Comments - एक हुए दोहा यमक: -- संजीव 'सलिल' - Open Books Online2024-03-28T23:59:47Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A154050&xn_auth=noसभी दोहे बहुत सुन्दर एवं ज्ञा…tag:openbooks.ning.com,2011-09-25:5170231:Comment:1543512011-09-25T08:16:22.859Zआशीष यादवhttp://openbooks.ning.com/profile/Ashishyadav
<p>सभी दोहे बहुत सुन्दर एवं ज्ञानवर्धक लगे| कुछ दोहे जो मुझे खास पसंद आये वो,<br></br> बैठ डाल पर काटता, व्यर्थ रहा तू डाल.<br></br> मत उनको मत डाल तू, जिन्हें रहा मत डाल.. <br></br> <br></br> करने कन्यादान जो, चाह रहे वरदान.<br></br> करें नहीं वर-दान तो, मत कर कन्यादान..</p>
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<p>तनखा को तन खा गया, लेकिन मिटी न भूख.<br></br> सूख रहा आनन पिचक, कैसे रहे रसूख..</p>
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<p>नमन है आपकी लेखनी को जो इतनी <span id="6_TRN_3l">shandaar <span id="6_TRN_3m">ewan <span id="6_TRN_3n">ज्ञानवर्धक रचना…</span></span></span></p>
<p>सभी दोहे बहुत सुन्दर एवं ज्ञानवर्धक लगे| कुछ दोहे जो मुझे खास पसंद आये वो,<br/> बैठ डाल पर काटता, व्यर्थ रहा तू डाल.<br/> मत उनको मत डाल तू, जिन्हें रहा मत डाल.. <br/> <br/> करने कन्यादान जो, चाह रहे वरदान.<br/> करें नहीं वर-दान तो, मत कर कन्यादान..</p>
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<p>तनखा को तन खा गया, लेकिन मिटी न भूख.<br/> सूख रहा आनन पिचक, कैसे रहे रसूख..</p>
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<p>नमन है आपकी लेखनी को जो इतनी <span id="6_TRN_3l">shandaar <span id="6_TRN_3m">ewan <span id="6_TRN_3n">ज्ञानवर्धक रचना <span id="6_TRN_3r">karti है|</span></span></span></span></p>