Comments - पंचतंत्र की रोचक कहानियां और बच्चें - Open Books Online2024-03-28T09:08:29Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A352592&xn_auth=noआपका यह प्रेरक आलेख सभी के लि…tag:openbooks.ning.com,2016-08-21:5170231:Comment:7937782016-08-21T14:50:13.671ZSheikh Shahzad Usmanihttp://openbooks.ning.com/profile/SheikhShahzadUsmani
आपका यह प्रेरक आलेख सभी के लिए हमेशा मार्गदर्शक रहेगा। हम क्या देख सुन रहे हैं व हमारे बच्चे क्या देख-सुुन रहे हैं, इस पर हमारा समाज व देश बहुत निर्भर करता है। पंचतंत्र की कहानियाँ और नैतिक शिक्षा की रोचक अन्य प्रेरक कहानियाँ पढ़कर बच्चे लाभान्वित होते हैं, उनका चरित्र निर्माण होता है।
आपका यह प्रेरक आलेख सभी के लिए हमेशा मार्गदर्शक रहेगा। हम क्या देख सुन रहे हैं व हमारे बच्चे क्या देख-सुुन रहे हैं, इस पर हमारा समाज व देश बहुत निर्भर करता है। पंचतंत्र की कहानियाँ और नैतिक शिक्षा की रोचक अन्य प्रेरक कहानियाँ पढ़कर बच्चे लाभान्वित होते हैं, उनका चरित्र निर्माण होता है। आदरणीय आशीष जी
सादर
आपके कथ…tag:openbooks.ning.com,2013-04-26:5170231:Comment:3532932013-04-26T10:29:45.002ZPRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHAhttp://openbooks.ning.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA
<p>आदरणीय आशीष जी </p>
<p>सादर </p>
<p>आपके कथन से सहमत </p>
<p>बाल रचनाओं में इस मंच द्वारा काफी प्रयास किया जा रहा है और मैं भी उनमें से एक सैनिक हूँ. </p>
<p>बधाई, जाग्रति हेतु </p>
<p>आदरणीय आशीष जी </p>
<p>सादर </p>
<p>आपके कथन से सहमत </p>
<p>बाल रचनाओं में इस मंच द्वारा काफी प्रयास किया जा रहा है और मैं भी उनमें से एक सैनिक हूँ. </p>
<p>बधाई, जाग्रति हेतु </p> आदरणीय आशीष जी सादर, बिलकुल स…tag:openbooks.ning.com,2013-04-26:5170231:Comment:3535232013-04-26T08:31:57.166ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय आशीष जी सादर, बिलकुल सही कहा आपने बच्चों में आत्मविश्वास जगाना जरुरी है. टीवी पर दिखाए जाने वाले कार्टून से प्रभावित होकर बच्चों ने कई बार गलत कदम उठाये हैं किन्तु फिरभी मैं ऐसे कार्यक्रमों का विरोध नहीं कर सकता. पंचतन्त्र की कहानिया बहुत अच्छी और शिक्षाप्रद है और मुझे याद आता है की इनका भी टीवी पर प्रसारण हुआ था.मैं दोनों ही तरह की कहानियों से बच्चों के मनोरंजन को ठीक मानता हूँ. यह मेरा व्यक्तिगत विचार है.मैं आपके कहे का पूर्ण सम्मान करता हूँ और सराहना करता हूँ आपका उद्धेश्य बच्चो…</p>
<p>आदरणीय आशीष जी सादर, बिलकुल सही कहा आपने बच्चों में आत्मविश्वास जगाना जरुरी है. टीवी पर दिखाए जाने वाले कार्टून से प्रभावित होकर बच्चों ने कई बार गलत कदम उठाये हैं किन्तु फिरभी मैं ऐसे कार्यक्रमों का विरोध नहीं कर सकता. पंचतन्त्र की कहानिया बहुत अच्छी और शिक्षाप्रद है और मुझे याद आता है की इनका भी टीवी पर प्रसारण हुआ था.मैं दोनों ही तरह की कहानियों से बच्चों के मनोरंजन को ठीक मानता हूँ. यह मेरा व्यक्तिगत विचार है.मैं आपके कहे का पूर्ण सम्मान करता हूँ और सराहना करता हूँ आपका उद्धेश्य बच्चो में आत्मविश्वास जगाना है और ये सदैव सराहनीय है. इसके लिए आपका हार्दिक आभार.</p> धन्यवादtag:openbooks.ning.com,2013-04-26:5170231:Comment:3531982013-04-26T05:38:35.143ZASHISH KUMAAR TRIVEDIhttp://openbooks.ning.com/profile/ASHISHKUMAARTRIVEDI
<p>धन्यवाद</p>
<p>धन्यवाद</p> आदरणीय आशीष जी
विविध चैनलों…tag:openbooks.ning.com,2013-04-26:5170231:Comment:3531902013-04-26T05:05:56.102ZDr.Prachi Singhhttp://openbooks.ning.com/profile/DrPrachiSingh376
<p>आदरणीय आशीष जी </p>
<p>विविध चैनलों पर प्रसारित होने वाले बच्चों के कार्टून चलचित्रों का उनकी मानसिकता पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव पर सुन्दर आलेख लिखा है ... </p>
<p><span>//हम उन्हें इस बात का अहसास कराएँ की अपनी समस्याओं से निपटने के लिए हमें किसी असाधारण शक्ति की नहीं अपितु थोड़ी सूझबूझ एवं आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है।//...... बिलकुल सही कहा है आपने </span></p>
<p></p>
<p>पंचतंत्र की कहानियों में नैतिक शिक्षाओं का और ज़िंदगी के मूलभूत पाठों का खजाना है...ये कहानियां कालजयी हैं...हर…</p>
<p>आदरणीय आशीष जी </p>
<p>विविध चैनलों पर प्रसारित होने वाले बच्चों के कार्टून चलचित्रों का उनकी मानसिकता पर होने वाले नकारात्मक प्रभाव पर सुन्दर आलेख लिखा है ... </p>
<p><span>//हम उन्हें इस बात का अहसास कराएँ की अपनी समस्याओं से निपटने के लिए हमें किसी असाधारण शक्ति की नहीं अपितु थोड़ी सूझबूझ एवं आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है।//...... बिलकुल सही कहा है आपने </span></p>
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<p>पंचतंत्र की कहानियों में नैतिक शिक्षाओं का और ज़िंदगी के मूलभूत पाठों का खजाना है...ये कहानियां कालजयी हैं...हर युग में समयाचीन और लाभप्रद ..इन्हें बच्चों को ज़रूर ही सुनाना चाहिए/</p>
<p></p>
<p>प्रस्तुत आलेख के लिए हार्दिक बधाई </p> धन्यवादtag:openbooks.ning.com,2013-04-26:5170231:Comment:3531872013-04-26T04:42:58.140ZASHISH KUMAAR TRIVEDIhttp://openbooks.ning.com/profile/ASHISHKUMAARTRIVEDI
<p><strong>धन्यवाद</strong></p>
<p><strong>धन्यवाद</strong></p> आदरणीय आशीष त्रिवेदी जी, पंचत…tag:openbooks.ning.com,2013-04-25:5170231:Comment:3530322013-04-25T14:13:27.597ZEr. Ganesh Jee "Bagi"http://openbooks.ning.com/profile/GaneshJee
<p>आदरणीय आशीष त्रिवेदी जी, पंचतंत्र, हितोपदेश आदि में जो संग्रह है वह हर बारएक नैतिक शिक्षा छोड़ जाता है, आज के हाई टेक जमाने में बच्चे इन कहानियों से दूर होते जा रहे है, जिससे नैतिकता का अभाव उनमे प्रत्यक्ष दिखने लगता है, सुन्दर लेख, बधाई स्वीकार करें । </p>
<p>आदरणीय आशीष त्रिवेदी जी, पंचतंत्र, हितोपदेश आदि में जो संग्रह है वह हर बारएक नैतिक शिक्षा छोड़ जाता है, आज के हाई टेक जमाने में बच्चे इन कहानियों से दूर होते जा रहे है, जिससे नैतिकता का अभाव उनमे प्रत्यक्ष दिखने लगता है, सुन्दर लेख, बधाई स्वीकार करें । </p>