Comments - जन सेवा - Open Books Online2024-03-28T11:19:30Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A339860&xn_auth=noआशीर्वचन के लिए बहुत-बहुत धन्…tag:openbooks.ning.com,2013-04-04:5170231:Comment:3409652013-04-04T11:14:20.870Zakhilesh mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/akhileshmishra712
<p>आशीर्वचन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सौरभ पांडेय साहब ।</p>
<p>आशीर्वचन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सौरभ पांडेय साहब ।</p> आपके प्रयास के लिए बधाई, भाई…tag:openbooks.ning.com,2013-04-03:5170231:Comment:3407332013-04-03T17:11:00.083ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>आपके प्रयास के लिए बधाई, भाई अखिलेशजी</p>
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<p>आपके प्रयास के लिए बधाई, भाई अखिलेशजी</p>
<p></p> बहुत-बहुत धन्यवाद केवल प्रसाद…tag:openbooks.ning.com,2013-04-03:5170231:Comment:3405232013-04-03T06:59:29.152Zakhilesh mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/akhileshmishra712
<p>बहुत-बहुत धन्यवाद केवल प्रसाद जी,हौशला बढ़ाने के लिए !</p>
<p>बहुत-बहुत धन्यवाद केवल प्रसाद जी,हौशला बढ़ाने के लिए !</p> धन्यवाद मुकेरजी मैडम । tag:openbooks.ning.com,2013-04-03:5170231:Comment:3403752013-04-03T06:58:38.227Zakhilesh mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/akhileshmishra712
<p>धन्यवाद मुकेरजी मैडम । </p>
<p>धन्यवाद मुकेरजी मैडम । </p> धन्यवाद मैडम ! आपका उत्साहवर्…tag:openbooks.ning.com,2013-04-03:5170231:Comment:3404332013-04-03T06:57:44.494Zakhilesh mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/akhileshmishra712
<p>धन्यवाद मैडम ! आपका उत्साहवर्धन हम जैसे नौसिखियों के लिए बहुत भाग्य की बात होती है । </p>
<p>धन्यवाद मैडम ! आपका उत्साहवर्धन हम जैसे नौसिखियों के लिए बहुत भाग्य की बात होती है । </p> अखिलेश मिश्र जी बहुत उच्च भाव…tag:openbooks.ning.com,2013-04-03:5170231:Comment:3403532013-04-03T03:36:15.236Zrajesh kumarihttp://openbooks.ning.com/profile/rajeshkumari
<p><span>अखिलेश मिश्र जी बहुत उच्च भाव से परिपूर्ण कविता हेतु बहुत- बहुत बधाई काश सभी इन बातो को समझे </span></p>
<p><span>अखिलेश मिश्र जी बहुत उच्च भाव से परिपूर्ण कविता हेतु बहुत- बहुत बधाई काश सभी इन बातो को समझे </span></p> मिश्रा जी अच्छे भाव है ,सबका…tag:openbooks.ning.com,2013-04-02:5170231:Comment:3399002013-04-02T13:41:14.777Zcoontee mukerjihttp://openbooks.ning.com/profile/coonteemukerji
<p>मिश्रा जी अच्छे भाव है ,सबका का मन ऐसा ही हो..</p>
<p>मिश्रा जी अच्छे भाव है ,सबका का मन ऐसा ही हो..</p> आदरणीय, अखिलेश मिश्रा जी, आपक…tag:openbooks.ning.com,2013-04-02:5170231:Comment:3401362013-04-02T12:30:36.738Zकेवल प्रसाद 'सत्यम'http://openbooks.ning.com/profile/kewalprasad
<p>आदरणीय, अखिलेश मिश्रा जी, आपकी रचना में सुंदर भाव हैं- ‘अपने सपने को भी तुम,<br/>मेहनत कर साकार करो,<br/>कुछ कर लेने के बाद ही,<br/>जनसेवा पर काम करो ।‘</p>
<p>आदरणीय, अखिलेश मिश्रा जी, आपकी रचना में सुंदर भाव हैं- ‘अपने सपने को भी तुम,<br/>मेहनत कर साकार करो,<br/>कुछ कर लेने के बाद ही,<br/>जनसेवा पर काम करो ।‘</p>