Comments - यात्रा संस्मरण: लुटेरे हैं दरबारी पहाड़ों वाली के - Open Books Online2024-03-29T09:17:02Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A238075&xn_auth=noयोगराज प्रभाकर जी हम तो दूसरी…tag:openbooks.ning.com,2012-06-19:5170231:Comment:2387952012-06-19T07:15:30.913ZSUMIT PRATAP SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/SUMITPRATAPSINGH
<p>योगराज प्रभाकर जी हम तो दूसरी बार ही वैष्णों देवी के दर्शन हेतु गए थे, किन्तु आप तो अक्सर जाते रहते होंगे. सो वहाँ की अव्यवस्था से भली-भांति परिचित होंगे. इस यात्रा के दौरान मन इतना व्यथित हुआ कि यह संस्मरण लिख डाला. </p>
<p>आभार....</p>
<p>योगराज प्रभाकर जी हम तो दूसरी बार ही वैष्णों देवी के दर्शन हेतु गए थे, किन्तु आप तो अक्सर जाते रहते होंगे. सो वहाँ की अव्यवस्था से भली-भांति परिचित होंगे. इस यात्रा के दौरान मन इतना व्यथित हुआ कि यह संस्मरण लिख डाला. </p>
<p>आभार....</p> प्रदीप कुमार जी, अलबेला खत्री…tag:openbooks.ning.com,2012-06-19:5170231:Comment:2387932012-06-19T07:13:03.745ZSUMIT PRATAP SINGHhttp://openbooks.ning.com/profile/SUMITPRATAPSINGH
<p>प्रदीप कुमार जी, अलबेला खत्री जी टिप्पणियों के लिए आभार...</p>
<p>प्रदीप कुमार जी, अलबेला खत्री जी टिप्पणियों के लिए आभार...</p> DURBHAAGYA HAI
SHARM KI BAAT…tag:openbooks.ning.com,2012-06-19:5170231:Comment:2389112012-06-19T06:09:56.514ZAlbela Khatrihttp://openbooks.ning.com/profile/AlbelaKhatri
<p>DURBHAAGYA HAI</p>
<p>SHARM KI BAAT HAI</p>
<p>DURBHAAGYA HAI</p>
<p>SHARM KI BAAT HAI</p> बहुत अफ़सोस होता है हिन्दू धर्…tag:openbooks.ning.com,2012-06-19:5170231:Comment:2389092012-06-19T06:05:38.273Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>बहुत अफ़सोस होता है हिन्दू धर्म स्थलों के आस पास ऐसी लूट खसूट के बारे में जानकर. वैसे थोड़ी बहुत लूट खसूट तो हर जगह ही होती है, मगर जम्मू कटड़ा जितनी नहीं. कुछेक का तो ज़िक्र आपने अपने आलेख में कर दिया लेकिन इसके इलावा भी बहुत सी बातें हैं. जिनका ज़िक्र मैं भी करना चाहूँगा. <br></br> <br></br> नवरात्रों तथा अमरनाथ यात्रा के समय जम्मू क्षेत्र में यह लूट अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाती है. ५०० रूपये रोज़ में मिलने वाला कमरा ५००० तक में दिया जाता है, सर्दियों में गर्म पानी की एक बाल्टी के लिए १०० रुपये मांगे…</p>
<p>बहुत अफ़सोस होता है हिन्दू धर्म स्थलों के आस पास ऐसी लूट खसूट के बारे में जानकर. वैसे थोड़ी बहुत लूट खसूट तो हर जगह ही होती है, मगर जम्मू कटड़ा जितनी नहीं. कुछेक का तो ज़िक्र आपने अपने आलेख में कर दिया लेकिन इसके इलावा भी बहुत सी बातें हैं. जिनका ज़िक्र मैं भी करना चाहूँगा. <br/> <br/> नवरात्रों तथा अमरनाथ यात्रा के समय जम्मू क्षेत्र में यह लूट अपनी चरम सीमा पर पहुँच जाती है. ५०० रूपये रोज़ में मिलने वाला कमरा ५००० तक में दिया जाता है, सर्दियों में गर्म पानी की एक बाल्टी के लिए १०० रुपये मांगे जाते है. यह ही नहीं, कई दफा तो आधी रात के समय होटल वाले दरवाज़ा खटखटा कर किसी और यात्री को कमरे में जगह देने के आदेश भी सुना देते हैं, और इनकार करने पर कमरा खाली करने की धमकी तक दे डालते हैं. एसी कमरों के एसी अक्सर खराब होते हैं, ठीक भी किये जाते हैं तो कई-कई घंटे के बाद. रोड साइड ढाबों से लेकर <span id="6_TRN_5j">बड़े होटलों तक</span> में लोग यात्रियों को लूटने की फिराक में रहते हैं. गंदे बर्तन या बासी खराब खाने की शिकायत सुनने को कोई तैयार नहीं. पान, सिगरेट तो क्या, समाचार पत्र तक भी प्रिंटेड मूल्य (जोकि बाकि देश के मुकाबले पहले ही ज्यादा होता है) से दुगने-तिगुने दामों पर बेचे जाते हैं. बाज़ार में दुकानदार आपको माता की कसम खाकर कागज़ी वेरायटी दिखा कर पत्थर जैसे अखरोट दे देते हैं जिसका पता आपको घर पहुँच कर चलता है. <br/> <br/> माता के भवन में पहुँचने के बाद पुजारी और तैनात कर्मचारी धक्के दे दे कर आगे जाने को कहते हैं, सैकड़ों हजारों मील का सफ़र तय करके आए श्रद्धालु को दर्शन भी नसीब नहीं होते. हाँ, अगर आप पहले से ही अपने हाथ में ५०० या १००० का नोट पकड़ उसका दर्शन पुजारी पार्टी को करवा दें और पैसा सरकारी गोलक में न डाल कर बाहर ही रख दें तो बाकायदा आपको पिंडी के दर्शन भी करवाए जायेंगे और संभव है की आपके सर पर बाकायदा लाल चुन्नी या कलाई पर मन्त्र पढ़कर मौली भी बाँध दी जाये. वहां से लुटने के बाद बस यही मन से निकलता है कि हे महामाई इन लुटेरों को सदबुद्धि दे. </p> darshan ho gaye............ba…tag:openbooks.ning.com,2012-06-19:5170231:Comment:2387602012-06-19T03:59:45.232ZAlbela Khatrihttp://openbooks.ning.com/profile/AlbelaKhatri
<p>darshan ho gaye............bahut badi baat hai</p>
<p>darshan ho gaye............bahut badi baat hai</p> जय माता दी , दर्शन कराया आभार tag:openbooks.ning.com,2012-06-18:5170231:Comment:2384752012-06-18T12:24:42.044ZPRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHAhttp://openbooks.ning.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA
<p>जय माता दी , दर्शन कराया आभार </p>
<p>जय माता दी , दर्शन कराया आभार </p>