Comments - मानव धर्म हमारा - Open Books Online2024-03-29T13:52:56Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A298988&xn_auth=noवाह वाह वाह बहुत सुन्दर गीत र…tag:openbooks.ning.com,2012-12-13:5170231:Comment:2995672012-12-13T11:36:38.166ZSANDEEP KUMAR PATELhttp://openbooks.ning.com/profile/SANDEEPKUMARPATEL
<p>वाह वाह वाह बहुत सुन्दर गीत रचा है भाई जी <br/>बहुत बहुत बधाई इस गीत हेतु</p>
<p>वाह वाह वाह बहुत सुन्दर गीत रचा है भाई जी <br/>बहुत बहुत बधाई इस गीत हेतु</p> अच्छे भावों की सुन्दर रचना के…tag:openbooks.ning.com,2012-12-13:5170231:Comment:2996142012-12-13T10:28:49.298Zलक्ष्मण रामानुज लडीवालाhttp://openbooks.ning.com/profile/LaxmanPrasadLadiwala
<p><span>अच्छे भावों की </span><span>सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह म्रदु </span></p>
<p><span>अच्छे भावों की </span><span>सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई श्री शैलेन्द्र कुमार सिंह म्रदु </span></p> शैलेन्द्र जी कटु सत्य को उजाग…tag:openbooks.ning.com,2012-12-13:5170231:Comment:2994522012-12-13T08:06:06.808Zअरुन 'अनन्त'http://openbooks.ning.com/profile/ArunSharma
<p>शैलेन्द्र जी कटु सत्य को उजागर करती सुंदर रचना बधाई स्वीकारें</p>
<p>शैलेन्द्र जी कटु सत्य को उजागर करती सुंदर रचना बधाई स्वीकारें</p> बहुत ही उत्तम विचार प्रिय मृद…tag:openbooks.ning.com,2012-12-13:5170231:Comment:2993582012-12-13T06:06:27.737ZMAHIMA SHREEhttp://openbooks.ning.com/profile/MAHIMASHREE
<p>बहुत ही उत्तम विचार प्रिय मृदु जी .. बहुत दिनों के बाद आपकी रचना पढने को मिली .. अच्छा लगा .. बधाई स्वीकार करें</p>
<p>बहुत ही उत्तम विचार प्रिय मृदु जी .. बहुत दिनों के बाद आपकी रचना पढने को मिली .. अच्छा लगा .. बधाई स्वीकार करें</p>