Comments - ग़ज़ल - Open Books Online2024-03-29T06:16:23Zhttp://openbooks.ning.com/profiles/comment/feed?attachedTo=5170231%3ABlogPost%3A1090866&xn_auth=noआदरणीय बृजेश कुमार जी प्रस्तु…tag:openbooks.ning.com,2022-10-12:5170231:Comment:10919082022-10-12T13:32:54.680ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय बृजेश कुमार जी प्रस्तुत ग़ज़ल पर उत्साहवर्धन के लिए आपका अतिशय आभार. सादर</p>
<p>आदरणीय बृजेश कुमार जी प्रस्तुत ग़ज़ल पर उत्साहवर्धन के लिए आपका अतिशय आभार. सादर</p> आदरणीय सुशील सरना साहब सादर,…tag:openbooks.ning.com,2022-10-12:5170231:Comment:10918112022-10-12T13:32:14.308ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
<p>आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p> आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर साहब स…tag:openbooks.ning.com,2022-10-12:5170231:Comment:10918102022-10-12T13:31:35.533ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर साहब सादर, 'बारहमासा' शब्द को किसी क्रिया विशेष से जोड़कर देखा जाना उचित नहीं है. बारहमासा एक विशेषण अवश्य है. /खिलाएँ/ जी ! यह त्रुटि अवश्य रह गई है. प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
<p>आदरणीय अमीरुद्दीन अमीर साहब सादर, 'बारहमासा' शब्द को किसी क्रिया विशेष से जोड़कर देखा जाना उचित नहीं है. बारहमासा एक विशेषण अवश्य है. /खिलाएँ/ जी ! यह त्रुटि अवश्य रह गई है. प्रस्तुति पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p> आदरणीय महेंद्र कुमार जी प्रस्…tag:openbooks.ning.com,2022-10-12:5170231:Comment:10917102022-10-12T13:24:59.984ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय महेंद्र कुमार जी प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
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<p>आदरणीय महेंद्र कुमार जी प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
<p></p> हिंदी शब्दों को पिरोते हुए अ…tag:openbooks.ning.com,2022-10-04:5170231:Comment:10913552022-10-04T14:48:29.377Zबृजेश कुमार 'ब्रज'http://openbooks.ning.com/profile/brijeshkumar
<p> हिंदी शब्दों को पिरोते हुए अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय</p>
<p> हिंदी शब्दों को पिरोते हुए अच्छी ग़ज़ल कही आदरणीय</p> वाह आदरणीय जी बहुत खूबसूरत सृ…tag:openbooks.ning.com,2022-10-03:5170231:Comment:10912632022-10-03T11:14:16.906ZSushil Sarnahttp://openbooks.ning.com/profile/SushilSarna
वाह आदरणीय जी बहुत खूबसूरत सृजन हुआ है सर । हार्दिक बधाई सर
वाह आदरणीय जी बहुत खूबसूरत सृजन हुआ है सर । हार्दिक बधाई सर आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी…tag:openbooks.ning.com,2022-10-02:5170231:Comment:10912562022-10-02T12:48:24.247Zअमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवीhttp://openbooks.ning.com/profile/0q7lh6g5bl2lz
<p>आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय... </p>
<p>'सौहार्द रखे आँगन यदि बारहमासा' इस ऊला मिसरे में आया शब्द "बारहमासा" का अर्थ शब्दकोश में - <strong>विरह प्रधान लोकगीत; वह पद्य या गीत जिसमें बारह महीनों की प्राकृतिक विशेषताओं का वर्णन किसी विरही या विरहिणी के मुँह से कराया गया हो; वर्ष भर के बारह मास में नायक-नायिका की श्रृंगारिक विरह एवं मिलन की क्रियाओं के चित्रण। </strong>बताया गया है, इन अर्थों में ऊला मिसरे का सानी मिसरे के साथ रब्त नहीं है, क्या…</p>
<p>आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी आदाब, अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय... </p>
<p>'सौहार्द रखे आँगन यदि बारहमासा' इस ऊला मिसरे में आया शब्द "बारहमासा" का अर्थ शब्दकोश में - <strong>विरह प्रधान लोकगीत; वह पद्य या गीत जिसमें बारह महीनों की प्राकृतिक विशेषताओं का वर्णन किसी विरही या विरहिणी के मुँह से कराया गया हो; वर्ष भर के बारह मास में नायक-नायिका की श्रृंगारिक विरह एवं मिलन की क्रियाओं के चित्रण। </strong>बताया गया है, इन अर्थों में ऊला मिसरे का सानी मिसरे के साथ रब्त नहीं है, क्या इस मिसरे को यूँ किया जा सकता है? - </p>
<p>'यदि सौहार्द रहे मन आँगन जीवन में'</p>
<p>आख़िरी शे'र में '<strong>खिलाएं'</strong> में<strong> </strong>टंकण त्रुटि हो गयी है... देखियेगा।</p>
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<p></p> अच्छी ग़ज़ल है कही है आपने आदरण…tag:openbooks.ning.com,2022-10-02:5170231:Comment:10911572022-10-02T01:57:27.091ZMahendra Kumarhttp://openbooks.ning.com/profile/Mahendra
<p style="text-align: left;">अच्छी ग़ज़ल है कही है आपने आदरणीय अशोक रक्ताले जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।</p>
<p style="text-align: left;">अच्छी ग़ज़ल है कही है आपने आदरणीय अशोक रक्ताले जी। हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए। सादर।</p> आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस…tag:openbooks.ning.com,2022-10-01:5170231:Comment:10912462022-10-01T03:47:44.052ZAshok Kumar Raktalehttp://openbooks.ning.com/profile/AshokKumarRaktale
<p>आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत प्रयास पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p>
<p>आदरणीय समर कबीर साहब सादर नमस्कार, प्रस्तुत प्रयास पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर</p> जनाब अशोक रक्ताले जी आदाब, हि…tag:openbooks.ning.com,2022-09-30:5170231:Comment:10911432022-09-30T13:39:56.049ZSamar kabeerhttp://openbooks.ning.com/profile/Samarkabeer
<p>जनाब अशोक रक्ताले जी आदाब, हिन्दी शब्दों में ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>
<p>जनाब अशोक रक्ताले जी आदाब, हिन्दी शब्दों में ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।</p>