Comments - तुम बिन जिया जाये कैसे ……… - Open Books Online2024-03-28T22:54:38Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A315660&xn_auth=noधन्यवाद आदरणीय कुशवाहा जी एवं…tag:openbooks.ning.com,2013-02-13:5170231:Comment:3175652013-02-13T06:49:54.448ZParveen Malikhttp://openbooks.ning.com/profile/ParveenMalik
<p>धन्यवाद आदरणीय कुशवाहा जी एवं डॉ अजय खरे जी हौसलाफजाई के लिए ...</p>
<p>धन्यवाद आदरणीय कुशवाहा जी एवं डॉ अजय खरे जी हौसलाफजाई के लिए ...</p> तेरी ही यादों में कुछ ऐसे दीव…tag:openbooks.ning.com,2013-02-12:5170231:Comment:3172362013-02-12T05:35:45.344ZPRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHAhttp://openbooks.ning.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA
<p>तेरी ही यादों में कुछ ऐसे दीवाने हो गए हैं !</p>
<p>सबके बीच रहते हुए भी तनहा हो गए हैं !</p>
<p>आदरणीया परवीन जी </p>
<p>सादर </p>
<p>बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.</p>
<p>बधाई. </p>
<p>तेरी ही यादों में कुछ ऐसे दीवाने हो गए हैं !</p>
<p>सबके बीच रहते हुए भी तनहा हो गए हैं !</p>
<p>आदरणीया परवीन जी </p>
<p>सादर </p>
<p>बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति.</p>
<p>बधाई. </p> bichhoh ki jhulas ka sunder c…tag:openbooks.ning.com,2013-02-08:5170231:Comment:3161132013-02-08T06:02:31.863ZDr.Ajay Kharehttp://openbooks.ning.com/profile/DrAjayKhare
<p>bichhoh ki jhulas ka sunder chitran badhai malik madam</p>
<p>bichhoh ki jhulas ka sunder chitran badhai malik madam</p> आप सभी का बहुत बहुत आभार कि आ…tag:openbooks.ning.com,2013-02-08:5170231:Comment:3160502013-02-08T05:36:04.509ZParveen Malikhttp://openbooks.ning.com/profile/ParveenMalik
<p>आप सभी का बहुत बहुत आभार कि आपने अपना कीमती समय मेरी रचना को दिया ... </p>
<p>धन्यवाद....</p>
<p>आप सभी का बहुत बहुत आभार कि आपने अपना कीमती समय मेरी रचना को दिया ... </p>
<p>धन्यवाद....</p> आदरणीया परवीन जी:
रचना तो अच्…tag:openbooks.ning.com,2013-02-08:5170231:Comment:3160312013-02-08T02:07:25.088Zvijay nikorehttp://openbooks.ning.com/profile/vijaynikore
<p><strong>आदरणीया परवीन जी:</strong></p>
<p><strong>रचना तो अच्छी है ही, परन्तु रचना के नीचे लिखी</strong></p>
<p><strong>पंक्तियों में आपने जो सच्चाई अभिव्यक्त की है,</strong></p>
<p><strong>उसने आपकी रचना में और भी जान डाल दी है।</strong></p>
<p></p>
<p><strong>थोड़ी-सी पंक्तियों में आपने हर किसी के जीवन में</strong></p>
<p><strong>आए किसी खास रिश्ते की सच्चाई सामने कर दी है।</strong></p>
<p><strong>जीवन में किसी की उपस्थिति का रंग और उसके</strong></p>
<p><strong>अभाव का ग़म .... कोई उस…</strong></p>
<p><strong>आदरणीया परवीन जी:</strong></p>
<p><strong>रचना तो अच्छी है ही, परन्तु रचना के नीचे लिखी</strong></p>
<p><strong>पंक्तियों में आपने जो सच्चाई अभिव्यक्त की है,</strong></p>
<p><strong>उसने आपकी रचना में और भी जान डाल दी है।</strong></p>
<p></p>
<p><strong>थोड़ी-सी पंक्तियों में आपने हर किसी के जीवन में</strong></p>
<p><strong>आए किसी खास रिश्ते की सच्चाई सामने कर दी है।</strong></p>
<p><strong>जीवन में किसी की उपस्थिति का रंग और उसके</strong></p>
<p><strong>अभाव का ग़म .... कोई उस स्थिति में से गुज़रा हुआ</strong></p>
<p><strong>ही जानता है ... वह दर्द एक अनोखा दर्द है जो सालों तो क्या,</strong></p>
<p><strong>कई बार दशकों तक भी सीने में गरम कोलतार की तरह बस</strong></p>
<p><strong>चिपका रहता है।</strong></p>
<p></p>
<p><strong>मैंने इस उपस्थिति पर और इस दर्दीले अभाव पर दो कविताएँ</strong></p>
<p><strong>लिखी थीं, जिनको मै obo पर post कर के आपके साथ share</strong></p>
<p><strong>नहीं कर सक्ता, क्यूँकि वह दोनों कहीं और प्रकाशित हो चुकी हैं</strong></p>
<p><strong>(with respect for obo's rules). हाँ, यदि आप चाहें तो</strong></p>
<p><strong>ओबीओ पर friends बन कर ए मैल में आपसे share कर</strong></p>
<p><strong>सकता हूँ।</strong></p>
<p><strong>सादर ।</strong></p>
<p><strong>विजय निकोर</strong></p> आदरणीया परवीन जी नमस्कार
दिल…tag:openbooks.ning.com,2013-02-07:5170231:Comment:3158532013-02-07T16:15:03.843ZMAHIMA SHREEhttp://openbooks.ning.com/profile/MAHIMASHREE
<p>आदरणीया परवीन जी नमस्कार</p>
<p>दिल से लिखी रचना के लिए बधाई आपको</p>
<p>आदरणीया परवीन जी नमस्कार</p>
<p>दिल से लिखी रचना के लिए बधाई आपको</p> इस मंच पर मैं ये आपकी कोई पहल…tag:openbooks.ning.com,2013-02-07:5170231:Comment:3157602013-02-07T14:59:05.695ZSANDEEP KUMAR PATELhttp://openbooks.ning.com/profile/SANDEEPKUMARPATEL
<p>इस मंच पर मैं ये आपकी कोई पहली रचना देख रहा हूँ <br/>नवल प्रयास के लिए बधाई आपको</p>
<p>इस मंच पर मैं ये आपकी कोई पहली रचना देख रहा हूँ <br/>नवल प्रयास के लिए बधाई आपको</p>