Comments - अंतस का कोना... - Open Books Online2024-03-29T05:34:14Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A195030&xn_auth=noआदरणीया सीमा जी
नमस्कार, आपका…tag:openbooks.ning.com,2012-03-28:5170231:Comment:2060542012-03-28T10:25:36.972ZMAHIMA SHREEhttp://openbooks.ning.com/profile/MAHIMASHREE
आदरणीया सीमा जी<br />
नमस्कार, आपका हार्दिक धन्यवाद् .. आपकी सराहना से मन पुलकित<br />
हो गया स्नेह बनाये रखे.. आभार.... .
आदरणीया सीमा जी<br />
नमस्कार, आपका हार्दिक धन्यवाद् .. आपकी सराहना से मन पुलकित<br />
हो गया स्नेह बनाये रखे.. आभार.... . राज जी नमस्कार,
धन्यवाद आपका.…tag:openbooks.ning.com,2012-03-12:5170231:Comment:1993782012-03-12T11:14:51.447ZMAHIMA SHREEhttp://openbooks.ning.com/profile/MAHIMASHREE
राज जी नमस्कार,<br />
धन्यवाद आपका...
राज जी नमस्कार,<br />
धन्यवाद आपका... अच्छी रचना महिमा जीtag:openbooks.ning.com,2012-03-08:5170231:Comment:1983472012-03-08T16:13:36.298Zराज लाली बटालाhttp://openbooks.ning.com/profile/rajlallysharma
<p><span>अच्छी रचना महिमा जी</span></p>
<p><span>अच्छी रचना महिमा जी</span></p> बहुत अच्छी रचना महिमा जीtag:openbooks.ning.com,2012-03-04:5170231:Comment:1957482012-03-04T09:21:36.631Zminu jhahttp://openbooks.ning.com/profile/minujha
<p>बहुत अच्छी रचना महिमा जी</p>
<p>बहुत अच्छी रचना महिमा जी</p> आदरणीय सर,
प्रणाम, सब आपके आश…tag:openbooks.ning.com,2012-03-03:5170231:Comment:1955502012-03-03T11:50:45.940ZMAHIMA SHREEhttp://openbooks.ning.com/profile/MAHIMASHREE
आदरणीय सर,<br />
प्रणाम, सब आपके आशीर्वाद का प्रताप है.... ....आपकी सराहना...यूँही..मिलती रहे..तो...सब अच्छा ही करेगे......स्नेह बनाए रखे., अभारी हूँ सर
आदरणीय सर,<br />
प्रणाम, सब आपके आशीर्वाद का प्रताप है.... ....आपकी सराहना...यूँही..मिलती रहे..तो...सब अच्छा ही करेगे......स्नेह बनाए रखे., अभारी हूँ सर सुन्दर भावों से परिपूर्ण रचना…tag:openbooks.ning.com,2012-03-03:5170231:Comment:1953572012-03-03T07:59:56.948Zसंदीप द्विवेदी 'वाहिद काशीवासी'http://openbooks.ning.com/profile/SandeipDwivediWahidKashiwasi
<p>सुन्दर भावों से परिपूर्ण रचना महिमा जी| आदरणीय योगराज जी के विचारों का मैं भी समर्थन करता हूँ| साभार,</p>
<p>सुन्दर भावों से परिपूर्ण रचना महिमा जी| आदरणीय योगराज जी के विचारों का मैं भी समर्थन करता हूँ| साभार,</p> itna achha likhengi aap
kar…tag:openbooks.ning.com,2012-03-03:5170231:Comment:1952222012-03-03T06:20:15.584ZPRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHAhttp://openbooks.ning.com/profile/PRADEEPKUMARSINGHKUSHWAHA
<p>itna achha likhengi aap </p>
<p>kar dogi kya sabki chutti</p>
<p>himmat nahi padti manch par</p>
<p>aesi racna dekha bap re bap</p>
<p>badhai dun kya, </p>
<p>lo diya ashirvad.</p>
<p>itna achha likhengi aap </p>
<p>kar dogi kya sabki chutti</p>
<p>himmat nahi padti manch par</p>
<p>aesi racna dekha bap re bap</p>
<p>badhai dun kya, </p>
<p>lo diya ashirvad.</p> सुंदर रचना बधाई स्वीकार करें tag:openbooks.ning.com,2012-03-03:5170231:Comment:1951052012-03-03T06:09:47.837ZCA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU'http://openbooks.ning.com/profile/SHAILENDRAKUMARSINGHMRIDU
<p>सुंदर रचना बधाई स्वीकार करें </p>
<p>सुंदर रचना बधाई स्वीकार करें </p> महिमा जी, कोई शक नहीं कि रचना…tag:openbooks.ning.com,2012-03-03:5170231:Comment:1952132012-03-03T05:29:45.014Zयोगराज प्रभाकरhttp://openbooks.ning.com/profile/YograjPrabhakar
<p>महिमा जी, कोई शक नहीं कि रचना का भाव पक्ष बहुत सदृढ़ है और शिल्प भी उत्तम है. मैंने एक जगह पहले भी अर्ज़ किया था कि कम शब्दों में आप बहुत अच्छी बात कहने की कला से भी वाकिफ हैं. क्या ही अच्छा हो अगर आप अपनी अभिव्यक्ति छंदों के माध्यम से करें. विशवास करें आपकी लेखनी में कई गुना निखार आ जायेगा, आप शुरुआत हाइकु से कर सकती हैं. बहरहाल इस रचना के लिए मेरी दिली बधाई स्वीकार करें.</p>
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<p>महिमा जी, कोई शक नहीं कि रचना का भाव पक्ष बहुत सदृढ़ है और शिल्प भी उत्तम है. मैंने एक जगह पहले भी अर्ज़ किया था कि कम शब्दों में आप बहुत अच्छी बात कहने की कला से भी वाकिफ हैं. क्या ही अच्छा हो अगर आप अपनी अभिव्यक्ति छंदों के माध्यम से करें. विशवास करें आपकी लेखनी में कई गुना निखार आ जायेगा, आप शुरुआत हाइकु से कर सकती हैं. बहरहाल इस रचना के लिए मेरी दिली बधाई स्वीकार करें.</p>
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