधाई स्वीकारें. आदरणीय डाक्टर साहब. मैंने पहले भी इस रचना पर प्रतिक्रिया दी थी किन्तु मुझे यहाँ नहीं दिख रही है. </p> बचा जो डूबने से, उसे खुदाहाफि…tag:openbooks.ning.com,2013-04-30:5170231:Comment:3556652013-04-30T08:51:13.426Zराजेश 'मृदु'http://openbooks.ning.com/profile/RajeshKumarJha
<p>बचा जो डूबने से, उसे खुदाहाफिज</p>
<p>डूबे भंवर मै, सफीने की बात करता हूँ</p>
<p></p>
<p>बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति, सादर</p>
<p>बचा जो डूबने से, उसे खुदाहाफिज</p>
<p>डूबे भंवर मै, सफीने की बात करता हूँ</p>
<p></p>
<p>बहुत ही खूबसूरत अभिव्यक्ति, सादर</p> sabhi adarniy ko sadhubaadtag:openbooks.ning.com,2013-04-30:5170231:Comment:3558112013-04-30T07:43:49.398ZDr.Ajay Kharehttp://openbooks.ning.com/profile/DrAjayKhare
<p>sabhi adarniy ko sadhubaad</p>
<p>sabhi adarniy ko sadhubaad</p> सुन्दर बहुत खूब
... बधाई tag:openbooks.ning.com,2013-04-30:5170231:Comment:3557122013-04-30T05:55:10.719Zबसंत नेमाhttp://openbooks.ning.com/profile/BasantNema
<p>सुन्दर बहुत खूब</p>
<p>... बधाई </p>
<p>सुन्दर बहुत खूब</p>
<p>... बधाई </p> आपकी धनात्मक सोच के नमन डॉ अज…tag:openbooks.ning.com,2013-04-30:5170231:Comment:3555902013-04-30T04:23:38.662Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p>आपकी धनात्मक सोच के नमन डॉ अजय खरे जी, प्रस्तुति के लिए बधाई </p>
<p>आपकी धनात्मक सोच के नमन डॉ अजय खरे जी, प्रस्तुति के लिए बधाई </p> आ0 अजय जी, अति सुन्दर। ’जिन्द…tag:openbooks.ning.com,2013-04-30:5170231:Comment:3555872013-04-30T03:28:57.280Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://openbooks.ning.com/profile/kewalprasad
<p>आ0 अजय जी, अति सुन्दर। ’जिन्दगी अपनी कटी बे हिसाब बे तरतीव<br/>औरों से मै करीने की बात करता हूँ।।’ बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें। सादर,</p>
<p>आ0 अजय जी, अति सुन्दर। ’जिन्दगी अपनी कटी बे हिसाब बे तरतीव<br/>औरों से मै करीने की बात करता हूँ।।’ बहुत-बहुत बधाई स्वीकारें। सादर,</p>