Comments - सस्ता के चक्कर में ! - Open Books Online2024-03-29T12:01:18Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A293843&xn_auth=noवर्मा सस्ता के चक्कर में , कि…tag:openbooks.ning.com,2012-12-01:5170231:Comment:2949792012-12-01T14:38:42.396ZDr. Chandresh Kumar Chhatlanihttp://openbooks.ning.com/profile/ChandreshKumarChhatlani
<p><span>वर्मा सस्ता के चक्कर में , कितना दुःख मिला हर बार । बहुत उम्दा || सस्ते के फेर में कितना नुकसान कर जाते हैं </span></p>
<p><span>वर्मा सस्ता के चक्कर में , कितना दुःख मिला हर बार । बहुत उम्दा || सस्ते के फेर में कितना नुकसान कर जाते हैं </span></p> बहुत बढ़िया .........श्याम जी …tag:openbooks.ning.com,2012-12-01:5170231:Comment:2951462012-12-01T07:01:59.580Zseema agrawalhttp://openbooks.ning.com/profile/seemaagrawal8
<p>बहुत बढ़िया .........श्याम जी </p>
<p>पर सौरभ जी का सवाल अभी तक अनुत्तरित है//<span><strong>आप रचनाओं में गेयता के लिये क्या करते हैं ?</strong>//</span></p>
<p>एक विज्ञापन आता है जिसमे सहेली, सहेली से बार-बार पूछती है कि बच्चे को तीन बार दूध तो देती हो पर कैल्शियम के लिए क्या करती हो ....भाई जी विटामिन डी के बिना तो कैल्शियम कितना भी लो सब waste हो जाता है |</p>
<p>बहुत बढ़िया .........श्याम जी </p>
<p>पर सौरभ जी का सवाल अभी तक अनुत्तरित है//<span><strong>आप रचनाओं में गेयता के लिये क्या करते हैं ?</strong>//</span></p>
<p>एक विज्ञापन आता है जिसमे सहेली, सहेली से बार-बार पूछती है कि बच्चे को तीन बार दूध तो देती हो पर कैल्शियम के लिए क्या करती हो ....भाई जी विटामिन डी के बिना तो कैल्शियम कितना भी लो सब waste हो जाता है |</p> shyam ji bilkul satya likh di…tag:openbooks.ning.com,2012-11-28:5170231:Comment:2938972012-11-28T16:13:24.847Zshalini kaushikhttp://openbooks.ning.com/profile/shalinikaushik
shyam ji bilkul satya likh diya hai aapne..
shyam ji bilkul satya likh diya hai aapne.. वीर छंद पर आपका प्रयास हो रहा…tag:openbooks.ning.com,2012-11-28:5170231:Comment:2940642012-11-28T14:29:13.840ZSaurabh Pandeyhttp://openbooks.ning.com/profile/SaurabhPandey
<p>वीर छंद पर आपका प्रयास हो रहा है.</p>
<p>एक प्रश्न, आप रचनाओं में गेयता के लिये क्या करते हैं ? कारण कि, महज मात्रा गिन कर छंदों के चरण नहीं साध लिए जाते.</p>
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<p>वीर छंद पर आपका प्रयास हो रहा है.</p>
<p>एक प्रश्न, आप रचनाओं में गेयता के लिये क्या करते हैं ? कारण कि, महज मात्रा गिन कर छंदों के चरण नहीं साध लिए जाते.</p>
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