Comments - तबादला - Open Books Online2024-03-28T10:34:47Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A292906&xn_auth=noधन्यवाद रकटले जी ,हौशला बढ़ाने…tag:openbooks.ning.com,2012-12-03:5170231:Comment:2954782012-12-03T09:58:35.719Zakhilesh mishrahttp://openbooks.ning.com/profile/akhileshmishra712
<p>धन्यवाद रकटले जी ,हौशला बढ़ाने के लिए ।</p>
<p>धन्यवाद रकटले जी ,हौशला बढ़ाने के लिए ।</p> समस्या है सबके जीवन में,
इस ब…tag:openbooks.ning.com,2012-12-01:5170231:Comment:2949382012-12-01T03:53:24.849ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>समस्या है सबके जीवन में,</p>
<p>इस बात को समझा करो,</p>
<p>बिना वजह हर तबादले में,</p>
<p>बॉस के सामने मत रोया करो ।</p>
<p>तबादले कि समस्या और स्वाभिमान पर आपकी यह प्रस्तुति वाह!बहुत सुन्दर है मगर मीरा कि ये पंक्तियाँ भी उतनी ही सत्य हैं "घायल कि गति घायल जाणे, जिस दिन घायल होय" </p>
<p>समस्या है सबके जीवन में,</p>
<p>इस बात को समझा करो,</p>
<p>बिना वजह हर तबादले में,</p>
<p>बॉस के सामने मत रोया करो ।</p>
<p>तबादले कि समस्या और स्वाभिमान पर आपकी यह प्रस्तुति वाह!बहुत सुन्दर है मगर मीरा कि ये पंक्तियाँ भी उतनी ही सत्य हैं "घायल कि गति घायल जाणे, जिस दिन घायल होय" </p> मजबूरी में,विनम्रता से निवेदन…tag:openbooks.ning.com,2012-11-26:5170231:Comment:2930922012-11-26T18:15:03.796Zshalini kaushikhttp://openbooks.ning.com/profile/shalinikaushik
मजबूरी में,विनम्रता से निवेदन करो,<br />
<br />
पर मत गिड्गिड़ाओ किसी से ,<br />
<br />
इज्जत स्वाभिमान से बड़ा,<br />
<br />
नहीं हो सकता, कोई तबादला ।<br />
bahut sahi kaha akhilesh ji .
मजबूरी में,विनम्रता से निवेदन करो,<br />
<br />
पर मत गिड्गिड़ाओ किसी से ,<br />
<br />
इज्जत स्वाभिमान से बड़ा,<br />
<br />
नहीं हो सकता, कोई तबादला ।<br />
bahut sahi kaha akhilesh ji .